DGP की बेटी, बैडमिंटन में जीते 17 मेडल, इंजरी ने बदली जिंदगी, बन गईं IPS अफसर

2 weeks ago

नई दिल्ली (Kuhoo Garg IPS Success Story). पिता और बेटी का रिश्ता सबसे अलग होता है. ज्यादातर बेटियां पिता को अपना रोल मॉडल मानती हैं और उन्हीं के पदचिन्हों पर चलती हैं. उत्तराखंड के पूर्व डीजीपी अशोक कुमार ने भी अपनी बेटी की जिंदगी में गहरी छाप छोड़ी है. हम बात कर रहे हैं आईपीएस अफसर कुहू गर्ग की. वह एक बैडमिंटन खिलाड़ी हैं और नेशनल-इंटरनेशनल स्पोर्ट्स इवेंट्स में 17 से ज्यादा मेडल जीत चुकी हैं.

यूपीएससी सीएसई 2023 में 178वीं रैंक हासिल करने वाली कुहू गर्ग 9-10 साल की उम्र से बैडमिंटन खेलने लगी थीं (Kuhoo Garg IPS Rank). उनके माता-पिता भी खेल में काफी रुचि रखते थे और इसीलिए दोनों ने इन्हें इस क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया. यूपीएससी परीक्षा में सफल होने के बाद कुहू गर्ग को आईपीएस यानी भारतीय पुलिस सेवा में सरकारी नौकरी मिली है. बचपन से पिता को दूसरों की सेवा करते हुए देखने वाली कुहू भी लोगों के लिए कुछ करने का जज्बा रखती हैं.

Kuhoo Garg IPS Biography: देहरादून से दिल्ली तक हुई पढ़ाई
कुहू गर्ग के पिता अशोक कुमार ट्रांसफरेबल जॉब में थे. इस वजह से शुरुआत में कुहू ने भी अलग-अलग शहरों में रहकर पढ़ाई की. कुहू गर्ग की प्रारंभिक शिक्षा देहरादून स्थित सेंट जोसेफ स्कूल से हुई थी. फिर 8वीं से 12 वीं तक दिल्ली के संस्कृति स्कूल से पढ़ाई की. साल 2018 में उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी के टॉप कॉलेजों में शामिल एसआरसीसी से इकोनॉमिक्स ऑनर्स की डिग्री हासिल की थी. इस दौरान उन्होंने कुछ ऐसे दोस्त बनाए, जो अभी तक उनके साथ हैं.

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Kuhoo Garg Badminton: टीम इंडिया की शानदार प्लेयर
कुहू ने नेशनल और इंटरनेशनल लेवल पर कई बैडमिंटन मैच खेले और जीते हैं. कुहू के पिता अशोक कुमार के अनुसार, कुहू गर्ग पहली खिलाड़ी हैं, जिन्होंने टीम इंडिया के लिए खेलते हुए UPSC परीक्षा पास की. ऐसे में ओपन कैटेगरी में कुहू की यह बड़ी उपलब्धि है. कुहू गर्ग के कोच डॉ. डी के सेन थे. उन्हें साइना नेहवाल के कोच गोपीचंद से भी सीखने का मौका मिला. उन्होंने नेशनल चैंपियनशिप 2019 में सिल्वर मेडल तो साउथ एशियन गेम्स 2019 में गोल्ड मेडल हासिल किया था.

Kuhoo Garg UPSC: इंजरी में लिया ब्रेक
आईपीएस कुहू गर्ग कहती हैं कि इंसान की जिंदगी में एक टर्निंग पॉइंट आता है, जिससे उसकी जिंदगी बदल जाती है. बचपन से बैडमिंटन खेलने वाली कुहू को अचानक इंजरी हुई, जिसके बाद उनकी सर्जरी की गई. उन्होंने साल भर तक बेडरेस्ट पर रहना पड़ा. इस दौरान कुहू गर्ग ने यूपीएससी परीक्षा की तैयारी की थी. उनकी स्कूल फ्रेंड नारायणी भाटिया ने इस दौरान उनकी काफी मदद की. नारायणी भाटिया ने यूपीएससी-2023 में 45वीं रैंक हासिल की थी. वह यूपी कैडर की आईएएस अफसर हैं.

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Tags: IPS Officer, Success Story, Upsc exam

FIRST PUBLISHED :

November 4, 2024, 08:28 IST

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