INS Mahe Exclusive: भारतीय समुद्री सुरक्षा को और मजबूत करते हुए नौसेना ने अपने बेड़े में एक और ‘साइलेंट किलर’ जोड़ दिया है-INS माहे. 78 मीटर लंबा, अत्याधुनिक सोनार सिस्टम से लैस और दुश्मन पनडुब्बियों का पीछा कर उन्हें ध्वस्त करने में सक्षम यह युद्धपोत भारत की तटीय सुरक्षा को नई धार देने आया है. पानी में इसकी फुर्ती और कम-अकॉस्टिक सिग्नेचर इसे एक ‘किलर व्हेल’ जैसा बनाते हैं- शांत भी, घातक भी.
News18 की टीम ने INS माहे पर चढ़कर इस स्वदेशी युद्धपोत की हर ताकत, हर हथियार और हर स्कैनिंग तकनीक का एक्सक्लूसिव हिस्सा दिखाया है. यह सिर्फ एक जहाज नहीं, बल्कि ‘मेक इन इंडिया’ का वो सफल मॉडल है जिसमें 80% से अधिक तकनीक पूरी तरह स्वदेशी है.
INS माहे: एंटी-सबमरीन वारफेयर का नया भारतीय योद्धा
INS माहे एंटी-सबमरीन वॉरफेयर–शैलो वॉटर क्राफ्ट (ASW-SWC) वर्ग का पहला युद्धपोत है. कोचीन शिपयार्ड में बना यह जहाज़ उथले समुद्री इलाकों में दुश्मन पनडुब्बियों की खोज, निगरानी और हमला करने के लिए डिजाइन किया गया है. कमांडिंग ऑफिसर अमित दुबे ने News18 से कहा, “यह सिर्फ एक जहाज नहीं, बल्कि एक मल्टी-रोल प्लेटफॉर्म है, जो कई मिशनों में एक साथ काम करने में सक्षम है.”
एक जहाज- कई मिशन
एंटी–सबमरीन ऑपरेशन. तटीय सुरक्षा और निगरानी. सर्च एंड रेस्क्यू मिशन. माइन बिछाने और निष्क्रिय करने की क्षमता. उथले पानी में हाई-प्रिसिशन ऑपरेशन. समुद्र में तेज प्रतिक्रिया अभियान.वीडियो में INS माहे की यह मल्टी-रोल क्षमता स्पष्ट दिखती है.
इस युद्धपोत का नाम ‘माहे’—मालाबार तट के ऐतिहासिक शहर से लिया गया है.
INS माहे की तकनीकी शक्ति: स्पीड, फुर्ती और साइलेंस
स्पीड, बैलेंस और लो-अकॉस्टिक सिग्नेचर INS माहे को बाकी जहाजों से अलग बनाते हैं.
तकनीकी स्पेक्स-
विस्थापन: 896–1,100 टन लंबाई: 78 मीटर बीम: 11.26 मीटर ड्राफ्ट: 2.7 मीटर (उथले समुद्रों के लिए परफेक्ट) प्रणोदन: वॉटर-जेट सिस्टम- तेज मुड़ता है, दिशा बदलता है, फुर्ती बेहतरीनINS माहे 25 नॉट (46 km/h) तक की स्पीड पकड़ सकता है और 1,800 नॉटिकल माइल की रेंज रखता है. इसमें 2 RHIB बोट्स और 57 सदस्यीय क्रू (7 अधिकारी + 50 नाविक) तैनात रहते हैं.
INS माहे की असली घातक शक्ति है इसका दो-स्तरीय सोनार सिस्टम
INS माहे की मुख्य क्षमताएं
| क्षमता | विवरण |
| स्पीड | 25 नॉट |
| रेंज | 1,800 नॉटिकल माइल |
| क्रू | 57 सदस्य |
| निर्माण | कोचीन शिपयार्ड |
| टेक्नोलॉजी | 80% स्वदेशी |
| विशेषता | उथले पानी में एंटी-सबमरीन ऑपरेशन |
एडवांस्ड सोनार-‘साइलेंट सबमरीन हंटर’
INS माहे की असली घातक शक्ति है इसका दो-स्तरीय सोनार सिस्टम. News18 के साथ बातचीत में लेफ्टिनेंट कमांडर प्रतीक श्रीवास्तव बताते हैं, “माहे का सोनार सिस्टम दुश्मन पनडुब्बी को उसकी सबसे शांत स्थिति में भी पकड़ लेता है.”
DRDO Abhay Hull-Mounted Sonar
– जहाज के आसपास लगातार 360° निगरानी
– छोटी से छोटी ध्वनि पकड़ने की क्षमता
– उथले पानी में भी अत्यंत प्रभावी
Low Frequency Variable Depth Sonar (LFVDS)
– पानी में नीचे उतारा जाने वाला सोनार
– लंबी दूरी तक लक्ष्य का पता लगाना
– उन क्षेत्रों में उपयोगी जहां सतही सोनार काम नहीं करता
यह सिस्टम INS माहे को ‘समंदर का साइलेंट शिकारी’ बनाता है.
हथियार: दुश्मन पनडुब्बियों का काल
वीडियो में अपर-डेक वॉक में जहाज़ के हथियारों की पूरी झलक मिलती है.
मुख्य हथियार
IRL एंटी-सबमरीन रॉकेट लॉन्चर (12 बैरल) ट्रिपल लाइटवेट टॉरपीडो लॉन्चर (कुल 6 टॉरपीडो) एडवांस्ड लाइटवेट टॉरपीडो (ALWT) सिस्टम तेज़-फायरिंग रक्षा तोप माइन बिछाने वाली रेल (माइन-लेइंग रेल्स)ALWT टॉरपीडो दुश्मन पनडुब्बी का पीछा करके उसे सटीक निशाने पर मार गिराते हैं.
INS माहे 25 नॉट (46 km/h) तक की स्पीड पकड़ सकता है और 1,800 नॉटिकल माइल की रेंज रखता है.
नाम में इतिहास- लोगों से जुड़ा ‘माहे’
इस युद्धपोत का नाम ‘माहे’- मालाबार तट के ऐतिहासिक शहर से लिया गया है. इसके क्रेस्ट में ‘उरुमी’—कलारीपयट्टू की पारंपरिक व्हिप स्वॉर्ड दिखती है, जो चपलता, फुर्ती और सटीकता का प्रतीक है. INS माहे भी इन्हीं गुणों का आधुनिक समुद्री रूप है.
भारत की समुद्री सुरक्षा का नया अध्याय
INS माहे सिर्फ नौसेना की ताकत नहीं बढ़ाता, बल्कि यह भारत की स्वदेशी रक्षा निर्माण क्षमता का नया प्रमाण भी है. News18 की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट बताती है कि आने वाले सालों में यह जहाज तटीय सुरक्षा, पनडुब्बी रोधी ऑपरेशन और समुद्री सीमाओं की पहरेदारी में निर्णायक भूमिका निभाएगा.
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1 hour ago
