BAMS vs BHMS: यूं तो मेडिकल की पढ़ाई करके डॉक्टर बनने की चाह रखने वाले हर स्टूडेंट का सपना होता है कि वह एमबीबीएस डॉक्टर ही बने, लेकिन बहुत सारे स्टूडेंट्स हर साल बीएएमएस और बीएचएमएस जैसे कोर्सेज करते हैं. देश के तमाम कॉलेजों में इन दोनों कोर्सेज की पढ़ाई होती है और दोनों कोर्स करके तमाम युवा डॉक्टर बनकर मेडिकल सेवाएं देते हैं.
क्या होता है बीएएमएस?
बीएएमएस का फुल फॉर्म है बैचलर ऑफ आयुर्वेदिक मेडिसिन एंड सर्जरी (B.A.M.S.). यह कोर्स भी मेडिकल के दूसरे कोर्सेज की तरह साढ़े 5 साल का होता है. बीएएमएस में मुख्य रूप से आयुर्वेद के बारे में पढ़ाया जाता है. इस कोर्स में आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति से कैसे रोगों का इलाज किया जाए, इसकी जानकारी दी जाती है. बीएएमएस में जड़ी-बूटियों का दवा के रूप में उपयोग कैसे करना है, यह सिखाया जाता है. इसकी देखरेख सेंट्रल काउंसिल ऑफ इंडियन मेडिसिन (CCIM) द्वारा की जाती है. इस कोर्स को करने वाले आयुर्वेदिक डॉक्टर कहलाते हैं.
भारत में बीएएमएस की कुल 31811 सीटें हैं इनमें से 57 सरकारी आयुर्वेद मेडिकल कॉलेजों में 4257 सीटें हैं वहीं 1410 सीटें 21 सरकारी सहायता प्राप्त आयुर्वेदिक कॉलेजों में हैं. इसके अलावा 9 डीम्ड यूनिवर्सिटी में बीएएमएस की 820 सीटें उपलब्ध हैं. दो सेंट्रल यूनिवर्सिटीज में बीएएमएस की 138 सीटें हैं. बीएएमएस कोर्सेज में एडमिशन भी नीट परीक्षा के स्कारे के आधार पर ही होता है. सामान्य तौर पर बीएएमएस डॉक्टरों को विभिन्न अस्पतालों में नौकरी के मौके मिलते हैं, इसके अलावा सरकारी अस्पतालों में भी भर्तियां निकलती रहती हैं. भारत में बीएएमएस डॉक्टर की सैलरी औसतन 3.6 लाख से 8 लाख तक सालाना होती है. अनुभव के साथ उनकी सैलरी बढ़ती जाती है.
क्या होता है बीएचएमएस?
होम्योपैथिक डॉक्टर बनने के लिए बीएचएमएस का कोर्स करना होता है. बीएचएमएस का फुल फॉर्म बैचलर ऑफ होम्योपैथिक मेडिसिन एंड सर्जरी (B.H.M.S.) होता है. यह कोर्स करने के बाद उम्मीदवारों को होम्योपैथी में स्नातक की डिग्री मिलती है. BHMS कोर्स की अवधि दूसरे कोर्सेज की तरह ही साढ़े पांच साल की होती है. बीएचएमएस करने के बाद उम्मीदवार प्राइवेट क्लिनिक खोलकर भी इलाज कर सकता है. इसके अलावा, सरकारी और निजी अस्पतालों में भी नौकरी के अवसर होते हैं. भारत में बीएचएमएस की कुल 4290 सीटें उपलब्ध हैं. होम्योपैथिक कॉलेज में शिक्षक के रूप में भी काम किया जा सकता है, इसके अलावा एमडी भी किया जा सकता है। होम्योपैथिक डॉक्टर होम्योपैथी दवाओं के माध्यम से रोगियों का उपचार करते हैं। भारत में बीएचएमएस डॉक्टर की सालाना सैलरी तीन से बारह लाख के बीच होती है।
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FIRST PUBLISHED :
October 11, 2024, 14:25 IST