Explainer:क्या होते हैं कार्डिनल,जो करेंगे नए पोप का चुनाव, कैसे होती नियुक्ति

4 hours ago

पोप फ्रांसिस की मृत्यु के बाद नए पोप का चुनाव होना है. ये चुनाव वेटिकन सिटी में दुनियाभर के कार्डिनल करते हैं. जिनकी संख्या दुनियाभर में 240 है लेकिन वोटिंग करने की पात्रता इसमें 130-140 कार्डिनल्स को होगी, जिनकी उम्र 80 साल से कम है. आइए जानते हैं ये कार्डिनल क्या होते हैं, क्या करते हैं. कितने पॉवरफुल होते हैं और सबसे बड़ी बात कि अपने अपने देश में इनका रोल क्या होता है.

चर्च के नियमों के अनुसार, 80 साल से अधिक उम्र के कार्डिनल्स पोप के चुनाव (कॉन्क्लेव) में वोट नहीं दे सकते. कार्डिनल के बारे में जानने से पहले जान लीजिए किस महाद्वीप में कितने कार्डिनल हैं. हालांकि इनकी संख्या कोई तार्किकता नहीं है, क्योंकि कुल जितने कार्डिनल एशिया में हैं, उसके आसपास ही अकेले इटली में.

1. यूरोप (सबसे अधिक कार्डिनल्स) – 100, इसमें इटली में 25 कार्डिनल हैं
2. अमेरिका (उत्तरी + दक्षिणी) – 80 (दोनों अमेरिका में 40-40) संयुक्त राज्य अमेरिका में 20
3. एशिया – 30, भारत और फिलीपींस में 5-5 कार्डिनल, चीन में 1
4. अफ्रीका – 25
5. ओशिनिया – 5 (ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, पापुआ न्यू गिनी)

यूरोप और अमेरिका में दुनिया के 75% कार्डिनल्स हैं. भारत में कुल 5 कार्डिनल हैं लेकिन वोट केवल 3 ही दे सकते हैं. पोप फ्रांसिस ने भारत से कार्डिनल पीटर मचाडो (बेंगलुरु) को नया कार्डिनल नियुक्त किया, लेकिन वे अभी तक औपचारिक रूप से कार्डिनल नहीं बने हैं.

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दुनियाभर में 240 कार्डिनल्स होते हैं, जिसमें पोप चुनने का अधिकार उन कार्डिनल्स को होता है, जिनकी उम्र 80 साल से कम हो. ये सभी वेटिकन सिटी में नए पोप के चुनाव के लिए इकट्ठे हो रहे हैं, (News18 AI)

कार्डिनल कौन होते हैं?
– कार्डिनल कैथोलिक चर्च के बहुत उच्च रैंक के पादरी होते हैं. ये पोप के सबसे नज़दीकी सलाहकार होते हैं. पोप के बाद सबसे बड़ी धार्मिक और प्रशासनिक ताक़त इन्हीं के पास होती है. इन्हें “Prince of the Church” यानि चर्च के राजकुमार भी कहा जाता है.

कार्डिनल क्या करते हैं?
– जब किसी पोप का निधन हो जाता है या इस्तीफा देता है तो कार्डिनल ही नया पोप चुनते हैं.
– वेटिकन सिटी के अंदर और दुनिया भर में चर्च के मामलों में सलाह और निर्णय देना.
– कई कार्डिनल बिशप, आर्कबिशप या किसी बड़े धर्मक्षेत्र (archdiocese) के प्रमुख होते हैं।

कार्डिनल्स की पावर कितनी होती है?
– पोप उन्हें वेटिकन के विभिन्न विभागों का प्रमुख बना सकते हैं, जहां से पूरी दुनिया के लिए दिशा-निर्देश तय होते हैं.

