Last Updated:October 19, 2025, 13:48 IST
Karnataka High court Allows RSS Route March: कर्नाटक हाईकोर्ट ने RSS को चित्तापुर में रूट मार्च की अनुमति दी, कांग्रेस सरकार को झटका. कोर्ट ने सभी पक्षों की भावनाओं का सम्मान और शांतिपूर्ण आयोजन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया.

Karnataka High court Allows RSS Route March: कर्नाटक हाईकोर्ट की गुलबर्गा बेंच ने रविवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) को चित्तापुर में दो नवंबर को रूट मार्च आयोजित करने की अनुमति दे दी. यह फैसला सत्ताधारी कांग्रेस सरकार के लिए बड़ा झटका है, क्योंकि स्थानीय प्रशासन ने कानून-व्यवस्था की आशंकाओं के चलते पहले इसकी अनुमति देने से इनकार कर दिया था. कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि वह RSS की नई अर्जी पर विचार करे और सभी पक्षों की भावनाओं का सम्मान सुनिश्चित करे. यह मामला RSS की शताब्दी समारोह के बीच राजनीतिक विवाद का केंद्र बन गया है.
कोर्ट में सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता RSS कलबुर्गी संयोजक अशोक पाटिल ने प्रशासन के फैसले को चुनौती दी. उन्होंने बताया कि 13 अक्टूबर को अनुमति के लिए आवेदन दिया गया था, लेकिन अधिकारियों ने अंतिम समय तक आपत्तियां उठाईं. पाटिल ने न्यूज18 से कहा- कोर्ट ने नोट किया कि कर्नाटक में 259 RSS पथ संचालन शांतिपूर्ण ढंग से हो चुके हैं. यदि अन्य जगहों पर कोई समस्या नहीं हुई, तो चित्तापुर में क्यों नहीं? उन्होंने कहा कि चित्तापुर में पहले ही 12 ऐसे कार्यक्रम हो चुके हैं और 154 मंडलों में सफलतापूर्वक आयोजित किए गए हैं. हम आश्वस्त हैं कि दो नवंबर को अनुमति मिलेगी.
जस्टिस एमजीएस कमल ने सुनवाई में राज्य सरकार से सवाल किया कि वह ऐसे आयोजनों को कैसे समायोजित और प्रबंधित करेगी. कोर्ट ने RSS को जिला अधिकारियों के पास नई अर्जी दाखिल करने का निर्देश दिया और 24 अक्टूबर को अगली सुनवाई तय की. कोर्ट ने कहा कि सभी की भावनाओं का सम्मान करना जरूरी है. इस बीच, कोर्ट ने मार्च के लिए विनियमित शर्तें लगाई हैं, ताकि कोई उत्तेजना न फैले.
चित्तापुर मंत्री प्रियंक खरगे का क्षेत्र
चित्तापुर मंत्री प्रियंक खरगे का निर्वाचन क्षेत्र है. यह पहले भी राजनीतिक हॉटस्पॉट रहा है. मूल रूप से 19 अक्टूबर को प्रस्तावित मार्च को तहसीलदार नागय्या हीरमठ ने अस्वीकार कर दिया था. आदेश में कहा गया कि शांति भंग करने और किसी अप्रिय घटना से बचने के लिए अनुमति नहीं दी जा सकती. पुलिस की सिफारिश पर यह फैसला लिया गया, क्योंकि उसी रूट पर भीम आर्मी और भारतीय डालिट पैंथर्स भी जुलूस निकालने की योजना बना रहे थे. इससे टकराव की आशंका थी. शनिवार को नगर निगम ने RSS के बैनर और कटआउट हटा लिए, जो फीस जमा करने के बावजूद लगाए गए थे.
राज्य सरकार ने हाल ही में निजी समूहों जैसे RSS के आयोजनों के लिए सार्वजनिक संपत्तियों के उपयोग पर प्रतिबंध लगाया था. लेकिन कोर्ट के हस्तक्षेप से BJP ने कांग्रेस पर ‘तानाशाही’ का आरोप लगाया. प्रदेश अध्यक्ष बीवाई विजयेंद्रा येडियुरप्पा ने एक्स पर लिखा- चित्तापुर में संविधान का शोषण करने वाले अधिकारों का हनन कर रहे हैं. यह किम जोंग उन-शैली का शासन है. पूर्व सीएम बसवराज बोम्मई ने इसे ‘इमर्जेंसी शासन’ बताया. विपक्ष ने राज्यव्यापी आंदोलन की चेतावनी दी है.
कांग्रेस ने फैसले को राजनीतिक पूर्वाग्रह से मुक्त बताया. मंत्री प्रियंक खरगे के प्रतिनिधि ने कहा कि प्रशासन का निर्णय कानून-व्यवस्था पर आधारित था. BJP सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की कोशिश कर रही है.
न्यूज18 हिंदी में बतौर एसोसिएट एडिटर कार्यरत. मीडिया में करीब दो दशक का अनुभव. दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, आईएएनएस, बीबीसी, अमर उजाला, जी समूह सहित कई अन्य संस्थानों में कार्य करने का मौका मिला. माखनलाल यूनिवर्स...और पढ़ें
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First Published :
October 19, 2025, 13:44 IST