Bangladesh Violence: सूफी संत की कब्र खोदकर लाश को लगाई आग जातीय पार्टी के कार्यालय को फूंका

5 hours ago

शुक्रवार को बांग्लादेश में जुमे की नमाज के बाद हिंसा भड़क उठी. इस्लामिक कट्टरपंथियों ने जुमे की नमाज के बाद 2 दिल दहलाने वाली हिंसक घटनाओं को अंजाम दिया जिसे सुनकर आपकी रूह कांप जाएगी.  सबसे पहले इन कट्टरपंथियों ने जुमे की नमाज के बाद एक सूफी संत की कब्र को अपवित्र किया और फिर इसके बाद इन दंगाइयों ने उनके शव को कब्र से निकालकर जला दिया तो वहीं दूसरी तरफ जातीय पार्टी के दफ्तर को आग के हवाले कर दिया.  हिंसा की इन ताजा घटनाओं ने पूरे बांग्लादेश को हिलाकर रख दिया है. बांग्लादेश में पिछले साल हुए तख्तापलट के बाद से देश में हिंसा की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं. मुस्लिम कट्टरपंथी लगातार देश के अल्पसंख्यकों को अपना निशाना बना रहे हैं.

बांग्लादेश की लोकल मीडिया ने शनिवार को बताया कि बांग्लादेश की जातीय पार्टी (जेपीए) के ढाका स्थित केंद्रीय कार्यालय में उपद्रवियों ने तोड़फोड़ की और आग लगा दी. दस दिन में ऐसा दूसरी बार हुआ. यह घटना शुक्रवार देर शाम हुई, जब एक अन्य राजनीतिक दल, 'गोनो अधिकार परिषद', के नेताओं ने राजधानी के शाहबाग में एक रैली आयोजित की और जापा पर प्रतिबंध लगाने की मांग की. इस घटना की पुष्टि करते हुए, अग्निशमन सेवा और नागरिक सुरक्षा मुख्यालय के नियंत्रण कक्ष की ड्यूटी ऑफिसर रोजीना अख्तर ने कहा, "हमें शाम लगभग 7:00 बजे सूचना मिली कि कुछ लोगों ने जातीय पार्टी कार्यालय पर ईंट-पत्थर फेंके और फिर उसे आग लगा दी."

सूफी दरवेश नूरा पगला की कब्र को कट्टरपंथियों ने बनाया निशाना
बांग्लादेश के पश्चिमी राजबारी जिले में 5 सितंबर के दिन जुमे की नमाज के बाद कुछ मुस्लिम कट्टरपंथियों ने जुल्म की इंतेहा पार कर दी. इन कट्टरपंथियों ने सूफी दरवेश नूरा पगला की कब्र को अपने आतंक का शिकार बनाया. अभी दो सप्ताह पहले ही नूरा पगला की मौत हुई थी. उसका शव कब्र में दफनाया गया था. इन उपद्रियों ने उस सूफी दरवेश नूरा पगला की कब्र खोदकर उसके शव को बाहर निकाला और आग लगा दी. इसके साथ ही उनकी दरगाह पर भी तोड़फोड़ की. इसी दौरान नूरा पगला के कुछ अनुयायी इन उपद्रियों से भिड़ गए. इस हिंसक झड़प में एक शख्स की मौत हो गई जबकि 100 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे.

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जातीय पार्टी कार्यालय पर कर दिया हमला, लगा दी आग
मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार के तहत बांग्लादेश में बढ़ती राजनीतिक हिंसा के बीच, एक सप्ताह के भीतर इस तरह का यह दूसरा हमला था. बांग्लादेश के प्रमुख समाचार पत्र, ढाका ट्रिब्यून ने रमना पुलिस स्टेशन के सब-इंस्पेक्टर (एसआई) सज्जाद हुसैन के हवाले से कहा, "अचानक, कुछ उपद्रवियों ने जातीय पार्टी कार्यालय पर हमला कर दिया. उन्होंने अंदर कुछ फर्नीचर तोड़ दिया और आग लगा दी." जापा महासचिव शमीम हैदर पटवारी ने हमले की कड़ी निंदा की और कहा कि पार्टी इसके लिए गोनो अधिकार परिषद को जिम्मेदार मानती है.

सरकार घटना की न्यायिक जांच करवाएः शमीम हैदर पटवारी
शमीम हैदर पटवारी ने कहा, "सरकार को इस घटना की न्यायिक जांच करानी चाहिए. अगर दोषी पाया जाता है, तो गोनो अधिकार पार्टी का पंजीकरण रद्द कर दिया जाना चाहिए." पत्रकारों को संबोधित करते हुए, जापा प्रेसीडियम के सदस्य रेजाउल करीम ने गोनो अधिकार परिषद पर अप्रत्यक्ष रूप से निशाना साधते हुए कहा कि शाहबाग में रैली आयोजित करने वालों का ही इस हमले के पीछे हाथ है. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि अंतरिम सरकार सुरक्षा प्रदान करने और भीड़ के हमलों को रोकने में विफल रही है. उन्होंने कहा, "जातीय पार्टी बांग्लादेश में थी और भविष्य में भी रहेगी." हालांकि, गोनो अधिकार परिषद ने इन आरोपों का खंडन किया है.

इसके पहले जापा के केंद्रीय कार्यालय में 30 अगस्त को हुई थी तोड़फोड़
रिपोर्टों से पता चलता है कि इसी तरह के एक हमले में, जापा के केंद्रीय कार्यालय में 30 अगस्त को तोड़फोड़ की गई और आग लगा दी गई, जो ककरैल में उसके कार्यकर्ताओं और गोनो अधिकार परिषद के कार्यकर्ताओं के बीच हिंसक झड़पों के एक दिन बाद हुआ था. उस हमले के बाद, अवामी लीग ने जापा कार्यालय में तोड़फोड़, लूटपाट और आगजनी की कड़ी निंदा की. इसने यह भी आरोप लगाया कि यह घटना यूनुस शासन के प्रत्यक्ष समर्थन से हुई, जिसके शासन में बांग्लादेश में भीड़-आतंकवाद बड़े पैमाने पर व्याप्त है.शेख हसीना के नेतृत्व वाली अवामी लीग की लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार के सत्ता से हटने के बाद से, यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार के तहत बांग्लादेश हिंसा और अत्यधिक अराजकता की चपेट में है.

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