DNA: 80 साल बाद फिर होगा परमाणु हमला? इस बार कौन गिराएगा 'एटम बम', किसपर कूद रहा ईरान?

4 hours ago

DNA Analysis: विश्व की वो परमाणु शक्तियां, जिनके मन में लंबे समय से ये छटपटाहट थी कि घर में रखे परमाणु बम का क्या करें, उनके लिए अब, परमाणु बम फोड़ने का खतरनाक अवसर आ गया है. क्योंकि, ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमले के बाद सबसे ज्यादा आशंका परमाणु युद्ध छिड़ने की है. इसकी दो नई और बड़ी वजहें हैं.

पहली वजह ये है कि जिस ईरान पर परमाणु बम बनाने का आरोप लगाकर हमले किये गए. उस ईरान को नॉर्थ कोरिया परमाणु बम ऑफर कर सकता है, ऐसा दावा किया जा रहा है और दूसरी वजह- ईरान की सेना को हमले की खुली छूट मिल गई है. तो क्या, ईरान और इजरायल का युद्ध दुनिया के पहले आधिकारिक परमाणु युद्ध में बदलने वाला है? क्या, 80 साल बाद फिर से विश्व परमाणु हमला होते हुए देखेगा?

1945 में हुआ था परमाणु हमला
1945 में द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान जापान के नागासाकी और हिरोशिमा पर परमाणु हमला हुआ. इस हमले को 80 साल बीत चुके हैं. दुनिया में इसके बाद युद्ध तो बहुत हुए. लेकिन परमाणु हथियारों का इस्तेमाल कभी नहीं हुआ.
और ना ही कभी परमाणु बम के लिए युद्ध हुआ । ऐसा पहली बार हो रहा है. जब धर्म, जमीन, या आर्थिक हितों के लिए दो देशों की सेनाएं आमने सामने नहीं है. ईरान परमाणु बम ना हासिल कर पाए. इसलिए ईरान पर अमेरिका और इजरायल ने अटैक किया है. सोचिए, परमाणु बम बनाने से रोकने के लिए परमाणु युद्ध का खतरा मंडरा रहा है.

आज आपको जानना चाहिए. अमेरिका का हमला कैसे ईरान को परमाणु बम दिलवा सकता है ? दुनिया में ऐसी कौन कौन सी परमाणु शक्तियां हैं. जो ईरान को परमाणु बम देने को तैयार हैं. और ये बम किस तरह ईरान के पास पहुंचेगा. सबसे पहले आप समझिए आखिरकार ईरान को परमाणु हथियार मिलने की बात शुरू कहां से हुई.

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— Zee News (@ZeeNews) June 23, 2025

ईरान के विदेश मंत्री की पुतिन से मुलाकात
ईरान के 3 परमाणु ठिकानों पर अमेरिकी हमले के बाद ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची रूस की राजधानी मॉस्को पहुंचे. अराघची ने यहां रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की. पुतिन को ईरान के सर्वोच्च धार्मिक नेता अयातुल्लाह अली खामेनेई का संदेश दिया. यहां आपके लिए ये जानना भी जरूरी है. अब्बास अराघची उस देश के राष्ट्रपति से मिले. जिसके पास दुनिया में सबसे ज्यादा 5 हजार 580 परमाणु हथियार मौजूद हैं.

-इस मुलाकात से पहले रूस के पूर्व राष्ट्रपति और रूसी सुरक्षा परिषद के उपाध्यक्ष दिमित्री मेदवेदेव ने बड़ा दावा किया. जिसके मुताबिक दुनिया के कई देश अब ईरान को सीधे परमाणु हथियार देने को तैयार हैं. यानि दुनिया में इस वक्त जो 12 हजार 500 परमाणु हथियार मौजूद हैं. उनमें से कुछ ह​थियार डायरेक्ट ईरान को दे दिए जाएंगे. मेदवेदेव के इस दावे से ही दुनिया भर में ये चर्चा होने लगी कि नॉर्थ कोरिया का तानाशाह किम जोंग. ईरान को परमाणु बम दे सकता है. क्योंकि किम जोंग और अमेरिका के बीच रिश्ता वैसा ही है, जैसा ईरान और अमेरिका के बीच है. अमेरिका हमेशा नॉर्थ कोरिया के सबसे बड़े दुश्मन साउथ कोरिया के साथ खड़ा रहता है. ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि कहीं नॉर्थ कोरिया इस मुश्किल घड़ी में ईरान की मदद शायद परमाणु बम देकर करे. क्योंकि जिस तरह ट्रंप कभी भी, कुछ भी कर सकते हैं. कोई भी फैसला ले सकते हैं. ठीक इसी तरह किम जोंग भी कोई भी फैसला ले सकता है।
-रूसी सुरक्षा परिषद के उपाध्यक्ष मेदवेदेव ने ये भी बताया कि अमेरिकी हमले से ईरान के परमाणु ढांचे को मामूली क्षति पहुंची है. और ईरान भविष्य में भी यूरेनियम का संवर्धन और परमाणु हथियारों का उत्पादन जारी रखेगा.

