Last Updated:August 14, 2025, 11:58 IST
Jammu Kashmir Statehood: सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने वाली याचिका पर केंद्र से 8 हफ्ते में जवाब मांगा. CJI ने पहलगाम हमले का जिक्र करते हुए सुरक्षा हालात पर चिंता जताई.

सुप्रीम कोर्ट में जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा वाली याचिका पर सुनवाई हुई. कोर्ट ने केंद्र सरकार से इस याचिका पर 8 हफ्ते के भीतर जवाब मांगा है. सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि इस पर काम जारी है. इस याचिका पर सुनवाई करते हुए सीजेआई ने बड़ी टिप्पणी की है. उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा देने में जमीनी हालात को ध्यान में रखना होगा. उन्होंने कहा कि आप पहलगाम जैसी घटनाओं को नजरअंदाज नहीं कर सकते हैं.
सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में मांग की गई कि केंद्र सरकार को दो महीने के भीतर जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने का निर्देश दिया जाए. याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया कि 2024 में लोकसभा और विधानसभा चुनाव शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुए, जिससे साफ है कि अब सुरक्षा संबंधी कोई बाधा नहीं है. उन्होंने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा बनाए रखना संघवाद के मूल सिद्धांत और क्षेत्र के लोगों के लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन करता है.
पहलगाम हमले को नजरअंदाज तो नहीं कर सकते:CJI
सुप्रीम कोर्ट ने दिसंबर 2023 में अनुच्छेद 370 को हटाने के सरकार के फैसले को बरकरार रखते था. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को जल्द से जल्द राज्य का दर्जा बहाल करने का निर्देश दिया था. याचिकाकर्ताओं का कहना है कि केंद्र ने अभी तक कोई समय-सीमा नहीं दी. मगर, याचिकाकर्ता की सुरक्षा वाली दलील को सुनते हुए CJI बीआर गवई ने टिप्पणी की, ‘ कोई भी बड़ा कदम उठाने से पहले जम्मू-कश्मीर के जमीनी हालात पर गौर करना होगा. पहलगाम जैसी घटनाओं को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता,’ उन्होंने हाल के आतंकी हमले का जिक्र करते हुए सुरक्षा स्थिति पर चिंता जताई.
सॉलिसिटर जनरल की दलील
केंद्र सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट को बताया कि जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि क्षेत्र की जटिल परिस्थितियों को ध्यान में रखना जरूरी है. सुप्रीम कोर्ट जम्मू-कश्मीर की अजीबोगरीब स्थिति से वाकिफ है. यह याचिकाकर्ताओं के लिए माहौल बिगाड़ने का समय नहीं है. मेहता ने यह भी उल्लेख किया कि सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ को दिए गए वादे के अनुसार, क्षेत्र में विधानसभा चुनाव सितंबर 2024 तक कराए गए. चुनाव शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुए. हालांकि, उन्होंने राज्य दर्जे की बहाली के लिए समय-सीमा देने से बचते हुए सुरक्षा और प्रशासनिक चुनौतियों का हवाला दिया. मेहता ने कोर्ट से अनुरोध किया कि केंद्र को इस मामले में जवाब देने के लिए पर्याप्त समय दिया जाए, जिसे कोर्ट ने स्वीकार करते हुए 8 हफ्ते का समय दिया.
दीप राज दीपक 2022 में न्यूज़18 से जुड़े. वर्तमान में होम पेज पर कार्यरत. राजनीति और समसामयिक मामलों, सामाजिक, विज्ञान, शोध और वायरल खबरों में रुचि. क्रिकेट और मनोरंजन जगत की खबरों में भी दिलचस्पी. बनारस हिंदू व...और पढ़ें
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Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
August 14, 2025, 11:47 IST