Last Updated:June 11, 2025, 08:57 IST
NEET Success Story: अगर लक्ष्य स्पष्ट हो और प्रयास निरंतर हों, तो सफलता दूर नहीं होती. ऐसे ही दिल्ली की एक लड़की ने नीट यूजी की परीक्षा में 33वीं रैंक हासिल करके इतिहास रच दिया है.

NEET Success Story: नीट यूजी में हासिल की 33वीं रैंक
हाइलाइट्स
NEET में 720 में से 710 अंक हासिल किए.ऑल इंडिया रैंक 33 प्राप्त की.दिल्ली से महिला टॉपर बनीं.NEET Success Story: कहते हैं न कि मन के हारे हार है, मान के जीते जीत है. इसी तरह कभी हार नहीं मानने वाली दिल्ली की मिमांशा मौन (Mimansha Moun) ने नीट यूजी की परीक्षा में 720 में से 710 अंक हासिल किए हैं. इसके साथ ही वह ऑल इंडिया रैंक 33 प्राप्त की हैं. यह न सिर्फ एक बड़ी उपलब्धि है, बल्कि उन्होंने दिल्ली से महिला टॉपर बनकर भी एक खास मुकाम हासिल किया है. उनकी सफलता इस बात का प्रमाण है कि समर्पण, मेहनत और सही दिशा में प्रयास करने से कुछ भी असंभव नहीं है.
बचपन से डॉक्टर बनने का सपना
नीट यूजी की परीक्षा में 720 में से 710 अंक हासिल करने वाली मिमांशा को बचपन से ही बायोलॉजी में रुचि थी. वह कक्षा IX में ही उन्होंने तय कर लिया था कि वे डॉक्टर बनेंगी. उनके माता-पिता और बड़े भाई ने हमेशा उनका समर्थन किया. खासतौर पर उनके भाई ने उन्हें डॉक्टर के काम और मरीजों की सेवा के महत्व को समझाया, जिससे उनका इरादा और मजबूत हुआ.
खुद पर विश्वास और लगातार मेहनत
नीट यूजी में 2023 में 33वीं रैंक हासिल करने वाली मिमांशा ने नियमित मॉक टेस्ट और गहन अध्ययन के जरिए अपनी तैयारी को मजबूत किया. NEET जैसी कठिन परीक्षा में टॉप रैंक हासिल करना आसान नहीं होता. मिमांशा ने दिन-रात मेहनत की, पढ़ाई के प्रति अनुशासन रखा और कभी भी हार नहीं मानी. उन्होंने यह साबित किया कि अगर इरादे मजबूत हों, तो कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है.
लड़कियों के लिए प्रेरणा
मिमांशा की कामयाबी खास इसलिए भी है क्योंकि उन्होंने यह मुकाम महिला राज्य टॉपर बनकर हासिल किया है. उनकी सफलता उन सभी लड़कियों के लिए एक मिसाल है, जो बड़े सपने देखती हैं. मिमांशा ने दिखा दिया कि किसी भी क्षेत्र में महिलाएं पीछे नहीं हैं और वे भी मेडिकल जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं में सबसे आगे रह सकती हैं. वह अभी फिलहाल AIIMS से MBBS की पढ़ाई कर रही हैं. एनरोलमेंट लिस्ट के अनुसार MBBS के दूसरे साल में हैं.
पिता ONGC में हैं कार्यरत
उनकी सफलता के पीछे उनके परिवार का बड़ा योगदान रहा है. उनके पिता ONGC में कार्यरत हैं और मां गृहिणी हैं. दोनों ने हमेशा उनकी पसंद और मेहनत को सराहा. मिमांशा की यह कहानी हर उस छात्र के लिए प्रेरणा है जो मेडिकल क्षेत्र में करियर बनाना चाहता है. यह दिखाता है कि जुनून, मेहनत और सही मार्गदर्शन से कोई भी सपना साकार किया जा सकता है.
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पत्रकारिता के क्षेत्र में 8 वर्षों से अधिक का अनुभव. दूरदर्शन, ज़ी मीडिया और News18 के साथ काम किया है. इन्होंने अपने करियर की शुरुआत दूरदर्शन दिल्ली से की, बाद में ज़ी मीडिया से जुड़े और वर्तमान में News18 Hin...और पढ़ें
पत्रकारिता के क्षेत्र में 8 वर्षों से अधिक का अनुभव. दूरदर्शन, ज़ी मीडिया और News18 के साथ काम किया है. इन्होंने अपने करियर की शुरुआत दूरदर्शन दिल्ली से की, बाद में ज़ी मीडिया से जुड़े और वर्तमान में News18 Hin...
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