'CM इन वेटिंग' चंपई सोरेन की मुस्कान का क्या है राज? झारखंड की सियासत गर्म

4 weeks ago

रांची. क्या चंपई सोरेन, जो कुछ समय पहले झारखंड के मुख्यमंत्री थे, झारखंड विधानसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में शामिल हो रहे हैं? यह सवाल उन राजनीतिक चर्चाओं से उठा है, जिसे रांची और नई दिल्ली दोनों के सत्ता गलियारों में बड़े पैमाने पर सुना जा सकता है. राजनीतिक गलियारों में यह बात मशहूर थी कि जिस तरह से हेमंत सोरेन को दोबारा सीएम बनाने के लिए उन्हें मुख्यमंत्री पद से बेपरवाह तरीके से हटाया गया, उससे चंपई सोरेन नाखुश थे. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा हेमंत सोरेन को गिरफ्तार किए जाने के बाद उन्हें शीर्ष पद पर नियुक्त किया गया था, ताकि उनकी वापसी तक सीट सुरक्षित रहे.

लोकसभा चुनाव में बागी उम्मीदवार के रूप में लड़ने वाले झामुमो के पूर्व विधायक लोबिन हेम्ब्रोम ने एक मीडिया संगठन को बताया कि चंपई सोरेन भाजपा नेतृत्व के संपर्क में हैं. उन्होंने कहा कि अब ‘परिवारवाद’ या वंशवाद की राजनीति का विरोध करने का समय आ गया है. इससे चंपई सोरेन के झामुमो छोड़ने की अटकलें तेज हो गईं. धीरे-धीरे, न केवल चंपई सोरेन, बल्कि लोबिन हेम्ब्रम के साथ-साथ मौजूदा मंत्री बादल पत्रलेख के भी दिल्ली में भाजपा में शामिल होने की चर्चा तेज हो गई है.

अफवाहों को हवा देने वाली बात असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा द्वारा चंपई सोरेन की प्रशंसा करना है. उन्होंने कहा, “झारखंड में झामुमो-कांग्रेस शासन के पिछले पांच वर्षों में, अगर कोई काम पूरा हुआ है तो वह मुख्यमंत्री के रूप में चंपई सोरेन के छह महीने के कार्यकाल के दौरान हुआ है.” यह बयान तब और अधिक महत्वपूर्ण हो जाता है जब बताया जाता है कि सरमा झारखंड चुनाव के लिए भाजपा के सह-प्रभारी भी हैं, जो इस साल के अंत में होने की उम्मीद है. अटकलों के बारे में, भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने कहा, “वह (चंपई सोरेन) एक सक्षम मुख्यमंत्री के रूप में झारखंड की सेवा कर रहे थे. झारखंड की साढ़े तीन करोड़ जनता उनके काम से खुश है. लेकिन जिस तरह से उन्हें सीएम पद से हटाया गया, वह दुर्भाग्यपूर्ण था…उनकी गलती क्या थी?’

हालांकि, अटकलों के केंद्र में मौजूद शख्स ने चर्चा को खारिज कर दिया है. चंपई सोरेन ने मुस्कुराहट और शांत स्वभाव के साथ नई दिल्ली की अपनी अनुमानित यात्रा को अधिक महत्व नहीं दिया. शुक्रवार को अपने निर्वाचन क्षेत्र सरायकेला में रहने के दौरान जब उनसे पत्रकारों ने सवाल पूछा तो उन्होंने कहा, “आप लोग ऐसे सवाल पूछते हैं… मैं आपके सामने हूं.”

यह सर्वविदित है कि हेमंत सोरेन के जमानत पर जेल से रिहा होने के बाद जिस तरह से चंपई सोरेन को हटाया गया, वह उससे खुश नहीं थे. सूत्रों का कहना है कि उन्होंने करीबी तौर पर शिकायत की कि जिस तरह से उन्हें हटाया गया, उससे उन्हें “अपमानित” महसूस हुआ. वह एक आदिवासी नेता हैं जो हमेशा “प्रतीक्षारत मुख्यमंत्री” रहे हैं. वह जन्म से आदिवासी हैं और झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) पार्टी के पहले परिवार – सोरेन्स के वफादार हैं.

Tags: BJP, Champai soren, Hemant soren

FIRST PUBLISHED :

August 17, 2024, 18:34 IST

Read Full Article at Source