BMC चुनाव का ऐलान होते ही एक्टिव हो गए उद्धव के दूत, कांग्रेस की बढ़ाई टेंशन

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Last Updated:December 16, 2025, 11:08 IST

BMC Election News: बीएमसी चुनाव में उद्धव और राज ठाकरे के बीच गठबंधन लगभग तय है. अब सबकी नजर इनके बीच सीट बंटवारे पर टिकी है. हालांकि इसे लेकर कांग्रेस असमंजस में है और महायुति से बाहर रह सकती है.

BMC चुनाव का ऐलान होते ही एक्टिव हो गए उद्धव के दूत, कांग्रेस की बढ़ाई टेंशनशिवसेना (उबाठा) के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे के साथ मनसे चीफ राज ठाकरे. (पीटीआई)

महाराष्ट्र में 29 महानगरपालिकाओं के चुनाव का बिगुल बजते ही सियासी हलचल तेज हो गई है. खास तौर पर मुंबई महानगरपालिका चुनाव (BMC) को लेकर राजनीतिक गलियारों में सरगर्मियां अपने चरम पर हैं. इसी बीच शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने बड़ा संकेत देते हुए साफ कर दिया है कि बीएमसी चुनाव से पहले ठाकरे ब्रदर्स की युति लगभग तय मानी जा रही है.

संजय राउत ने कहा कि चुनाव का ऐलान हो चुका है और अगले हफ्ते उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे की युति का औपचारिक ऐलान किया जाएगा. उन्होंने यह भी बताया कि वह खुद राज ठाकरे से मुलाकात करने जा रहे हैं. राउत के मुताबिक, जैसे ही उद्धव और राज ठाकरे के एक साथ आने की खबर सामने आई है, महाराष्ट्र की राजनीति में उत्साह का माहौल बन गया है और कार्यकर्ताओं में नई ऊर्जा दिख रही है.

नई महायुति में कौन-कौन रहेगा?

बीएमसी चुनाव को एकजुट होकर लड़ने को लेकर शिवसेना (ठाकरे गुट), मनसे और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार गुट) के बीच लगभग सहमति बन चुकी है. सूत्रों के अनुसार, तीनों दल मिलकर मुंबई महानगरपालिका चुनाव लड़ सकते हैं, जबकि वामपंथी दलों के भी इस महागठबंधन में शामिल होने की संभावना जताई जा रही है. माना जा रहा है कि इस गठबंधन का मकसद मुंबई में भाजपा को कड़ी चुनौती देना है.

सीट बंटवारे का क्या होगा गणित?

सीट बंटवारे को लेकर भी अंदरखाने चर्चा तेज है. शुरुआती बातचीत के मुताबिक ठाकरे गुट 120 से 125 वार्डों पर चुनाव लड़ने की तैयारी में है, जबकि मनसे को 75 से 80 वार्ड और राष्ट्रवादी (शरद पवार गुट) को 20 से 27 वार्ड मिलने की संभावना है. हालांकि अंतिम फैसला वरिष्ठ नेताओं की बातचीत के बाद ही होगा, लेकिन संकेत साफ हैं कि ठाकरे ब्रदर्स की युति बीएमसी चुनाव की धुरी बनने जा रही है.

कांग्रेस की क्यों बढ़ सकती है मुश्किल?

इस पूरे घटनाक्रम में कांग्रेस की भूमिका सबसे ज्यादा सवालों के घेरे में है. संजय राउत ने इशारों-इशारों में कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि कांग्रेस के फैसले दिल्ली से होते हैं और ऐसा नहीं लगता कि वह इस युति का हिस्सा बनने के लिए तैयार है. कांग्रेस के अलग-थलग पड़ने की आशंका ने पार्टी की टेंशन बढ़ा दी है, क्योंकि अगर ठाकरे गुट, मनसे और राष्ट्रवादी एक साथ आते हैं तो कांग्रेस के लिए मुंबई की सियासत में राह और मुश्किल हो सकती है.

कुल मिलाकर, बीएमसी चुनाव का ऐलान होते ही उद्धव ठाकरे के दूत पूरी तरह एक्टिव मोड में आ गए हैं. राज ठाकरे को साथ लाने की कोशिशें तेज हैं और अगर यह युति जमीन पर उतरी, तो मुंबई की राजनीति में बड़ा उलटफेर तय माना जा रहा है, जिसका सीधा असर कांग्रेस की रणनीति और सियासी भविष्य पर पड़ सकता है.

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Saad Omar

An accomplished digital Journalist with more than 13 years of experience in Journalism. Done Post Graduate in Journalism from Indian Institute of Mass Comunication, Delhi. After Working with PTI, NDTV and Aaj T...और पढ़ें

Location :

Mumbai,Maharashtra

First Published :

December 16, 2025, 11:08 IST

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