Last Updated:November 11, 2025, 11:52 IST
Delhi Car Blast: लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास उमर मोहम्मद ने ANFO विस्फोटक से कार ब्लास्ट किया, तारिक ने मदद की. फरीदाबाद मॉड्यूल से जुड़े डॉक्टरों की गिरफ्तारी हुई, जांच जारी है.
ब्लास्ट के लिए अमोनियम नाइट्रेट फ्यूल ऑयल का इस्तेमाल किया गया.Delhi Car Blast: दिल्ली के लाल किला मेट्रो स्टेशन के पार हुए कार विस्फोट मामले की शुरुआती जांच में पता चला है कि धमाके में अमोनियम नाइट्रेट फ्यूल ऑयल (ANFO) जैसे शक्तिशाली विस्फोटक का इस्तेमाल किया गया था. मौके पर सोमवार को मौजूद फॉरेंसिक टीम के मुताबिक यह एक हाई एक्सप्लोसिव ब्लास्ट था. हालांकि जमीन पर गड्ढा नहीं बना क्योंकि यह विस्फोट ऊपरी की तरफ हुआ था.न्यूज 18 इंडिया ने सोमवार को सबसे पहले खुलासा किया था कि यह नए पैटर्न का ब्लास्ट लग रहा है क्योंकि घटनास्थल पर गड्ढे नहीं हुए थे.
मुख्य संदिग्ध – उमर मोहम्मद
धमाके में सबसे बड़ा नाम डॉ. उमर मोहम्मद का ही सामने आया है, जो जम्मू-कश्मीर के पुलवामा का रहने वाला था. इसकी इस ब्लास्ट में मौत हुई है. उमर पेशे से डॉक्टर था लेकिन कुछ समय से जैश-ए-मोहम्मद (JeM) से जुड़े एक आतंकी नेटवर्क में सक्रिय था. कार का आखिरी मालिक भी वही था. माना जा रहा है कि उसी ने विस्फोटक को कार में रखा. सोमवार को ही फरीदाबाद और जम्मू कश्मीर से उसके साथियों की गिरफ्तारी हुई उसके बाद से वह घबराहट में था. उमर ने लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास ब्लास्ट के पहले कुछ लोगों से मुलाकात की थी. उनकी शिनाख्त जारी है.
जांच में पाया गया था कि उमर को आतंकी मॉड्यूल से फंडिंग मिल रही थी और उसका काम कार को विस्फोटक से लैस करना था. आगे के टास्क में अब तक लग रहा है लाल किले के पास हुआ ब्लास्ट पैनिक में किया गया.
कार का ट्रेल और दूसरा संदिग्ध– तारिक
हुंडई i20 की जांच में मालूम हुआ कि सलमान नाम के व्यक्ति ने यह कार गुरुग्राम में खरीदी थी, उसने कहा कि उसने इसे पहले ही बेच दिया था. देवेंद्र नामक व्यक्ति ने यह कार बीच में खरीदी थी. आखिर में उमर मोहम्मद के पास यह पहुंची, जिसने इसे धमाके में इस्तेमाल किया. जांच में एक और नाम तारिक (पुलवामा, जम्मू-कश्मीर) का सामने आया है, जिसने कार उमर तक पहुंचाने में मदद की. पुलिस का मानना है कि तारिक ने लॉजिस्टिक सपोर्ट दिया.
फरीदाबाद मॉड्यूल से कनेक्शन
दिल्ली ब्लास्ट की कड़ी फरीदाबाद में पकड़े गए जैश-ए-मोहम्मद मॉड्यूल से जुड़ी है. 10 नवंबर की सुबह ही इस मॉड्यूल से 2,500 किलो विस्फोटक सामग्री बरामद हुई थी, जिसमें 360 किलो अमोनियम नाइट्रेट, डिटोनेटर, टाइमर और इलेक्ट्रॉनिक सर्किट्स शामिल थे. इस मॉड्यूल में ज्यादातर कश्मीर के डॉक्टर शामिल थे, जो फरीदाबाद और एनसीआर में किराए के मकानों में विस्फोटक जमा कर रहे थे.
डॉ. मुझम्मिल शकील उर्फ मुजम्मिल शकील पुलवामा निवासी है. वह अल-फलाह अस्पताल (फरीदाबाद) में काम करता था. उसने धौज और फतेहपुर टागा गांवों में दो मकान किराए पर लेकर वहां विस्फोटक रखे थे. पुलिस ने उसे 10 नवंबर की सुबह ही गिरफ्तार कर लिया था. सूत्रों के मुताबिक उसने उमर को विस्फोटक और उपकरण उपलब्ध कराए थे. इस एंगल पर भी जांच जारी है. माना जा रहा है कि यह मॉड्यूल दिल्ली और दूसरे शहरों में कई धमाके करने की योजना बना रहा था.
डॉ. अदील अहमद राथर अनंतनाग, जम्मू-कश्मीर का रहने वाला है और गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज, अनंतनाग में काम कर चुका है. इसे उत्तर प्रदेश के सहारनपुर से गिरफ्तार किया गया था. इसने जैश-ए-मोहम्मद के प्रचार पोस्टर लगाए थे. वह सोशल मीडिया के जरिए युवाओं को भड़काने में शामिल था. इसके पास से हथियार और सामग्री मिली जो अस्पताल के लॉकर में छिपाई गई थी.
डॉ. शाहीन शाहिद फरीदाबाद में रहने वाली डॉक्टर, जिसने अपनी कार में हथियार छिपाने में मदद की थी. जांच में पता चला कि वह भी इसी आतंकी नेटवर्क का हिस्सा थी.
न्यूज18 हिंदी में बतौर एसोसिएट एडिटर कार्यरत. मीडिया में करीब दो दशक का अनुभव. दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, आईएएनएस, बीबीसी, अमर उजाला, जी समूह सहित कई अन्य संस्थानों में कार्य करने का मौका मिला. माखनलाल यूनिवर्स...और पढ़ें
न्यूज18 हिंदी में बतौर एसोसिएट एडिटर कार्यरत. मीडिया में करीब दो दशक का अनुभव. दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, आईएएनएस, बीबीसी, अमर उजाला, जी समूह सहित कई अन्य संस्थानों में कार्य करने का मौका मिला. माखनलाल यूनिवर्स...
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First Published :
November 11, 2025, 11:52 IST

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