Good news: डायबिटीज का मिल गया पक्का इलाज, एम्स में सर्जरी से 30 मरीज हुए ठीक

5 hours ago

Surgery for Diabetes in AIIMS Delhi: अभी तक आपने सुना था कि एक बार अगर किसी को डायबिटीज हो जाए तो वह जीवनभर बनी रहेगी, वह पूरी तरह ठीक नहीं हो सकती. उसे दवा, एक्सरसाइज या लाइफस्टाइल बदलने से सिर्फ कंट्रोल किया जा सकता है, लेकिन एम्स नई दिल्ली ने न केवल यह बात पूरी तरह गलत साबित कर दी है, बल्कि टाइप-2 डायबिटीज का परमानेंट इलाज ढूंढकर डायबिटिक मरीजों को बहुत बड़ी राहत दी है. अब सर्जरी के माध्यम से इसे पूरी तरह ठीक किया जा सकता है. एम्स नई द‍िल्‍ली के सर्जरी विभाग ने पिछले एक साल में अनियंत्रित टाइप-2 डायबिटीज से जूझ रहे ऐसे 30 मरीजों की सर्जरी कर उन्हें बीमारी से मुक्त कर दिया है.

भारत में लोग दो तरह की महामारी झेल रहे हैं, पहली है डायबिटीज और दूसरी है अनियंत्रित डायबिटीज जिसके कारण शरीर के अनमोल अंग किडनी, हार्ट आदि ऑर्गन फेल हो जाते हैं, हार्ट अटैक, ब्रेन हैमरेज, ब्रेन स्ट्रोक, पैरालिसिस,डायबिटिक रेटिनोपैथी, गैंगरीन जैसी खतरनाक बीमारियां हो सकती हैं. वहीं अगर कोई अन्य बीमारी है तो वह डायबिटीज की वजह से जल्दी ठीक भी नहीं हो पाती.

एम्‍स में डायब‍िटीज का पक्‍का इलाज म‍िल गया है, सर्जरी से इस बीमारी को खत्‍म क‍िया जा सकता है. एम्‍स के सर्जन डॉ. मंजुनाथ जानकारी देते हुए. 

ऑल इंड‍िया इंस्‍टीट्यूट ऑफ मेड‍िकल साइंसेज, नई द‍िल्‍ली के सर्जरी विभाग में एडिशनल प्रोफेसर डॉ. मंजुनाथ कहते हैं कि डायबिटीज के इलाज को लेकर बहुत लोग यही समझते हैं कि शुगर लेवल बढ़ रहा है या कम हो रहा है तो उसको दवा के माध्यम से नॉर्मल रखा जाए, लेकिन असल में यह ट्रीटमेंट नहीं है. डायबिटीज के इलाज का मतलब है कि डायबिटीज से होने वाले बड़े नुकसान जैसे ऑर्गन फेल्योर या डैमेज को रोका जा सके. जबकि भारत में तो बहुत सारे मरीजों का शुगर लेवल तीन-तीन गोलियां लेने के बाद भी नियंत्रित नहीं है और ऑर्गन फेल्योर के मामले बढ़ रहे हैं.

हालांकि अब अच्छी खबर ये है कि शुगर की दवाएं, लाइफस्टाइल या खानपान नियमित करने के बाद भी कंट्रोल न होने वाली डायबिटीज को अब सर्जरी से ठीक किया जा सकता है. यह सर्जरी मोटापा भी घटाती है और डायबिटीज को भी खत्म करती है, क्योंकि मोटापा और डायबिटीज एक ही सिक्के के दो पहलू हैं.

सर्जरी से 30 मरीजों की डायबिटीज हुई ठीक
डॉ. मंजुनाथ बताते हैं कि एम्स में पिछले सवा साल में 120 मरीजों की सेंट्रल ओबेसिटी यानि पेट की सर्जरी की गई है, जिनमें से 30 फीसदी मरीज ऐसे थे जिनकी शुगर अनकंट्रोल्ड थी. इन्हीं में से एक मरीज सांसद का बीएमआई 27 और एचबीएवनसी 11.7 था. फास्टिंग शुगर 300 से ज्यादा और खाने के बाद शुगर लेवल 390 था. करीब 10 साल पुरानी टाइप टू डायबिटीज के बाद सांसद के पेट और आंतों की सर्जरी की गई. अब पिछले 5 महीने से उनका शुगर एकदम सामान्य है. डायबिटीज खत्म हो चुकी है.

