Pakistan supported by Azerbaijan: ऑपरेशन सिंदूर के जरिए पाकिस्तान के खिलाफ भारत ने जोरदार कार्रवाई की और अब उन देशों पर भी शिकंजा कसना शुरू कर दिया है जो तनाव के दौरान पाकिस्तान के साथ खड़े थे. इनमें तुर्किये और अजरबैजान सबसे आगे हैं. भारत ने तुर्किये की ग्राउंड हैंडलिंग कंपनी सेलेबी का कॉन्ट्रैक्ट रद्द कर दिया है और अब अजरबैजान को भी बड़ा झटका देने की तैयारी में है. यह संदेश साफ है कि जो पाकिस्तान के साथ खड़ा होगा उसे भारत की सख्ती झेलनी होगी. हालांकि यह समझना जरूरी है कि अजरबैजान से भारत का कैसा व्यापार है.
अजरबैजान के लिए बड़ी चिंता..
दरअसल युद्ध के दौरान तुर्किये ने पाकिस्तान को ड्रोन सप्लाई किए जिन्हें भारत के खिलाफ इस्तेमाल किया गया. वहीं अजरबैजान ने भी खुलकर पाकिस्तान का साथ दिया. इसके जवाब में भारत अब अजरबैजान के दुश्मन अर्मेनिया को 720 मिलियन डॉलर के हथियार बेचने जा रहा है. इस डील में अत्याधुनिक आकाश-1S एयर डिफेंस सिस्टम की 15 यूनिट्स शामिल हैं जो अजरबैजान के लिए बड़ी चिंता का विषय बन गई हैं.
भारत की यह कूटनीतिक रणनीति सिर्फ हथियारों तक सीमित नहीं है. अजरबैजान के साथ व्यापारिक रिश्ते भी खतरे में आ सकते हैं. भारत अजरबैजान से सबसे ज्यादा कच्चा तेल मंगवाता है जो उनके कुल निर्यात का 98% हिस्सा है. यदि भारत इस व्यापार पर रोक लगाता है तो अजरबैजान की अर्थव्यवस्था को बड़ा झटका लगेगा. हालांकि भारत के लिए यह फैसला लेना उतना मुश्किल नहीं होगा.
आपूर्ति घटने से इनकी कीमतों में इजाफा?
अगर भारत और अजरबैजान के बीच व्यापार ठप होता है तो इसका असर भारतीय बाजार पर भी दिखेगा. अजरबैजान से भारत में आने वाली चीजों में पशु चारा, जैविक रसायन, आवश्यक तेल, परफ्यूम, चमड़ा और कच्ची खालें शामिल हैं. इन वस्तुओं की आपूर्ति घटने से इनकी कीमतों में इजाफा हो सकता है. भारत से अजरबैजान को तंबाकू, चाय, कॉफी, अनाज और प्लास्टिक जैसे उत्पाद भेजे जाते हैं, जिन पर भी असर पड़ सकता है.
तल्खी का असर पर्यटन पर भी
भारत और अजरबैजान के रिश्तों में आई तल्खी का असर पर्यटन पर भी दिखने लगा है. बड़ी संख्या में भारतीय वहां छुट्टियां बिताने और फिल्म शूटिंग के लिए जाते हैं. लेकिन मौजूदा हालात के कारण कई बुकिंग्स रद्द हो चुकी हैं, जिससे अजरबैजान के पर्यटन उद्योग को नुकसान हो रहा है. कुल मिलाकर पाकिस्तान को समर्थन देना अब उसके साथ खड़े देशों को महंगा पड़ने लगा है.