Donald Trump on Washington DC Crime: राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार रात व्हाइट हाउस के पास एक सीफूड रेस्तरां में रात का भोजन किया, जहां उन्होंने राष्ट्रीय राजधानी में अपराध पर अंकुश लगाने के प्रयास में नेशनल गार्ड की तैनाती और पुलिस बल को बढ़ावा दिया. उनका काफिला शहर के उत्तर-पश्चिमी हिस्से में 15वीं स्ट्रीट पर स्थित जोस सीफूड, प्राइम स्टेक एंड स्टोन क्रैब तक थोड़ी दूरी तय करके पहुंचा. यह तब हुआ जब राष्ट्रपति ने कई हफ्तों तक अधिकारियों और सेना को जुटाने का दावा किया. इसके बारे में उनका कहना है कि इसने वाशिंगटन को सुरक्षित क्षेत्र बना दिया है.
राष्ट्रपति जब अपनी गाड़ी से उतरे तो वहां पर कुछ उत्साह भरे नारे सुने गए. हालांकि इसी दौरान गाजा और हमास के साथ युद्ध में इजरायल के समर्थन में अमेरिकी नीति का विरोध करने वाले कुछ प्रदर्शनकारियों ने प्रेसीडेंट ट्रंप के खिलाफ हूटिंग और नारेबाजी की. इसी दौरान ट्रंप ने पत्रकारों से कहा, 'हम डी.सी. के बीचों-बीच खड़े हैं, जैसा कि आप जानते हैं कि बीते 20 सालों से पिछले साल तक यह बहुत असुरक्षित स्थान था. अब यहां लगभग कोई क्राइम नहीं है.'
ट्रंप का दावा गार्ड्स की तैनाती के बाद गिरा क्राइम का ग्राफ
ट्रंप ने आगे कहा कि बीते कुछ महीनों पहले ही इस जगह पर हम बीचो बीच खड़े नहीं हो सकते थे. डोनाल्ड ट्रंप ने इस रेस्तरां में प्रवेश करने के बाद सोशल मीडिया पर एक वीडियो भी पोस्ट किया है जिसमें वो वहां के कुछ कस्टमर्स के साथ हाथ मिलाते हुए देखे गए. इस दौरान ट्रंप ने एक छोटे से प्रदर्शनकारी समूह को काफी देर तक घूरा. उनके हाथों छोटा सा गाजा का झंडा था और वो लगातार नारे लगा रहे थे. 'डी.सी. छोड़ो! फिलिस्तीन छोड़ो! ट्रंप हमारे समय का हिटलर है!' ट्रंप उन प्रदर्शनकारियों के करीब गए और कुछ इशारा करते हुए दिखाई दिए. वहां स्थित कुछ रेस्तरां ने मीडिया को बताया कि 7 अगस्त को ट्रंप द्वारा क्राइम की रोकथाम के लिए सेना की तैनाती की है तब से बुकिग में कमी आई है. ट्रंप की कार्रवाइयों की निंदा में बार-बार विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं.
ट्रंप के साथ मौजूद रहा पूरा मंत्रिमंडल
इलाके में सेना और पुलिस की मौजूदगी ने सामान्य रूप से शांत रिहायशी इलाकों में भी कभी-कभी अधिकारियों और निवासियों के बीच तनाव पैदा किया. फिर भी अमेरिकी राष्ट्रपति ने बार-बार इस बात का दावा किया कि उन्होंने अपने जानने वालों से बात की तो उन्होंने बताया कि रेस्तरां में अब भी लोग आते हैं. क्राइम पहले की तुलना में कम हुआ है. सैन्य तैनाती का कोई ज्यादा प्रभाव आम जनता पर नहीं पड़ा. उन्होंने यह भी सुना है कि लोग बेघर शिविरों को हटाने के लिए काम कर रही टीमों की सराहना करते हैं. हालांकि ये लोगों के दमन का हिस्सा है. रात के खाने के लिए राष्ट्रपति के साथ उपराष्ट्रपति जेडी वेंस, विदेश मंत्री मार्को रुबियो, रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ, और व्हाइट हाउस की चीफ ऑफ स्टाफ सूसी वाइल्स भी ट्रंप के साथ ही थे.
