दुनिया में दूसरे देशों में पलायन करने वालों की कुल आबादी कितनी है? किस धर्म के लोग सबसे ज्यादा प्रवासी हैं? प्यू रिसर्च के मुताबिक दुनिया की कुल आबादी में से तकरीबन 28 करोड़ लोग अंतरराष्ट्रीय प्रवासी हैं. ये वैश्विक आबादी का कुल 3.6% है. ये वो आबादी है जो जिस देश में पैदा हुई वहां से किसी न किसी कारण से किसी अन्य देश में पलायन करने को मजबूर हुई. इस प्रवास के तीन सबसे बड़े कारण बताए गए हैं- युद्ध, आर्थिक संकट और प्राकृतिक आपदा.
हिंदू प्रवासी
यदि धार्मिक आधार पर देखें तो इस 28 करोड़ में अपना देश छोड़ने वालों में सबसे ज्यादा 47 प्रतिशत ईसाई हैं. 29 फीसद मुस्लिम और 5% हिंदू प्रवासी हैं. ईसाइयों की सबसे बड़ी आबादी मेक्सिको से रोजगार के चक्कर में अमेरिका की तरफ जाती है और वहीं बसती है. मुस्लिमों में सबसे ज्यादा पलायन गृह युद्ध की विभीषिका झेल रहा देश सीरिया से है. ये मुस्लिम प्रवासी जीवन के संकट से बचने के लिए सऊदी अरब में रहने के लिए जाते हैं. सबसे ज्यादा हिंदू भारत के एक हिस्से से दूसरे हिस्से की तरफ रोजगार के सिलसिले में प्रवास के लिए जाते हैं. यदि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देखें तो सबसे ज्यादा हिंदू, अमेरिका में जाते हैं और इस मामले में दूसरा स्थान संयुक्त अरब अमीरात का है.
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इस 28 करोड़ अंतरराष्ट्रीय प्रवासियों में से प्रवासी हिंदुओं की आबादी 1.35 करोड़ है. इनमें से 30 लाख (22%) भारत में, 26 लाख (19%) अमेरिका में, 8% संयुक्त अरब अमीरात में बसने गए हैं. इन हिंदू प्रवासियों के मूल जन्मस्थान की यदि बात की जाए तो इनमें से 76 लाख (57%) भारत, 16 लाख (12%) बांग्लादेश, 15 लाख (11%) नेपाल में जन्मे.
प्यू रिसर्च की रिपोर्ट के मुताबिक प्रवास के लिए सबसे ज्यादा दूरी हिंदू तय करते हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि भारत में इंटरनल शिफ्टिंग के अलावा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बसने के लिए ये अमेरिका, ब्रिटेन जैसे मुल्कों का रुख करते हैं. ये किसी दूसरे देश में बसने के लिए औसतन 4989 किमी (3100 मील) चलते हैं.
सबसे ज्यादा हिंदू प्रवासी एशिया-पैसेफिक रीजन (44%) में रहते हैं. उसके बाद इस श्रेणी में स्थान क्रमश: मिडिल ईस्ट-नॉर्थ अफ्रीका रीजन (24%) और नॉर्थ अमेरिका (22%) का आता है. करीब 8 प्रतिशत हिंदू प्रवासी यूरोप में रहते हैं और लैटिन अमेरिका एवं सब-सहारा अफ्रीका में रहने वाले हिंदुओं की संख्या बेहद कम है.
धार्मिक आबादी
गौरतलब है कि दुनिया में सबसे ज्यादा 30 प्रतिशत आबादी ईसाइयों की है. 25 प्रतिशत मुस्लिम और 15% हिंदू हैं. 23% ऐसे लोग हैं जो कोई धर्म नहीं मानते. जो किसी भी धर्म को नहीं मानते उसको प्रवासी नजरिये से देखें तो ये आबादी 13% है. ये लोग सबसे ज्यादा चीन से निकलते हैं और अमेरिका में जाकर बसते हैं.
प्यू रिसर्च ने संयुक्त का डेटा, 270 जनगणनाओं और सर्वे का अध्ययन करके 2020 तक के ये आंकड़े पेश किए हैं. इस रिपोर्ट के मुताबिक पिछले तीन दशक में जहां दुनिया की आबादी 47% बढ़ी वहीं इस अवधि में प्रवासियों की संख्या 83% तक बढ़ी.