Ohi Day: कभी एक 'हां' वो काम नहीं कर पाती जो एक 'न' से मुमकिन हो जाता है, वो किस्सा जब ग्रीस ने 'न' कहकर रचा था इतिहास

3 hours ago

Profit of saying No: वेलनेस कोच और लाइफ एक्सपर्ट्स आज लोगों को 'न' कहना सिखा रहे हैं. किसी को किसी बात के लिए मना करने के तरीके और फायदे गिना रहे हैं. हालांकि 'न' या 'ना' कहने का जो फायदा आज बताया जा रहा है वो पुराने जमाने में भी मौजूं यानी कारगर था. फर्क बस इतना है कि पहले के लोग किसी को ना कहने यानी मना करने कि हिम्मत नहीं जुटा पता थे. इसकी तमाम वजहों में से एक ये भी थी कि ऐसा करना उस समय सही नहीं माना जाता था.

'न' कहने की ताकत पर सोशल मीडिया के जमाने में मीम बनते हैं, जो लोगों को गुदगुदाते हैं तो इसके फायदे विज्ञापन कंपनियां भी गिना रही है.  एक चॉकलेट कंपनी ने अपने प्रोडक्ट की टैग लाइन ही रख दी -  'अच्छा हुआ तुमने कुछ ना किया'. सीधा मतलब ये कि काम को मना कर दिया.

न-न एकदम ना!

कभी-कभी एक 'हां' वो काम नहीं कर पाती जो एक 'न' से मुमकिन होता है. ऐसा ही दशकों पहले हुआ. दो देशों के बड़े नाम आमने-सामने थे. एक बहुत मजबूत था तो दूसरा थोड़ा कमजोर. लेकिन कहानी में यही ट्विस्ट है. कमजोर समझे जाने वाले देश ने 'न' कहने की हिम्मत दिखाई और दुनिया में वाहवाही पाई. ये देश था ग्रीस और 28 अक्टूबर 1940 को उसके शासक ने इटली के तानाशाह को 'ओही' (ओएक्सआई) यानी 'न' कहने की हिम्मत दिखाई थी. तभी से हर साल 28 अक्टूबर को ग्रीस 'ओही डे' मनाता है, जो केवल इतिहास का नहीं बल्कि आत्मसम्मान और साहस का प्रतीक बन गया.

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वो रात और ओही!

भोर होने वाली थी. करीब तीन बजे इटली का एक अल्टीमेटम ग्रीस के प्रधानमंत्री इओआनिस मेटाक्सस के पास पहुंचा. इसमें इटली ने ग्रीस से मांग की थी कि वह अपनी जमीन पर इटली की सेना को प्रवेश की अनुमति दे. लेकिन मेटाक्सस ने बिना झिझक जवाब दिया- 'ओही!' यह एक शब्द न केवल एक नेता का जवाब था, बल्कि एक पूरे राष्ट्र की आवाज बन गया. कुछ ही घंटों में इटली ने ग्रीस पर हमला कर दिया और ग्रीको-इटालियन वॉर की शुरुआत हो गई. लगभग सात महीनों तक युद्ध चला. दोनों ओर से हजारों की संख्या में सैनिक मारे गए.

आजादी बिकाऊ नहीं

उस ऐतिहासिक पल से ग्रीस ने यह दिखा दिया कि उसकी आजादी बिकाऊ नहीं है. यही साहस आगे चलकर ग्रीक पहचान का हिस्सा बन गया. इसीलिए 28 अक्टूबर आज भी पूरे ग्रीस और साइप्रस में गर्व और राष्ट्रभक्ति के उत्सव के रूप में मनाया जाता है. एथेंस और अन्य शहरों में इस दिन परेड, झंडारोहण, और बच्चों के मार्च-पास्ट आयोजित किए जाते हैं. स्कूलों में देशभक्ति गीत गाए जाते हैं, स्मारकों पर लोग पहुंचते हैं और ग्रीक होने पर सम्मानित महसूस करते हैं. सड़कों पर 'ओएक्सआई' बड़े अक्षरों में लिखा दिखाई देता है -जो अब एक राष्ट्रीय भावना का प्रतीक बन चुका है. (आईएएनएस)

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