कैसे की जाती है सर्जरी?

पेट और आंतों की इस सर्जरी से मोटापा और डायब‍िटीज दोनों ही ठीक होते हैं.

डॉक्टर ने बताया कि यह सर्जरी पैनक्रियाज पर नहीं की जाती, बल्कि पेट और आंतों पर होती है. इस मेटाबोलिक सर्जरी के जरिए पेट के साइज को कम कर सिलेंडर शेप में लाया जाता है और छोटी आंत को इससे जोड़ दिया जाता है तो जो भी खाना खाया जाता है वह डियोडेनम को बाइपास कर सीधे आंत में चला जाता है.

सर्जरी से क्या होता है फायदा?
इससे जीएलपी-1 आदि हार्मोन रिलीज होते हैं जो इंसुलिन को बढ़ावा देने के साथ ही ब्लड शुगर, ट्राइग्लाइसराइड्स, लिपिड प्रोफाइल, प्रोटीन यूरिया आदि को सामान्य रखते है और पूरी मेटाबोलिक हेल्थ को ठीक रखते हैं. यही वजह है कि इससे डायबिटीज की बीमारी सही हो जाती है.

क्या सभी शुगर मरीज करा सकते हैं सर्जरी?
हालांकि सर्जरी को लेकर डॉ. मंजुनाथ साफ करते हैं कि शुगर के हर पेशेंट को न तो सर्जरी कराने की जरूरत है और न ही सभी मरीजों पर यह काम करती है.यह सर्जरी उन मरीजों के लिए है जब डाइट, लाइफस्टाइल और दवाएं तीनों ही काम नहीं कर पा रहे हैं और ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल ही नहीं हो रहा है. अगर कोई मरीज 2 साल तक शुगर की 3-4 गोलियां खाने के बाद भी ब्लड शुगर सामान्य नहीं कर पा रहा है तो अनकंट्रोल्ड डायबिटिक मरीज के लिए यह सर्जरी न केवल फायदेमंद है बल्कि बेहद जरूरी है.

जिन डायबिटिक लोगों का एचबीएवनसी 6 या 6.5 तक रहता है, उन्हें इस सर्जरी की कोई जरूरत नहीं है, वे दवा, खानपान और लाइफस्टाइल को ठीक करके अपना शुगर मेनटेन कर सकते हैं. इसके अलावा किसी मरीज को 25 सालों से डायबिटीज है और वह 100 यूनिट इंसुलिन ले रहा है, तो उनके अंदर सेल्स खत्म हो चुकी होती हैं, 10 या 5 फीसदी सेल्स बची होती हैं तो यह सर्जरी ऐसे मरीजों के लिए कारगर नहीं है.

टाइप टू डायब‍िटीज को सर्जरी से ठीक कर सकते हैं.

डॉ. मंजु कहते हैं कि यह सर्जरी उन डायबिटिक लोगों के लिए जरूरी है जिन्हें 8-10 साल से डायबिटीज है और दवाएं लेने के बावजूद भी अनकंट्रोल्ड है तो वे लोग इस सर्जरी को करा सकते हैं और ऑर्गन खराब होने से बच सकते हैं.

ग्लोबल गाइडलाइंस ने भी माना सर्जरी है इलाज
बता दें कि 2016 में ग्लोबल गाइडलाइंस ने भी माना है कि यह सर्जरी सिर्फ मोटापे के लिए नहीं है बल्कि इससे टाइप टू डायबिटीज का भी इलाज होता है. इंटरनेशनल डायबिटीज फेडरेशन ने औपचारिक रूप से माना है कि मेटाबोलिक सर्जरी से अनकंट्रोल्ड डायबिटीज ठीक होती है. हालांकि कुछ ऐसे लोग भी हैं जो बिना मोटापे के भी इस सर्जरी का लाभ डायबिटीज के इलाज के लिए ले चुके हैं.

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