Mehul Choksi Belgium Arresting News: पंजाब नेशनल बैंक से 13 हजार करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के मामले में फरार चल रहे हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी को बेल्जियम की कोर्ट से झटका लगा है. मंगलवार को हुई सुनवाई में कोर्ट ने उसकी जमानत याचिका खारिज कर दी. यह जानकारी उसके वकील विजय अग्रवाल ने दी है. उसे 12 अप्रैल को एंटवर्प नामक शहर में बेल्जियम पुलिस ने अरेस्ट किया था. उसकी गिरफ्तारी के लिए सीबीआई और ईडी ने बेल्जियम पुलिस को रिक्वेस्ट भेजी थी.
एंटीगुआ में बना रखा है ठिकाना
मेहुल चोकसी 2018 में भारत छोड़ने के बाद एंटीगुआ में रह रहा था. उसने कैरेबियाई देश की नागरिकता ले ली थी, जबकि उसकी भारतीय नागरिकता वैध बताई जाती है. चोकसी के वकील विजय अग्रवाल ने कहा कि 12 अप्रैल को गिरफ्तारी के बाद उसके मुवक्किल को मंगलवार को कोर्ट में पेश किया गया, जहां उसकी जमानत याचिका पर सुनवाई होनी थी. तीन जजों की बेंच ने जमानत याचिका पर विस्तार से उसके वकील की दलीलें सुनीं.
खराब सेहत की दी दलील
सुनवाई के दौरान चोकसी के वकील ने उसकी सेहत का हवाला देते हुए जमानत देने की गुहार लगाई लेकिन यह तिकड़म काम नहीं आई है. व्हील चेयर पर बैठकर पहुंचे चोकसी ने कोर्ट में दलीद दी कि वह अपने परिवार के साथ रहना चाहता है और उसकी तबियत भी ठीक नहीं रहती है. इसलिए उसे जमानत दे दी जाएगा. उसने अदालत से कहा कि इसके लिए कोर्ट यदि उसके ऊपर कोई शर्त लगाती है तो वह उसका भी पालन करने को तैयार है.
एंकलेट पहनने को भी तैयार!
चोकसी ने कहा कि अगर उसे GPS वाले एंकलेट पहनने को कहा जाता है तो वह इसके लिए भी तैयार है. हालांकि उसकी सारी चालाकियां काम नहीं आई और कोर्ट ने उसकी जमानत याचिका खारिज करके जेल भेज दिया. भारत इस मामले में मेहुल चोकसी के प्रत्यर्पण के लिए औपचारिक अनुरोध कर चुका है. इसके बावजूद अभी चोकसी को भारत ला पाने में कई बाधाएं खड़ी हुई हैं.
प्रत्यर्पण में क्या हैं दिक्कतें?
वकीलों के मुताबिक, चोकसी का प्रत्यर्पण तभी हो सकता है, जब यह साबित हो जाए कि मेहुल ने जो अपराध भारत में किया है, वह बेल्जियम में भी दंडनीय है. अगर ऐसा नहीं हुआ तो वह कोर्ट से अपने प्रत्यर्पण रुकवाने की मांग कर सकता है. इसके साथ ही कोर्ट का संतुष्ट होना और बेल्जियम सरकार की इच्छाशक्ति भी इस मामले में काफी मायने रखती है.