Last Updated:July 22, 2025, 13:52 IST
Who is Gita Gopinath: भारत की एक बेटी गीता गोपीनाथ एक बार फिर चर्चा में हैं. दिल्ली से पढ़कर वह अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF)तक पहुंची थीं.अब वह हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के स्टूडेंटस को पढ़ाएंगी...

हाइलाइट्स
गीता गोपीनाथ कोलकाता की रहने वाली हैं.गीता गोपीनाथ ने DU से की पढ़ाई.IMF तक पहुंची गीता गोपीनाथ.Who is Gita Gopinath: गीता गोपीनाथ इन दिनों खूब सुर्खियों में हैं. वजह है उनका अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के शीर्ष पद से हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर के रूप में वापसी का फैसला. एक भारतीय-अमेरिकी अर्थशास्त्री के तौर पर उन्होंने न सिर्फ वैश्विक मंच पर अपनी छाप छोड़ी बल्कि अपनी मेहनत और प्रतिभा से लाखों लोगों के लिए प्रेरणा बन गईं. आइए जानते हैं उनकी पूरी कहानी…
Gita Gopinath Profile: कहां हुआ था गीता गोपीनाथ का जन्म?
गीता गोपीनाथ का जन्म 8 दिसंबर 1971 को कोलकाता में एक मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ. उनके माता-पिता टी वी गोपीनाथ और वी सी विजयलक्ष्मी केरल के रहने वाले हैं. हालांकि गीता अब अमेरिकी नागरिक हैं. उनकी शादी इकबाल सिंह धालीवाल से हुई है जो मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में पॉवर्टी एक्शन लैब के कार्यकारी निदेशक हैं.
Gita Gopinath Education: दिल्ली यूनिवर्सिटी से हुई पढाई लिखाई
गीता ने अपनी स्कूली शिक्षा मैसूर में पूरी की और फिर दिल्ली विश्वविद्यालय के लेडी श्री राम कॉलेज फॉर वुमेन से 1992 में बीए की डिग्री हासिल की. ग्रेजुएशन के बाद पहले उन्होंने एमबीए करने की सोची लेकिन बाद में योजना बदलकर दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में दाखिला लिया जहां से उन्होंने अर्थशास्त्र में मास्टर डिग्री ली.यहीं पर उनकी मुलाकात इकबाल सिंह धलीवाल से हुई.वह दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में उनके सहपाठी थे. बाद में दोनों ने शादी कर ली. 1996 में वह सिएटल की वाशिंगटन यूनिवर्सिटी में पांच साल के पीएचडी प्रोग्राम के लिए गईं. उनके प्रोफेसर ने उनकी प्रतिभा की तारीफ करते हुए उन्हें हार्वर्ड और प्रिंस्टन की सिफारिश की. गीता के प्रोफेसर ने उस समय उनकी तारीफ में कहा कि वे पिछले 20 सालों में उनकी सबसे होनहार छात्रा हैं. गीता ने 2001 में प्रिंस्टन यूनिवर्सिटी से पीएचडी पूरी की.
Gita Gopinath Career: असिस्टेंट प्रोफेसर से शुरू किया करियर
गीता गोपीनाथ ने 2001 में अमेरिका की मशहूर यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो के बूथ स्कूल ऑफ बिजनेस में असिस्टेंट प्रोफेसर के तौर पर करियर की शुरुआत की.यहां उन्होंने 9 साल तक काम किया. इसके बाद 2010 में वह हार्वर्ड यूनिवर्सिटी चली गईं जहां उन्हें टेन्योर प्रोफेसर बनाया गया. हार्वर्ड में वह प्रोफेसर ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज एंड इकोनॉमिक्स की भूमिका में रहीं.
IMF में हो गई नियुक्ति
गीता ने 2019 में IMF में बतौर मुख्य अर्थशास्त्री काम शुरू किया. वह उस समय भी चर्चा में आईं क्यों कि वह IMF की पहली महिला मुख्य अर्थशास्त्री थीं. 2022 में उन्हें IMF का पहला उप प्रबंध निदेशक (Deputy Managing Director) बनाया गया. इस दौरान उन्होंने वैश्विक आर्थिक नीतियों को नई दिशा दी. खास तौर पर COVID-19 महामारी के समय उनका ‘पैनडेमिक प्लान’ दुनिया भर में चर्चा में रहा क्योंकि इसने कम खर्च में टीकाकरण के लक्ष्य तय किए. IMF की प्रमुख क्रिस्टालिना जॉर्जीवा ने उनकी तारीफ में कहा कि गीता न सिर्फ एक शानदार लीडर हैं,बल्कि वह अपने स्टाफ की तरक्की और भलाई के लिए भी हमेशा आगे रहती हैं.
