China-Japan Tension: सातवें आसमान पर चीन-जापान की टेंशन, 'ड्रैगन' की मदद के लिए आए रूसी बॉम्बर, क्या बोला US?

1 hour ago

Japan-China War: जापान और चीन के बीच तल्खी 7 नवंबर से सुर्खियां बटोर रही है. जमीन पर बिगड़े संबंध अब आसमान तक पहुंच गए हैं. हाल ही में जापान ने चीन पर अपने एयरक्राफ्ट को लॉक करने का आरोप लगाया. बीजिंग ने इससे साफ इनकार भी किया. अब खबर है कि रूसी बॉम्बर चीनी एयर पेट्रोलिंग का हिस्सा बन गए हैं तो वहीं अमेरिका ने भी जापान के कदम को सही करार दिया है.

जापानी रक्षा मंत्रालय ने मंगलवार देर रात कहा कि जापान ने देश भर में जॉइंट पेट्रोलिंग कर रही रूसी और चीनी एयर फोर्स पर नजर रखने के लिए जेट भेजे हैं. दो रूसी टीयू-95 न्यूक्लियर-कैपेबल स्ट्रेटेजिक बॉम्बर्स ने जापान सागर से पूर्वी चीन सागर की ओर उड़ान भरी ताकि दो चीनी एच-6 बॉम्बर्स से मिल सकें और एक लंबी दूरी की जॉइंट फ्लाइट कर सकें.

जापान बोला-सुरक्षा के लिए गंभीर चिंता

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जापान के रक्षा मंत्री शिंजिरो कोइजुमी ने बुधवार को एक्स पोस्ट में कहा, 'रूस और चीन का संयुक्त अभ्यास साफ तौर पर हमारे देश के खिलाफ ताकत दिखाने के इरादे से किया गया था, जो हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक गंभीर चिंता की बात है.'

वहीं पहली बार अमेरिका ने भी जापानी फाइटर जेट्स पर चीनी सेना के रडार इस्तेमाल की आलोचना की. जापानी मीडिया हाउस ने इसकी पुष्टि की है. उसके मुताबिक अमेरिकी विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने बुधवार को ईमेल के जरिए 'द जापान टाइम्स' को बताया, 'चीन की हरकतें इलाके की शांति और स्थिरता के लिए सही नहीं हैं.' अमेरिका-जापान अलायंस पहले से कहीं ज्यादा मजबूत और एकजुट है. हम अपने साथी जापान को लेकर पूरी तरह से समर्पित हैं, और हम इस और दूसरे मुद्दों पर करीबी संपर्क में हैं.'

चीन ने फिलहाल साधी चुप्पी

जापान के चीफ कैबिनेट सेक्रेटरी मिनोरू किहारा ने टिप्पणियों का स्वागत करते हुए कहा कि ये 'यूएस-जापान के मजबूत गठबंधन को दिखाते हैं'. चीनी विदेश मंत्रालय ने फिलहाल इस पर कोई टिप्पणी नहीं की है.

शनिवार की घटना के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन की यह आलोचना पहली टिप्पणी थी. 6 दिसंबर को लियाओनिंग एयरक्राफ्ट कैरियर से भेजे गए चीनी फाइटर जेट्स ने एयर सेल्फ-डिफेंस फोर्स के जेट्स को दो बार रडार लॉक किया था; टोक्यो ने इस हरकत को 'खतरनाक' बताया था.

रडार की यह घटना ऐसे समय में हुई जब टोक्यो और बीजिंग प्रधानमंत्री साने ताकाइची के 7 नवंबर के बयान के बाद दोनों देश आपस में उलझे हुए हैं. ताकाइची ने डाइट में कहा था कि सेल्फ-डिफेंस फोर्स को कुछ 'सबसे विपरीत स्थितियों' में तैनात किया जा सकता है, जैसे कि ताइवान पर चीनी नौसेना की नाकाबंदी, जिसके बारे में उन्होंने कहा कि यह जापान के 'अस्तित्व के लिए खतरे' वाली स्थिति होगी.

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