Last Updated:May 21, 2025, 10:54 IST
Kailash Mansarovar Yatra: कैलाश मानसरोवर यात्रा पांच साल बाद फिर शुरू होगी. यात्रियों का चयन 21 मई को कंप्यूटराइज्ड ड्रा से होगी. यात्रा जून 2025 से शुरू होगी. 18 बैच में 1,000 से ज्यादा यात्री शामिल होंगे.

2019 में कैलाश मानसरोवर यात्रा के यात्रियों के साथ विदेश मंत्री एस. जयशंकर. (फाइल फोटो)
हाइलाइट्स
कैलाश मानसरोवर यात्रा 5 साल बाद फिर शुरू होगी.यात्रियों का चयन 21 मई को कंप्यूटराइज्ड ड्रा से होगा.यात्रा जून 2025 से शुरू होगी, 18 बैच में 1,000 से ज्यादा यात्री शामिल होंगे.Kailash Mansarovar Yatra: पांच साल के लंबे इंतजार के बाद कैलाश मानसरोवर यात्रा एक बार फिर शुरू होने जा रही है. इस पवित्र यात्रा के लिए यात्रियों का चयन बुधवार 21 मई को कंप्यूटराइज्ड ड्रा के जरिए होगा. इस चयन प्रक्रिया की अध्यक्षता विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह करेंगे. कोविड-19 महामारी और भारत-चीन के बीच सीमा पर तनाव के कारण 2020 में यह यात्रा बंद कर दी गई थी.
कैलाश मानसरोवर यात्रा हिंदू अनुयायियों के लिए बेहद पवित्र मानी जाती है. यह यात्रा तिब्बत में स्थित कैलाश पर्वत और मानसरोवर झील तक ले जाती है जो भगवान शिव और आध्यात्मिक शांति का प्रतीक हैं. हर साल हजारों लोग इस यात्रा के लिए आवेदन करते हैं लेकिन सीमित कोटा के कारण चयन लॉटरी सिस्टम से होता है. इस बार भी विदेश मंत्रालय ने यात्रियों के चयन के लिए पारदर्शी और निष्पक्ष कंप्यूटराइज्ड ड्रा की व्यवस्था की है.
विदेश मंत्रालय के मुताबिक इस साल यात्रा जून 2025 से शुरू होगी. यात्रा दो रास्तों से होगी- एक लिपुलेख दर्रा (उत्तराखंड) के रास्ते और दूसरा नाथू-ला (सिक्किम) के रास्ते. दोनों मार्गों के लिए अलग-अलग ड्रा होंगे. लिपुलेख मार्ग चुनौतीपूर्ण है, जिसमें 22 दिन की पैदल यात्रा शामिल है जबकि नाथू-ला मार्ग अपेक्षाकृत आसान है और इसमें बस से यात्रा होती है. इस बार 18 बैच में 1,000 से ज्यादा यात्रियों को मौका मिलेगा. प्रत्येक बैच में 60 लोग होंगे.
2020 में बंद हो गई थी यात्रा
कोविड-19 महामारी के कारण 2020 में यात्रा रुक गई थी. इसके बाद 2020 में गलवान घाटी में भारत-चीन के बीच सैन्य तनाव के कारण यह पूरी तरह बंद हो गई. हाल ही में दोनों देशों के बीच कूटनीतिक बातचीत और तनाव कम होने के बाद यात्रा को फिर से शुरू करने का फैसला लिया गया. विदेश मंत्रालय ने चीनी अधिकारियों के साथ समन्वय कर यात्रा की तैयारियां पूरी की हैं. सुरक्षा और स्वास्थ्य के लिए कड़े इंतजाम किए गए हैं. यात्रियों को मेडिकल टेस्ट और फिटनेस सर्टिफिकेट देना होगा, क्योंकि ऊंचाई वाले इस क्षेत्र में ऑक्सीजन की कमी और ठंड चुनौती पूर्ण हो सकती है.
चयन प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन होगी. आवेदकों को पहले पंजीकरण करना होता है जिसमें उनकी उम्र, स्वास्थ्य और अन्य जानकारी दी जाती है. 18 से 70 साल की उम्र के लोग आवेदन कर सकते हैं, लेकिन उन्हें कठिन मौसम और पैदल यात्रा के लिए तैयार रहना होगा. ड्रा के बाद चयनित यात्रियों की सूची विदेश मंत्रालय की वेबसाइट पर जारी होगी. कीर्ति वर्धन सिंह ने कहा कि यह यात्रा भारत की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है. हम इसे सुगम और सुरक्षित बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं.
न्यूज18 हिंदी में बतौर एसोसिएट एडिटर कार्यरत. मीडिया में करीब दो दशक का अनुभव. दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, आईएएनएस, बीबीसी, अमर उजाला, जी समूह सहित कई अन्य संस्थानों में कार्य करने का मौका मिला. माखनलाल यूनिवर्स...और पढ़ें
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