Last Updated:October 29, 2025, 11:50 IST
दिल्ली पुलिस ने अंतरराष्ट्रीय जासूसी नेटवर्क का भंडाफोड़ किया है. पुलिस ने आदिल हुसैनी और अख्तर हुसैनी को गिरफ्तार किया, जो BARC के फर्जी वैज्ञानिक बनकर घूम रहे थे. आरोप है कि उन्होंने फर्जी पहचान के जरिये संवेदनशील जानकारियां जुटाकर विदेशी एजेंसियों को भेजीं.
आदिल हुसैनी और उसका भाई अख्तर हुसैनी खुद को मुंबई स्थित भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (BARC) का वैज्ञानिक बताते थे.दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने जासूसी नेटवर्क से जुड़ा बड़ा खुलासा किया है. गिरफ्त में आए आरोपी आदिल हुसैनी और उसका भाई अख्तर हुसैनी खुद को मुंबई स्थित भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (BARC) का वैज्ञानिक बताते थे. दोनों पर आरोप है कि उन्होंने फर्जी पहचान के ज़रिए संवेदनशील जानकारियां विदेशी एजेंसियों को भेजीं, जिनके तार ISI हैंडलर्स और ईरान की परमाणु एजेंसी तक जुड़े हुए हैं.
स्पेशल सेल की जांच में सामने आया है कि आदिल और उसका भाई अख्तर ने भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर के तीन फर्जी आईडी कार्ड बनवाए थे. इन आईडी के सहारे वे सेंटर में प्रवेश करने की फिराक में थे. हालांकि, इससे पहले ही दोनों पुलिस के हत्थे चढ़ गए. सूत्रों ने बताया कि आरोपी भाभा सेंटर का लोगो और अन्य आधिकारिक दस्तावेज़ों की फर्जी कॉपी तैयार करते थे ताकि खुद को वैज्ञानिक साबित कर सकें.
ISI, ईरान और रूस से लिंक
जांच में यह भी सामने आया है कि यह गिरोह ISI हैंडलर्स, ईरान की परमाणु एजेंसी और रूस के जासूसी नेटवर्क से जुड़ा हुआ था. स्पेशल सेल के मुताबिक, आदिल सैयद आदिल हुसैन, मोहम्मद आदिल हुसैनी और नसीमुद्दीन जैसे कई फर्जी नामों से काम कर रहा था. उसके पास से कई जाली पासपोर्ट, फर्जी पहचान पत्र और संवेदनशील दस्तावेज़ बरामद हुए हैं.
खाड़ी देशों में सक्रिय था नेटवर्क
दोनों आरोपी फर्जी पासपोर्ट के ज़रिए दुबई और अन्य गल्फ देशों की कई बार यात्रा कर चुके हैं. वहां उन्होंने विदेशी एजेंटों को सुरक्षा और परमाणु-संबंधी जानकारियाँ बेचने के ऑफर भी दिए थे. सूत्रों के मुताबिक, आदिल हुसैनी लंबे समय तक दुबई में रहा और उसने जासूसी के पैसों से वहां कई संपत्तियों में निवेश भी किया.
नेटवर्क में और भी लोग शामिल
स्पेशल सेल ने इस नेटवर्क से जुड़े एक कैफ़े संचालक को भी हिरासत में लिया है, जबकि गिरोह के कई अन्य सदस्य अभी फरार हैं. पुलिस लगातार छापेमारी कर रही है और विदेशी एजेंसियों के संपर्कों की भी जांच की जा रही है.
पूछताछ में आदिल ने स्वीकार किया है कि उसने और उसके भाई ने फर्जी पहचान बनाकर संवेदनशील जानकारियाँ विदेशों में भेजीं. पुलिस के हाथ कई गोपनीय दस्तावेज़ और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस भी लगे हैं, जिनकी जांच फॉरेंसिक टीम कर रही है.
पुलिस सूत्रों का कहना है कि यह मामला देश की सुरक्षा से जुड़ा गंभीर जासूसी नेटवर्क हो सकता है, जिसमें विदेशी एजेंसियों की फंडिंग की भी संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता. फिलहाल स्पेशल सेल ने आरोपी आदिल हुसैनी को रिमांड पर लेकर पूछताछ शुरू कर दी है और पूरे नेटवर्क की कड़ियां जोड़ने की कोशिश की जा रही है.
An accomplished digital Journalist with more than 13 years of experience in Journalism. Done Post Graduate in Journalism from Indian Institute of Mass Comunication, Delhi. After Working with PTI, NDTV and Aaj T...और पढ़ें
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Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
October 29, 2025, 11:50 IST

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