BJP को इतनी देर क्यों लग रही? महाराष्ट्र CM पर लेटलतीफी से संघ हो गया नाराज!

1 month ago

मुंबई: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महायुति के पास बहुमत होने के बावजूद बीजेपी अब भी भावी मुख्यमंत्री के नाम का ऐलान नहीं कर सकी है. चुनावी नतीजों के एक हफ्ते बाद सरकार के शपथ ग्रहण की तारीख का ऐलान कर दिया गया, लेकिन अब राज्य में सरकार बनने में हो रही देरी को लेकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) बीजेपी से नाराज बताया जा रहा है. मुख्यमंत्री पद को लेकर जहां शिवसेना-बीजेपी में विवाद चल रहा था, वहीं उस वक्त के राजनीतिक घटनाक्रम पर भी तीखी चर्चा शुरू हो गई थी. माना जा रहा है कि संघ बीजेपी के पक्ष में है.

बहुमत होने पर भाजपा मुख्यमंत्री की घोषणा करने में देरी कर रही है. साथ ही संघ यह भी पूछ रहा है कि बीजेपी मुख्यमंत्री पद को लेकर इतना रहस्य क्यों बना रही है. जब इतना प्रचंड बहुमत था तो महायुति ने सरकार बनाने में गड़बड़ी क्यों की? संघ के हलकों में कहा जा रहा है कि मुख्यमंत्री पद के लिए अलग-अलग नामों पर चर्चा हुई है. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने शनिवार को सरकार के शपथग्रहण की तारीख घोषित कर महायुति सरकार के गठन का मुहूर्त तय कर दिया.

बीजेपी ने विधानसभा चुनाव में 132 सीटों पर हासिल की जीत
विधानसभा चुनाव के परिणामों की घोषणा के करीब एक हफ्ते के इंतजार के बाद यह तारीख तय की गई. इस दौरान राज्य में काफी राजनीतिक हलचल देखने को मिली, और कुछ कारणों से भाजपा को सरकार गठन में देरी हुई. भाजपा ने विधानसभा चुनाव में 288 सीटों में से 132 सीटों पर जीत हासिल की, जो बहुमत के करीब है. हालांकि, इस तरह के शानदार चुनावी प्रदर्शन के बावजूद, सरकार बनाने में इतनी देरी क्यों हुई? संघ इसी कारण से भाजपा से नाराज बताई जा रही है.

अब तक नहीं हुआ सीएम पद पर फैसला
विधानसभा चुनाव में भारी बहुमत मिलने के बावजूद बीजेपी ने अब तक विधानसभा नेता और मुख्यमंत्री पद के चयन पर कोई फैसला नहीं लिया है. इसके कारण पिछले एक हफ्ते से भाजपा और राज्य की राजनीति में संभावित मुख्यमंत्री को लेकर तरह-तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं. भाजपा नेतृत्व ने अभी तक यह स्पष्ट नहीं किया है कि मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी किसे दी जाएगी, जिससे राजनीतिक गलियारों में गहमागहमी बनी हुई है.

बीजेपी से क्यों नाराज है संघ
न्यूज18 मराठी ने सूत्रों के हवाले से बताया कि आरएसएस की नाराजगी इस बात को लेकर है कि भाजपा ने मुख्यमंत्री पद के चयन को लेकर कोई स्पष्टता नहीं दिखाई और जातीय समीकरणों के आधार पर संभावित उम्मीदवारों को लेकर कयास लगने तेज हो गए. कहा जा रहा है कि आरएसएस चाहता था कि भाजपा जल्दी से जल्दी मुख्यमंत्री का चयन कर राज्य में स्थिरता स्थापित करे, लेकिन भाजपा के अंदर चल रही ऊहापोह ने संघ के नेतृत्व को नाराज कर दिया है. राज्य में मुख्यमंत्री पद को लेकर जातीय समीकरणों का मुद्दा भी जोर पकड़ चुका था, जिसके कारण संघ का असंतोष बढ़ा है.

विधानसभा चुनाव में बीजेपी की सफलता में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अहम भूमिका रही है. चुनाव के दौरान हर जिले में संघ के कार्यकर्ता सक्रिय रहे थे. कहा जा रहा है कि संघ की मेहनत के कारण ही बीजेपी बड़ी जीत हासिल कर पाई, लेकिन फिर भी मुख्यमंत्री कौन होगा, इसे लेकर गोपनीयता बरती जा रही है. इससे विरोधियों को आलोचना करने का मौका मिल गया. अब भाजपा के नेतृत्व को यह तय करना होगा कि वे किसे मुख्यमंत्री बनाते हैं और साथ ही राज्य की राजनीति में स्थिरता कैसे बनाए रखते हैं, ताकि संघ और पार्टी के बीच संतुलन बना रहे.

Tags: BJP, Devendra Fadnavis, Eknath Shinde, Mohan bhagwat, Shiv sena

FIRST PUBLISHED :

December 1, 2024, 23:42 IST

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