रईसों की आ गई शामत! ईरान-इजरायल जंग के बीच इस मुस्लि देश ने कर दिया बड़ा ऐलान

4 hours ago

Oman Income Tax: ओमान अपने नागरिकों पर आयकर लगाने वाला पहला खाड़ी देश बन गया है. ओमान ने इसकी घोषणा सोमवार, 23 जून 2025 को की. ओमान की यह रणनीतिक कदम अपने कच्चे तेल के एक्सपोर्ट से होने वाली इनकम पर निर्भरता को कम करने की कोशिश है. समाचार एजेंसी ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, ओमान सल्तनत के इकोनॉमी मिनिस्टर सईद बिन मोहम्मद अल-सकरी ने सोशल एक्सपेंडिचर के लेवल को बनाए रखते हुए ऑयल इनकम पर निर्भरता कम करने के लिए देश के सार्वजनिक राजस्व में विविधता लाने की जरूरत पर रोशनी डाला.

एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार ने देश के उन लोगों पर 5 फिसदी इनकम टैक्स लगाने का फैसला किया है, जिनकी सालाना इनकम 42,000 रियाल ($109,000) यानी 94,38,729.65 भारती रूपये या उससे ज्यादा है.  हालांकि, एक स्थानीय मीडिया आउटलेट के मुताबिक, यह 2028 तक प्रभावी नहीं होगा. रिपोर्ट के मुताबिक, मंत्रालय ने यह भी कहा कि इस कदम का मतलब यह होगा कि इकोनॉमी के टॉप 1 फिसदी लोगों को ओमान में टैक्स का भुगतान करना होगा.

खाड़ी देशों में टैक्स
रिपोर्ट के मुताबिक, खाड़ी सहयोग परिषद (GCC) का हिस्सा कोई भी मध्य पूर्वी खाड़ी देश अपने लोगों पर इनकम टैक्स नहीं लगाता है. सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात यानी UAE और कतर जैसे देश ऑयल एक्सपोर्ट से ज्यादा आमदनी अर्जित करने के अलावा विदेशी श्रमिकों से भी कमाई करते हैं. उम्मीद है कि ओमान द्वारा अपने नागरिकों पर टैक्स लगाने के कदम पर पड़ोसी मध्य पूर्वी देशों द्वारा कड़ी निगरानी रखी जाएगी.

अबू धाबी कमर्शियल बैंक की मुख्य अर्थशास्त्री मोनिका मलिक ने बताया, 'ओमान अभी भी प्रतिस्पर्धी बने रहते हुए राजकोषीय सुधारों के साथ आगे बढ़ना चाहता है. यह विशेष रूप से ऐसे समय में है जब हाई नेट वर्थ वाले शख्स इस क्षेत्र में जा रहे हैं. हालांकि इसका दायरा सीमित है, फिर भी यह क्षेत्र में फिसकल डेवलेपमेंट होगा.' जबकि सऊदी अरब और बहरीन दो ऐसे देश हैं, जिनमें इस साल राजकोषीय घाटा होने की संभावना है.  बाकी अन्य जीसीसी देशों में राजकोषीय संतुलन मजबूत रहने की संभावना है.

फ्यूचर में खाड़ी देशों को टैक्स लगाने की जरूरत पड़ेगी
रिपोर्ट में अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) का भी हवाला दिया गया है. इसमें कहा गया है कि फ्यूचर में तेल की मांग में गिरावट आने की हालत में खाड़ी देशों को अपने राजस्व में विविधता लाने के लिए कुछ टैक्स लगाने की जरूरत होगी. वहीं, सल्तनत ने 2024 में अपनी स्टेट एनर्जी कंपनी की इन्वेस्टिगेशन और प्रोडक्शन यूनिट की 2 बिलियन डॉलर की इनिशियल पेशकश के जरिए से सरकार के लिए धन जुटाया है. क्योंकि ओमान अर्थव्यवस्था के लिए इनकम के अन्य स्रोतों की तलाश कर रहा है.

ओमान ने साल 2023 में 29.3 बिलियन डॉलर का कच्चा तेल निर्यात किया
मलिक ने समाचार एजेंसी को बताया कि ओमान का इनकम टैक्स 'भविष्य में अन्य जीसीसी देशों के लिए भी कर लागू करने में उत्प्रेरक का काम कर सकता है.' ओईसी डेटा के मुताबिक, ओमान ने साल 2023 में 29.3 बिलियन डॉलर का कच्चा तेल निर्यात किया, जिसका टॉप इम्पोर्टर चीन है. यह निर्यात डेटा खाड़ी देश को दुनिया में 15वें सबसे बड़े कच्चे पेट्रोलियम निर्यातक के रूप में भी चिह्नित करता है.

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