China military drill against Taiwan News: भारत से एलएसी पर चल रहे विवाद को थोड़ा ठंडा करने के बाद चीन अब अपना पूरा फोकस ताइवान पर शिफ्ट करता हुआ नजर आ रहा है. ताइवान को हड़पने के लिए वह लगातार उसके चारों और मिलिट्री ड्रिल करके उसे एकीकरण प्रस्ताव मंजूर करने के लिए डरा रहा है. उसने आज भी ताइवान की ओर 37 फाइटर जेट और 6 वारशिप भेजे. सर्विलांस सिस्टम से चीन के विमानों का पता लगते ही ताइवान ने अपने एयर डिफेंस सिस्टम को तुरंत एक्टिव कर दिया, जिसके बाद चीनी विमान दूसरी ओर मुड़ गए.
चीन ने ताइवान की ओर भेजे जेट्स
रिपोर्ट के मुताबिक चीनी विमानों को आज सुबह 9 बजे के आसपास देखा गया. इसके बाद उनमें से 37 विमानों ने चीन और ताइवान को जोड़ने वाली ताइवान जलडमरूमध्य की मध्य रेखा को पार किया. यह समुद्र का वो मध्य हिस्सा है, जो चीन और ताइवान को अलग करता है. ताइवानी रक्षा मंत्रालय के मुताबिक चीनी जेट्स ने जैसे ही इस रेड लाइन को पार कर ताइवान के हवाई क्षेत्र में प्रवेश किया. उसके बाद ताइवान की सेना ने विमान, नौसैनिक जहाजों और तट-आधारित मिसाइल प्रणालियों को तैनात करके जवाब दिया.
ताइवान की चेतावनी के बाद चीनी ड्रिल
चीन ने यह उकसावे वाली कार्रवाई ताइवान के उस बयान के जवाब में की है, जिसमें उसने शनिवार को यह कहा था कि उसने द्वीप के चारों ओर लड़ाकू जेट और युद्धपोतों वाली चीनी सेना की संयुक्त युद्ध तत्परता गश्ती का पता लगाया है. ताइवान ने कहा कि उसने रविवार को स्व-शासित द्वीप के पास 37 चीनी लड़ाकू जेट, ड्रोन और अन्य विमानों का पता लगाया, क्योंकि बीजिंग ने 'लंबी दूरी' की प्रशिक्षण उड़ानें भरी थीं.
जबरन ताइवान को हड़पने की साजिश
बताते चलें कि चीन ने हाल के वर्षों में ताइवान के आसपास अपनी सैन्य गतिविधियां बढ़ा दी है. ऐसा करके वह ताइवान पर अपनी संप्रभुता के अपने दावों को स्वीकार करने के लिए दबाव डाल रहा है. चीन ताइवान को अपने क्षेत्र का हिस्सा मानता है और उसे हर हाल में अपने मिलाने के लिए आमादा है. वह ताइवान के एकीकरण के लिए बल प्रयोग से भी इनकार नहीं करता. वहीं ताइवान खुद को स्वतंत्र लोकतांत्रिक देश बताते हुए चीन के दावे को नकारता है.
हमला करने का साहस क्यों नहीं जुटा पा रहा चीन?
बीजिंग ने इससे पहले पिछले महीने भी ताइवान के आसपास बड़े पैमाने पर सैन्य अभ्यास किया था, जिसकी अमेरिका और पश्चिमी देशों ने कड़ी निंदा की थी. इस दौरान चीनी सेना के लड़ाकू विमानों ने अपने लंबी दूरी के लड़ाकू विमानों की क्षमता का भी परीक्षण किया. साथ ही बीजिंग ने प्रशांत महासागर में एक अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल भी दागी थी. हालांकि जापान और अमेरिका के साथ ताइवान के घनिष्ठ संबंधों को देखते हुए चीन अब तक उस पर हमला करने का साहस नहीं जुटा पाया है.