-एक तरफ अमेरिका ईरान के 3 परमाणु केंद्रों के पूरी तरह खत्म होने का जश्न मना रहा है. दूसरी तरफ अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी ने कहा कि अमेरिकी हमलों के बाद ईरानी परमाणु केंद्रों में विकिरण स्तर नहीं बढ़ा. यानि ईरान इन केंद्रों से 400 किलो यूरेनियम हमले से पहले ही निकाल चुका था.
- इसके अलावा ईरान की संसद के अध्यक्ष मोहम्मद बाकर कलीबाफ ने आधिकारिक तौर पर अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी के साथ सहयोग को निलंबित करने का एलान कर दिया है. इसका मतलब ईरान के परमाणु परीक्षण की आशंका और बढ़ गई है. यानि ईरान खुद बम बनाए या फिर उसे कोई देश परमाणु बम दे दे. ईरान परमाणु बम से लैस हो सकता है.

दुनिया के इन 9 देशों के पास परमाणु हथियार 
ईरान को बहुत जल्द परमाणु बम मिलने का दावा करने वाले दिमित्री मेदवेदेव सिर्फ रूस के शक्तिशाली व्यक्ति नहीं, बल्कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के विश्वसनीय और करीबी हैं. ऐसे में उनकी बात को हल्के में नहीं लिया जा सकता. मेदवेदेव अगर कह रहे हैं कि दुनिया कई देश ईरान को परमाणु हथियार दे सकते हैं. तो आज आपको उन देशों के नाम भी जानने चाहिए. जो ईरान को परमाणु बम दे सकते हैं. इस वक्त दुनिया के 9 देशों के पास परमाणु हथियार हैं, जिसमें रूस, अमेरिका,चीन, फ्रांस,स ब्रिटेन, भारत, पाकिस्तानस इज़रायल और नॉर्थ कोरिया शामिल हैं.

आपको ये भी जानना चाहिए इन देशों में ईरान के सहयोगी देश कौन से हैं. और उसे किस देश से परमाणु हथियार मिल सकता है.तो अमेरिका, फ्रांस, ब्रिटेन और इज़रायल ईरान को परमाणु बम नहीं देंगे. भारत एक जिम्मेदार परमाणु शक्ति है. ईरान से दोस्ताना संबंध होने के बावजूद भारत भी ईरान को परमाणु बम नहीं देगा. दूसरी तरफ रूस, चीन और नॉर्थ कोरिया से ईरान के रणनीतिक संबंध उसे परमाणु बम दिलवा सकते हैं. और पाकिस्तान पैसे और फायदे के लिए कुछ भी कर सकता है. यानि ईरान को परमाणु बम दे सकता है. इससे पहले पाकिस्तान के A.Q. खान नेटवर्क पर ईरान, नॉर्थ कोरिया और लीबिया को परमाणु तकनीक बेचने के आरोप लग चुके हैं. और नॉर्थ कोरिया भी ईरान के दोस्तों की लिस्ट में शामिल है

अब आपको ये भी जानना चाहिए. ईरान को किस देश से परमाणु तकनीक मिलने की आशंका सबसे ज्यादा है.  परमाणु हमले के बाद ईरान के विदेश मंत्री रूस में है. रूस के पास दुनिया में सबसे ज्यादा 5 हजार 580 परमाणु बम है. रूस चाहे तो ईरान को परमाणु बम दे सकता है. और अमेरिका के खिलाफ दुश्मनी निकाल सकता है. लेकिन रूस ऐसा नहीं करेगा, ये पुतिन ने एक दिन पहले खुद ही साफ कर दिया. पुतिन से पत्रकारों ने पूछा कि वो ईरान की मदद क्यों नहीं कर रहे. इस सवाल के जवाब के बारे में आपको भी जानना चाहिए...
- पुतिन ने बताया इज़राइल आज लगभग एक रूसी भाषी देश है.
- कभी सोवियत संघ में शामिल रहे  देशों और रूस के 20 लाख लोग वहां रहते हैं.
- इज़रायल के खिलाफ..रूस इसीलिए ईरान की मदद नहीं करता. अगर रूस ईरान को परमाणु बम देता है, तो अमेरिका से ज्यादा ख़तरा इज़रायल को है. पूरा इजरायल ईरान की मिसाइलों की रेंज में है. जबकि  ईरान की अमेरिका से दूरी 11 हजार 512 किलोमीटर है. मतलब ईरान अपनी ज़मीन से अमेरिका तक हमला भी नहीं कर पाएगा. क्योंकि ईरान के पास 2500 किलोमीटर से दूर हमला करने वाली मिसाइल मौजूद नहीं है. और रूस अमेरिका पर परमाणु हमला करने के लिए अपनी जमीन या क्षेत्र का इस्तेमाल ईरान को करने देगा. इसकी आशंका ना के बराबर है.

