Last Updated:December 31, 2025, 18:16 IST
Voda-Idea AGR : देश की तीसरी सबसे बड़ी दूरसंचार कंपनी वोडा-आइडिया को सरकार ने नए साल का सबसे बड़ा तोहफा दिया है. केंद्रीय कैबिनेट ने कंपनी पर बकाया 87,695 करोड़ के एजीआर को 5 साल के लिए फ्रीज कर दिया है. साथ ही इसके भुगतान के लिए 10 साल का समय भी दिया है.
केंद्रीय कैबिनेट ने वोडा आइडिया को एजीआर पर बड़ी राहत सौंपी है. नई दिल्ली. वोडाफोन-आइडिया (Vodafone Idea) के करीब 20 करोड़ ग्राहकों के लिए नए साल की सबसे बड़ी खुशखबरी सामने आ गई है. सरकार ने कंपनी को 87,695 करोड़ रुपये का तोहफा दिया है, जिसका फायदा ग्राहक और कंपनी सभी को मिलेगा. कंपनी ने पिछले दिनों सरकार से गुहार लगाई थी कि उस पर एजीआर के रूप में भारी-भरकम बकाया राशि को लेकर राहत दी जाए. कंपनी ने यहां तक कहा था कि अगर सरकार ने उसकी मदद नहीं की तो कंपनी को अपना कामकाज बंद करना पड़ सकता है. इस खबर के बाद कंपनी के करोड़ों ग्राहक सकते में आ गए थे, लेकिन अब कंपनी के साथ-साथ ग्राहकों को भी नए साल का तोहफा मिला है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली केंद्रीय कैबिनेट ने 31 दिसंबर को वोडा-आइडिया की अपील पर फैसला किया और कंपनी को पूरे 5 साल का मोरेटोरियम दे दिया. मोरेटोरियम का मतलब ऐसे समझिए कि कंपनी के बकाया एजीआर भुगतान को सरकार ने पूरे 5 साल के लिए फ्रीज कर दिया है. कैबिनेट ने कहा है कि वोडा-आइडिया पर बकाए समायोजित सकल राजस्व (AGR) की 87,695 करोड़ रुपये की राशि के पुनर्भुगतान को रीशेड्यूल किया जाता है. इसे 5 साल के लिए फ्रीज करते हुए वित्तवर्ष 2032 से 2041 के बीच भुगतान के लिए तय किया जाता है.
भुगतान राशि की भी समीक्षा होगी
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि केंद्रीय कैबिनेट ने एजीआर पर मोरेटोरियम देने के साथ ही इस बकाया राशि के पुनर्आकलन की बात भी कही है. यह असेसमेंट सरकार की ओर से नियुक्त पैनल करेगा. कैबिनेट फैसले के तहत दूरसंचार विभाग बकाया राशि का दोबारा आकलन करेगा, जो डिडक्शन-वेरिफिकेशन गाइडलाइन और कंपनी के ऑडिट पर आधारित होगा. हालांकि, भुगतान राशि पर अंतिम फैसला सरकार की ओर से नियुक्त पैनल ही करेगा, जो कंपनी और केंद्र सरकार के बीच समन्वय के रूप में काम करेगा.
सरकार ने क्यों दी इतनी बड़ी राहत
सरकारी सूत्रों का कहना है कि कैबिनेट ने इतनी बड़ी राहत देने का फैसला जनहित में लिया है, ताकि दूरसंचार क्षेत्र में किसी कंपनी का एकाधिकार न हो और इस सेक्टर की प्रतिस्पर्धा बनी रहे. यह फैसला सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश के आलोक में भी लिया गया है, जिसमें एजीआर मुद्दे पर नीतियों के तहत दोबारा विचार करने की बात कही गई थी. शीर्ष अदालत ने कहा था कि देश के 20 करोड़ उपभोक्ताओं के हितों को ध्यान में रखते हुए ऐसा करना जरूरी था.
कब देना था कंपनी को बकाया
वोडा-आइडिया को 87,695 करोड़ रुपये के बकाया एजीआर का भुगतान 31 दिसंबर, 2025 यानी आज ही करना था. यही वजह है कि केंद्रीय कैबिनेट ने इस राशि पर 5 साल का मोरेटोरियम दे दिया है और इस अवधि तक भुगतान करने की जरूरत नहीं होगी. इसका मतलब है कि कंपनी को अब एजीआर का भुगतान वित्तवर्ष 2031-32 से लेकर 2040-41 के बीच में करना है यानी अब पूरे 15 साल का मौका कंपनी को दे दिया गया है. जाहिर है कि यह कंपनी को अब तक दिया गया सबसे बड़ा मौका है.
सरकार की 49 फीसदी हिस्सेदारी भी सुरक्षित
वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस फैसले का मकसद सिर्फ कंपनी को राहत देने का ही नहीं, बल्कि सरकार की 49 फीसदी हिस्सेदारी को सुरक्षित रखना भी है. गौरतलब है कि कर्ज में दबी वोडा-आइडिया ने पिछले दिनों सरकार से सपोर्ट की गुहार लगाई थी और कहा था कि बिना इसके कंपनी का बचे रहना मुमकिन नहीं. इसका असर कंपनी के 18 हजार कर्मचारियों के साथ ही 19.8 करोड़ सब्सक्राइबर्स पर भी पड़ेगा.
पहले भी मिल चुका है 37 हजार करोड़ का लाभ
वोडा-आइडिया को सरकार ने इससे पहले भी करीब 37 हजार करोड़ रुपये का फायदा दिया है. जब बीते मार्च महीने में कंपनी पर 36,950 करोड़ रुपये के बकाए को इक्विटी में बदल दिया था और इस तरह कंपनी में सरकार की 49 फीसदी हिस्सेदारी हो गई थी. इससे पहले 2023 की शुरुआत में भी सरकार कंपनी पर बकाया 16 हजार करोड़ को 33 फीसदी इक्विटी हिस्सेदारी में बदल चुकी थी. बीते सितंबर महीने में कंपनी ने एजीआर पर लगी 9,450 करोड़ की पेनाल्टी पर भी राहत देने की मांग की थी. कंपनी का कहना था कि यह जुर्माना साल 2020 में ही शीर्ष अदालत की ओर से सेटल किया जा चुका है.
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प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...और पढ़ें
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New Delhi,Delhi
First Published :
December 31, 2025, 18:16 IST

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