Last Updated:April 22, 2025, 21:48 IST
Pahalgam Terror Attack: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई और उसके गुर्गों का हाथ साफ तौर पर दिखाई देता है. वो हमेशा किसी अहम मौके पर बड़ा आतंकी हमला करते हैं.

पाकिस्तान ने पहलगाम में आतंकी हमले के लिए जेडी वैंस की भारत यात्रा का वक्त ही क्यों चुना. (Image:PTI)
हाइलाइट्स
पहलगाम हमले में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी का हाथ साफ नजर आ रहा है.हमले के समय अमेरिका के उप-राष्ट्रपति जेडी वेंस भारत दौरे पर हैं.पाकिस्तान कश्मीर मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उछालने की कोशिश कर रहा है.श्रीनगर. जम्मू कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादियों का हमला उस समय हुआ है, जब अमेरिका के उप-राष्ट्रपति जेडी वेंस भारत के दौरे पर हैं. इसी प्रकार साल 2000 में जब अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन भारत में थे, तब आतंकवादियों का बड़ा हमला हुआ था. इन आतंकवादी घटनाओं के पीछे पाकिस्तान का मकसद एक तीर से दो निशाने करना होता है. यह बात दीगर है कि बाद में उसे अपनी हरकतों का बड़ा खामियाजा उठाना पड़ता है. पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी और फौज सदैव इस बात का ध्यान रखती है कि भारत में कब कौन विदेशी बड़ी हस्ती दौरे पर है. साथ ही वह इस बात का भी ध्यान रखते हैं कि उनके देश में कब गृहयुद्ध के हालात होने वाले हैं. पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी का मकसद होता है कि एक तीर से दो निशाने कर लिए जाएं.
पाकिस्तान की आर्थिक हालात इन दोनों फटेहाल है. आलम यह है कि वहां रोटी को लेकर जंग छिड़ी हुई है. देश के बड़े शहरों में लगातार आतंकवादी घटनाएं हो रही है. खाड़ी देशों में अपनी फौज की बहादुरी का डंका पीटने वाले पाकिस्तान की हालत इसलिए भी पतली है कि उसके पाले हुए आतंकवादी आए दिन उसकी फौज के लोगों को बड़े पैमाने पर मार रहे हैं. ऐसे में पाकिस्तान पिछले लंबे समय से इस फिराक में था कि कब कोई बड़ी विदेशी हस्ती भारत के दौरे पर जाए और पाकिस्तान अपनी नापाक हरकतों के जरिए एक तीर से दो निशाने कर सके.
एक तीर से दो निशाने का मतलब है कि एक तरफ जब अमेरिका के उपराष्ट्रपति भारत के दौरे पर है तो ऐसे में अपने भाड़े के आतंकवादियों के जरिए उसने कश्मीर के पहलगाम में निहत्थे सैलानियों पर गोलीबारी कराई. इसके बाद उसका प्रोपेगेंडा शुरू होता है कि यह वारदात कश्मीर के लोगों ने की है. जबकि सच्चाई यह है कि यह संगठन पाकिस्तान के पाले हुए आतंकवादी संगठन लश्कर-ए- तैयबा और जैश-ए- मोहम्मद का है. इन हरकतों के जरिए पाकिस्तान कश्मीर मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उछलने की नापाक कोशिश करता रहता है. आज की हुई आतंकवादी घटना में दो विदेशियों समेत दर्जनों लोगों के मारे जाने की खबर है. ऐसे में इस खबर को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जगह मिलेगी और चर्चा होगी. साथ ही पाकिस्तान का मकसद भी हाल होगा क्योंकि कश्मीर एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय चर्चा में आ जाएगा.
दूसरे मकसद के तहत पाकिस्तान प्रशासन और वहां की फौज अपने आवाम को डरायेगी कि भारत उन पर हमला कर सकता है. ऐसे में उन्हें एकजुट रहने की आवश्यकता है. फटेहाल पाकिस्तान के लोग अपनी फौज की इस साजिश में पहले भी फंसते रहे हैं और वहां सरकार के खिलाफ उसकी नाकामयाबियों को लेकर हो रहे धरना प्रदर्शन बंद हो जाते हैं. पाकिस्तान ने ऐसा ही हमला साल 2000 में भी कराया था. जब अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन भारत के दौरे पर थे. अब देखना यह होगा कि इस बार पाकिस्तान अपने मकसद में कहां तक कामयाब हो पाता है.
Location :
Jammu and Kashmir
First Published :
April 22, 2025, 21:48 IST