Gita Gopinath Husband: गोपीनाथ ने किससे की शादी?
गीता गोपीनाथ ने बाद में अपने बैचमेट इकबाल सिंह धलीवाल से शादी कर ली.धलीवाल का जन्म बेंगलुरु में 1972 में हुआ उनके पिता बॉर्डर सेक्योरिटी फोर्स में थे और उनकी मां एक स्कूल चलाती थीं.इकबाल की पढाई लिखाई मदर्स इंटरनेशनल स्कूल दिल्ली में हुई वह 1989 में इस स्कूल में अपनी क्लास के हेड ब्वॉय भी रहे.वह 14 साल इसी स्कूल के स्टूडेंट रहे.इसके बाद उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से इकोनॉमिक्स में बीए किया उसके बाद दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से एमए की डिग्री ली. इसके बाद इकबाल ने प्रिंसटन स्कूल ऑफ पब्लिक एंड इंटरनेशन अफेयर्स से इंटरनेशनल डेवलपमेंट में एमपीए किया.इसके अलावा इकबाल ने संत मेमोरियल पब्लिक स्कूल गुरुग्राम में मई 1994 से जुलाई 1996 तक टीचर की नौकरी भी की.
UPSC Topper Story: और इकबाल बन गए IAS
जून 1994 में इकबाल ने संघ लोक सेवा आयोग (UPSC)की सिविल सेवा परीक्षा दी और अपने पहले ही प्रयास में उन्होंने 229वीं रैंक हासिल की. उनका सेलेक्शन इंडियन सिविल अकाउंटस सर्विसेज के लिए हो गया. बाद में उन्होंने 1996 में दोबारा यूपीएससी सीएसई की परीक्षा दी और इस बार नंबर 1 रैंक हासिल करके तमिलनाडु कैडर के आईएएस बन गए.LBSNAA में ट्रेनिंग के दौरान डायरेक्टर ने उन्हें गोल्ड मेडल से सम्मानित भी किया.हालांकि 5 साल की नौकरी के बाद उन्होंने नौकरी छोड दी और अमेरिका शिफट हो गए.
हार्वर्ड में अब फिर वापसी
IMF में सात साल तक कमाल करने के बाद गीता ने अपनी पुरानी जड़ों यानी पढ़ाने की दुनिया में लौटने का फैसला किया.वह 1 सितंबर 2025 से हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर ऑफ इकोनॉमिक्स के तौर पर काम शुरू करेंगी. इससे पहले भी वह 2005 से 2022 तक हार्वर्ड में प्रोफेसर के पद पर कार्यरत थीं.हार्वर्ड से पहले उन्होंने 2001 से 2005 तक शिकागो यूनिवर्सिटी के बूथ स्कूल ऑफ बिजनेस में बतौर सहायक प्रोफेसर काम किया था.कोलकाता से निकलकर IMF के टॉप पद तक पहुंचना और अब हार्वर्ड में प्रोफेसर बनने की कहानी उन युवाओं के लिए एक मिसाल है जो जिंदगी में कुछ बडा करने के सपने देखते हैं. चाहे आप दुनिया के किसी और कोने से हो गीता की कहानी बताती है कि अगर ठान लो तो कुछ भी नामुमकिन नहीं है.
Dhiraj Raiअसिस्टेंट एडिटर
न्यूज़18 हिंदी (Network 18) डिजिटल में असिस्टेंट एडिटर के तौर पर कार्यरत. करीब 13 वर्ष से अधिक समय से मीडिया में सक्रिय. हिन्दुस्तान, दैनिक भास्कर के प्रिंट व डिजिटल संस्करण के अलावा कई अन्य संस्थानों में कार्य...और पढ़ें
न्यूज़18 हिंदी (Network 18) डिजिटल में असिस्टेंट एडिटर के तौर पर कार्यरत. करीब 13 वर्ष से अधिक समय से मीडिया में सक्रिय. हिन्दुस्तान, दैनिक भास्कर के प्रिंट व डिजिटल संस्करण के अलावा कई अन्य संस्थानों में कार्य...
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