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दुनियाभर के कार्डिनल वेटिकन के बहुत से मामलों में खास भूमिका अदा करते हैं. वो साथ मिलकर कैथोलिक चर्च के लिए नीतियां बनाते हैं. कई कार्डिनल के पास वेटिकन के अलग अलग विभागों की जिम्मेदारी भी होती है. (News18 AI)

कार्डिनल कैसे बनते हैं?
– केवल पोप ही किसी को कार्डिनल बना सकते हैं।
– आमतौर पर जो बहुत अनुभवी बिशप या आर्कबिशप होते हैं, उन्हें कार्डिनल बनाने के लिए चुना जाता है.
– कार्डिनल बनने के बाद उन्हें एक विशेष टोपी (red biretta) और एक चर्च (टाइटुलर चर्च) दिया जाता है, जो रोम से जुड़ा होता है.
अब ये भी जान लीजिए कि बिशप और आर्कबिशप क्या होते हैं. एक बिशप कई स्थानीय चर्चों का एक क्षेत्र यानि डायोसीज़ का प्रमुख पादरी होता है. उनके पास अपने क्षेत्र में पादरियों और चर्चों की देखरेख और नियुक्ति का अधिकार होता है. वह चर्च के मामलों का प्रशासक होता है.
आर्कबिशप एक आर्कडायोसीज़ का बिशप होता है यानि कई बिशपों से ऊपर एक आर्कबिशप होता है.

देश में कार्डिनल की भूमिका क्या होती है?
– कार्डिनल आम तौर पर उस देश के सबसे प्रमुख बिशप या आर्कबिशप होते हैं. वो पूरे देश या एक बड़े क्षेत्र (जैसे दिल्ली, मुंबई, कोच्चि) में चर्च के संचालन, नीतियों और धार्मिक गतिविधियों की ज़िम्मेदारी निभाते हैं. वो कैथोलिक समुदाय के लिए एक तरह से मुख्य प्रवक्ता होते हैं.
– कार्डिनल अक्सर सरकार के साथ चर्च से जुड़े मुद्दों पर बातचीत करते हैं. वह ईसाई समुदाय की आवाज़ बनकर सामने आते हैं.
– चर्च की मदद से चल रहे स्कूल, अस्पताल, वृद्धाश्रम, अनाथालय – इन सब की निगरानी और दिशा निर्धारण करते हैं.
– मतलब ये कि वो सिर्फ चर्च के अंदर की चीज़ें नहीं देखते बल्कि समाज में चर्च का जो रोल है, उसकी आवाज़, दिशा और नुमाइंदगी करते हैं.

क्या कार्डिनल शादी कर सकते हैं?
नहीं, ज़्यादातर मामलों में कार्डिनल शादी नहीं कर सकते.
कार्डिनल बनने के लिए पहले कैथोलिक पादरी और फिर बिशप बनना होता है. कैथोलिक चर्च में पादरी और बिशप को ब्रह्मचर्य का प्रण करना पड़ता है यानि जिंदगी भर अविवाहित रहना और सेक्स से दूर रहना.

कार्डिनल को कितना वेतन और सुविधाएं मिलती हैं?
– कार्डिनल्स का वेतन कोई सरकारी सैलरी जैसा फिक्स नहीं होता, लेकिन वेटिकन और उनके चर्च/डायोसीज़ (diocese) से उन्हें भत्ता और ज़रूरी सुविधाएं मिलती हैं. उनका अनुमानित वेतन €4,000 से €5,000 यूरो/महीना (लगभग ₹3.5 से ₹4.5 लाख/महीना) होता है. देश और ज़िम्मेदारी के हिसाब से ये रकम ऊपर-नीचे हो सकती है.
कार्डिनल की कोई बड़ी पर्सनल दौलत नहीं होती, वो एक सादा जीवन जीते हैं. अक्सर एक सामान्य कमरे में रहते हैं. उन्हें रहने के लिए चर्च की ओर से आवास मिलता है. साथ में स्टाफ, कार, निजी सहायक.

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