DNA : अब हम दुनिया के इकलौते हिंदू शेख की कहानी आपको बताएंगे. जिसके एहसान उस मुस्लिम मुल्क पर हैं. जहां आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गए थे. पीएम मोदी ने 3 देशों की यात्रा के आख़िरी पड़ाव में अरब के देश ओमान का दौरा किया. प्रधानमंत्री का ये दौरा इस मायने में ऐतिहासिक है कि दोनों देशों के बीच व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते यानी CEPA पर हस्ताक्षर हुए. ये समझौता दोनों देशों के बीच व्यापार को आगे बढ़ाने में मददगार होगा. प्रधानमंत्री के इस दौरे में उन्हें ऑर्डर ऑफ ओमान अवॉर्ड से भी सम्मानित किया गया.
आज हम ओमान और भारत के बीच व्यापार से जुड़े एक 155 साल पुराने समझौते के बारे में बताने जा रहे हैं. ये कोई ऐसा समझौता नहीं था जिस पर हस्ताक्षर हुए थे. बल्कि भारत और ओमान को भारतीय मूल के एक व्यापारी ने व्यापार के ज़रिए जोड़ा था. इस तरह दोनों देशों के बीच सेतु बनने का काम किया था. ओमान के साथ भारत के बढ़ते संबंधों के बीच आज आपको ओमान में मौजूद एक भारतीय मूल की कंपनी और उसके मालिक के बारे में जानना चाहिए. ये कहानी इसलिए दिलचस्प है क्योंकि भारतीय मूल के ये व्यापारी ओमान के सुल्तान को भी कर्ज़ देते थे. भारतीय व्यापारी की मदद से ओमान के सुल्तान इतने प्रभावित हुए कि उन्हें शेख़ की उपाधि दे दी. किसी हिंदू के नाम के आगे आपने शेख़ नहीं सुना होगा. लेकिन इस व्यापारी को दुनिया का एकमात्र हिंदू शेख कहा जाता है.
कब और कैसे ओमान पहुंचा खिमजी परिवार?
ओमान में रहने वाला खिमजी परिवार भारत से ओमान कब और कैसे पहुंचा, ये जानने से पहले आपको इस परिवार के बारे में एक दिलचस्प जानकारी मालूम होनी चाहिए. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़ खिमजी परिवार के कनकसी खिमजी के पास इतना पैसा था कि ज़रूरत पड़ने पर वो ओमान के सुल्तान को भी कर्ज़ दिया करते थे. हालांकि ये वो दौर था जब ओमान तेल के भंडार के मामले में उतना समृद्ध देश नहीं था.
ओमान के विकास में कनकसी खिमजी के योगदान से ख़ुश होकर 70 के दशक में ओमान के तत्कालीन सुल्तान कबूस बिन सईद ने खिमजी भाई को शेख़ की मानद उपाधि दी.
इस तरह उनका पूरा नाम शेख़ कनकसी खिमजी हो गया.
शेख की उपाधि मुख्य रूप से अरब देशों के शाही परिवारों, जनजाति प्रमुखों या सम्मानित मुस्लिम हस्तियों को दी जाती है.
लेकिन हिंदू होने के बावजूद कनकसी खिमजी को ये उपाधि मिली. इसकी कोई दूसरी मिसाल नहीं दिखती.
मूल रूप से गुजरात के कच्छ के रहने वाले कनकसी खिमजी के परदादा रामदास ठाकरसी 1870 यानी 155 साल पहले व्यापार के सिलसिले में ओमान गए थे. उन्होंने ही ओमान में अपने बेटे खिमजी रामदास के नाम पर खिमजी रामदास ग्रुप यानी KR ग्रुप की आधारशिला रखी थी. उसके बाद खिमजी ग्रुप ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. कनकसी खिमजी के नेतृत्व में KR ग्रुप ने ओमान में कारोबार की बुलंदियों को छुआ.
कनकसी खिमजी का जन्म 1936 में ओमान की राजधानी मस्कट में हुआ था.
लेकिन पढ़ाई करने के लिए वो बचपन में ही मुंबई आ गए थे. भारत से ही उनकी शिक्षा पूरी हुई.
1970 में कनकसी खिमजी ने अपने पिता से व्यापार की ज़िम्मेदारी संभाली
अपने व्यापार को बढ़ाने के अलावा वो समय-समय पर ओमान सरकार की भी मदद करते थे.
ओमान के शाही परिवार के साथ कनकसी खिमजी के अच्छे संबंध थे.
शेख कनकसी खिमजी को ओमान के सुल्तान ने अपने देश की नागरिकता भी दी.
कनकसी खिमजी ने 1975 में मस्कट में इंग्लिश मीडियम का पहला भारतीय स्कूल खोलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.
कनकसी खिमजी ओमान क्रिकेट बोर्ड के अध्यक्ष भी रहे.
5 दशकों तक KR ग्रुप को आगे बढ़ाने के बाद 2021 में 85 साल की उम्र में शेख कनकसी खिमजी का निधन हो गया.
अब उनकी विरासत उनके बेटे पंकज खिमजी और नीलेश खीमजी आगे बढ़ा रहे हैं.
ओमान में रहने और शेख़ की उपाधि मिलने के बावजूद खिमजी परिवार ने भारत और हिंदू धर्म से अपना नाता कभी नहीं तोड़ा. कनकसी खिमजी पूरी तरह शाकाहारी थे. वो वैष्णव संप्रदाय से संबंध रखते थे. भारत के पूर्व राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा ने कनकसी खिमजी के बारे में कहा था कि वो खाड़ी देशों में भारत के सच्चे एंबेसडर हैं.
अब आपको KR ग्रुप के कारोबार के बारे में भी जानना चाहिए.
KR ग्रुप ओमान के सबसे बड़े व्यावसायिक समूहों में शामिल है
KR ग्रुप अलग-अलग सेक्टर के 600 से अधिक ग्लोबल ब्रांड का ओमान में प्रतिनिधित्व करता है
KR ग्रुप का सालाना टर्नओवर 3 अरब अमेरिकी डॉलर यानी 27 हज़ार करोड़ रुपये से ज़्यादा है.
5,000 से ज़्यादा कर्मचारी KR ग्रुप में काम करते हैं.
KR ग्रुप का कारोबार ओमान के अलावा भारत और UAE में भी है.
ओमान मिडिल ईस्ट का सबसे सहिष्णु देश
ओमान को मिडिल ईस्ट के सबसे सहिष्णु देशों में गिना जाता है. यहां हिंदुओं के लिए पुराने मंदिर हैं और सरकार ने उन्हें पूजा की पूरी आजादी दे रखी है. शायद इसी माहौल ने KR ग्रुप के आगे बढ़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. यहां आपको ये भी जानना चाहिए कि ओमान की 55 लाख की आबादी में लगभग 5 प्रतिशत भारतीय हैं. राजधानी मस्कट में 2 हिंदू मंदिर भी हैं जिनमें से एक मंदिर 100 साल से ज़्यादा पुराना है.
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