गार्ड्स की तैनाती के बाद अब तक लगभग 2200 गिरफ्तारियां
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने डिनर पर जाने से पहले सड़कों के किनारे देखते हुए कहा, 'रेस्तरां फल-फूल रहे हैं. लोग बाहर खाना खाने जा रहे हैं, जहां वे सालों तक नहीं गए थे.' ट्रंप की ये यात्रा इसलिए भी विशेष थी क्योंकि वो वाशिंगटन में रहते हुए भी कभी व्हाइट हाउस के बाहर खाना नहीं खाते हैं. उनकी अब ऐसी सैर भी अब कम हो गई है क्योंकि उन्होंने व्हाइट हाउस से कछ ब्लॉक दूर स्थित अपने नाम वाला वो होटल बेच दिया जो उनके पहले कार्यकाल के दौरान प्रशासन के अधिकारियों और समर्थकों के लिए एक प्रमुख जगह हुआ करती थी. व्हाइट हाउस ने बताया कि 7 अगस्त को ट्रंप के वाशिंगटन में क्रिमिनल्स पर एक्शन के बाद से अभी तक लगभग 2,200 गिरफ्तारियां हो चुकी हैं.
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बाल्टीमोर, शिकागो में भी नेशनल गार्ड की तैनाती की धमकी
राजधानी वाशिंगटन के अलावा ट्रंप ने जून में लॉस एंजिल्स में नेशनल गार्ड तैनात किए थे. इसके अलावा उन्होंने अन्य डेमोक्रेटिक शहरों में मुख्य रूप से बाल्टीमोर, न्यू ऑरलियन्स और शिकागो में नेशनल गार्ड तैनात करने की धमकी दी है. इन शहरों में राज्य और स्थानीय अधिकारी पहले से ही आप्रवासन प्रवर्तन को तेजी से बढ़ाने के लिए तैयारियों में जुटे हैं.
एक नए शहर का ऐलान करेंगे डोनाल्ड ट्रंप
अमेरिकी राष्ट्रपति ने मंगलवार की रात कहा, 'हम बहुत जल्द एक और शहर की घोषणा करने जा रहे हैं. यह बुधवार तक हो सकता है. उन्होंने जोड़ा कि उस स्थान का मेयर और उस राज्य का गवर्नर हमें वहां चाहेगा. इसके बाद ट्रंप ने सप्ताहांत में एपोकैलिप्स नाउ से एक पैरोडी छवि पोस्ट की, जिसमें शिकागो के लेकफ्रंट और स्काईलाइन के ऊपर हेलीकॉप्टरों के साथ आग का गोला दिखाया गया था. ये देश का तीसरा सबसे बड़ा शहर है. ट्रंप ने अपनी सोशल मीडिया साइट पर लिखा, 'मुझे सुबह में निर्वासन की खुशबू पसंद है.' इस पोस्ट में ट्रंप ने लिखा, 'शिकागो को पता चलने वाला है कि इसे युद्ध विभाग क्यों कहा जाता है.'
रक्षा विभाग का नाम बदलकर युद्ध विभाग रखने की मांग
यह पोस्ट पिछले हफ्ते के बाद आई, जब ट्रंप ने एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए, जिसमें रक्षा विभाग का नाम बदलकर युद्ध विभाग करने की मांग की गई थी. भले ही उन्होंने महीनों तक नोबेल शांति पुरस्कार के लिए विचार किए जाने के लिए अभियान चलाया था. नाम बदलने के लिए कांग्रेस की मंजूरी आवश्यक है. अपनी पोस्ट में जवाब देते हुए डेमोक्रेटिक इलिनोइस गवर्नर जेबी प्रिट्जकर ने ट्रंप को चाहने वाला तानाशाह कहा. वे राज्य और शहर के अधिकारियों और शिकागो के कई निवासियों के साथ मिलकर सरकार के इस दमन को अनावश्यक बताते हुए इसकी निंदा कर रहे हैं.
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