आज आपको ईरान को परमाणु बम देने पर चीन और पाकिस्तान के रुख को भी जानना चाहिए. चीन ने इससे पहले ईरान को मिसाइल टेक्नोलॉजी दी है. ईरान के साथ उसके आर्थिक हित भी जुड़े हैं. लेकिन अमेरिका या इजरायल पर हमला करने के लिए परमाणु बम देकर चीन अमेरिका से सीधी दुश्मनी मोल नहीं लेगा.

वहीं, पाकिस्तान के अंदर कट्टरपंथी चाहते हैं. ईरान को परमाणु बम दे दिया जाए. लेकिन सेना प्रमुख आसिम मुनीर व्हाइट हाउस में लंच करके आया है. इस बात के सबूत भी मिले हैं. ईरान पर हमला करने में पाकिस्तान के एयरस्पेस का इस्तेमाल भी किया गया. इसके अलावा अमेरिका से दुश्मनी मोल लेकर पाकिस्तान भी तबाही को दावत देने की आशंका कम है.

अमेरिका ईरान की तरह नॉर्थ कोरिया का भी सबसे बड़ा दुश्मन
लेकिन दुनिया में एक चेहरा ऐसा है. जिसके जरिए रेडीमेड परमाणु हथियार ईरान को मिल सकते हैं. नॉर्थ कोरिया के शासक इससे पहले कह चुके हैं. ईरान इस युद्ध में अकेला नहीं है. अमेरिका के ईरान पर हमले के बाद भी किम जोंग ने नाराज़गी जाहिर की है और अमेरिका ईरान की तरह नॉर्थ कोरिया का भी सबसे बड़ा दुश्मन है. इसके अलावा रूस और चीन किम जोंग के कंधे पर बम रखकर अमेरिका को निशाना बना सकते हैं.

आज आपको ये भी जानना चाहिए.तेहरान से 6 हजार किलोमीटर दूर मौजूद प्योंगयांग से बम ईरान तक पहुंचाना कितना मुश्किल है. और नॉर्थ कोरिया कैसे ईरान को परमाणु हथियार दे सकता है. अगर नॉर्थ कोरिया चाहे तो ईरान को तीन संभावित तरीकों से परमाणु बम से लैस कर सकता है. पहले विकल्प के तौर पर उसे तकनीक दी जा सकती है.

- नॉर्थ कोरिया परमाणु बम का डिजाइन, यूरेनियम संवर्धन की तकनीक ईरान को दे सकता है.
- बम को असेंबल करने का तरीका बता सकता है.
- अमेरिका तक हमला करने वाली ह्वासोंग मिसाइल तकनीक भी डिजिटली ईरान तक पहुंचाई जा सकती है.

यानि नॉर्थ कोरिया सीधे बम नहीं बल्कि बम बनाने की चाबी ईरान को सौंप सकता हैं. इसके अलावा किम जोंग के पास सीधे परमाणु बम ट्रांसफर करने का विकल्प भी है. लेकिन अमेरिका की नजरों से बचाकर सीधे हथियार देना सबसे खतरनाक और कठिन तरीका है.

-इसके लिए नॉर्थ कोरिया परमाणु बम अलग अलग टुकड़ों में राजनयिक विमान या चोरी छिपे ईरान तक भेज सकता है.
- इस काम के लिए चीन, रूस या किसी मध्यस्थ देश की मदद भी ली जा सकती है । यानि ईरान तक गुप्त रूप से बम पहुंचाया जा सकता है.

पूरा बम एक साथ ले जाना मुश्किल है, इसलिए बम के कोर, विस्फोटक और ट्रिगर को अलग अलग ईरान तक पहुंचाया जा सकता है. ताकि पकड़े जाने पर हथियार की पहचान न हो. इसके अलावा नॉर्थ कोरिया के पास परमाणु बम की ईरान में तैनाती का भी विकल्प है.
-नॉर्थ कोरिया ईरान के किसी गुप्त सैन्य ठिकाने पर अपना बम तैनात कर सकता है.
-आप कह सकते हैं. किम जोंग से ईरान को loan पर भी बम मिल सकता है.
-यानि ज़रूरत पड़ने पर ईरान इसका इस्तेमाल कर सकता है. लेकिन बम पर नियंत्रण ​किम जोंग का ही रहेगा. वैसे ये बहुत अधिक जोखिम वाली रणनीति होगी. क्योंकि अमेरिका, इज़रायल, UN और अंतराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी की निगरानी के बीच ऐसा करना आसान नहीं होगा. लेकिन नॉर्थ कोरिया जैसा अलग-थलग देश ही ऐसा कर सकता है. पर ऐसा करने के साइड इफेक्टस भी किम जोंग को झेलने होंगे.

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