Last Updated:April 30, 2025, 20:18 IST
Pahalgam Massacre Aftermath: भारतीय रक्षा सूत्रों ने पाकिस्तान में हालिया हिंसा का कारण सेना के भीतर असंतोष बताया है. DG ISPR ने भारत पर आतंकवाद का आरोप लगाया, जिसे भारतीय सूत्रों ने खारिज किया.

पाकिस्तान में हालिया हिंसा का कारण सेना के भीतर असंतोष है. (फोटो Reuters)
हाइलाइट्स
पाकिस्तान सेना में असंतोष से हिंसा बढ़ी.DG ISPR ने भारत पर आतंकवाद का आरोप लगाया.भारत ने पाकिस्तानी आरोपों को खारिज किया.Pahalgam Massacre: भारतीय रक्षा सूत्रों ने पाकिस्तान में हालिया हिंसा की घटनाओं को लेकर एक चौंकाने वाला दावा किया है. CNN-News18 से बातचीत में उन्होंने कहा कि देश की सेना के भीतर पनप रहा आंतरिक असंतोष इन घटनाओं का एक प्रमुख कारण हो सकता है. उनकी यह टिप्पणी पाकिस्तान सशस्त्र बलों के जनसंपर्क विंग, DG ISPR की मंगलवार को हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद आई है. अपने बयान में DG ISPR ने भारत पर बेबुनियाद आरोप लगाए गए थे.
प्रेस कॉन्फ्रेंस में पाकिस्तान सेना के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी ने भारत पर पाकिस्तान में आतंकवाद को प्रायोजित करने का आरोप लगाया था. उन्होंने यह भी दावा किया था कि उनके पास उन सैनिकों के बारे में जानकारी है जो इन आतंकवादी हमलों से जुड़े हैं और उन्होंने एक ऐसे पाकिस्तानी नागरिक को गिरफ्तार करने की बात भी कही थी जो भारतीय सेना के लिए काम कर रहा था.
ISPR हमेशा नए शब्द गढ़ने में माहिर-भारत
बुधवार को भारतीय रक्षा सूत्रों ने इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा, “29 अप्रैल 2025 की प्रेस कॉन्फ्रेंस में DG ISPR लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी ने भारत के लिए एक नया शब्द गढ़ा – ‘राज्य प्रायोजित सीमा पार आतंकवाद’. ISPR हमेशा नए शब्द गढ़ने में माहिर रहा है. जनरल अविश्वसनीय लग रहे थे क्योंकि उन्हें पता था कि वे जो कुछ भी बोल रहे थे वह झूठ, धोखा और छल से भरा था.”
सूत्रों के अनुसार पाकिस्तान की सेना में “काफी संख्या” में ऐसे असंतुष्ट अधिकारी और सैनिक मौजूद हैं, जो सत्तारूढ़ शासन और सैन्य नेतृत्व दोनों से नाखुश हैं. सूत्रों ने जोर देकर कहा कि यह असंतोष पाकिस्तान के भीतर इस तरह के हमले करने के लिए एक महत्वपूर्ण प्रेरणा का स्रोत हो सकता है.
भारतीय और पाकिस्तानी सेनाओं के बीच के संरचनात्मक अंतर को भी सूत्रों ने उजागर किया. उन्होंने कहा, “जहां भारतीय सेना एक राष्ट्रीय बल है जो विभिन्न क्षेत्रों और समुदायों का प्रतिनिधित्व करती है, वहीं पाकिस्तान सेना को अक्सर एक क्षेत्रीय सेना के रूप में देखा जाता है. जिसका नेतृत्व मुख्य रूप से पंजाबी अधिकारियों द्वारा किया जाता है.” सूत्रों के मुताबिक इससे अन्य प्रांतों के कर्मियों में अलगाव की भावना पैदा हो गई है, जो प्रमुख नेतृत्व द्वारा खुद को उपेक्षित और लक्षित महसूस कर सकते हैं.
किस्तानी खुफिया एजेंसियों में क्यों फैली घबराहट
सूत्रों ने यह भी कहा कि पहलगाम नरसंहार जिसमें 26 नागरिकों की जान गई, ने एक बार फिर पाकिस्तान की सेना और उसकी खुफिया एजेंसी ISI की आतंकवाद को बढ़ावा देने में गहरी भूमिका को उजागर किया है. उन्होंने आगे बताया कि एक सेवारत एसएसजी कमांडो जिसका नाम मूसा है इस जांच में एक प्रमुख नाम के तौर पर उभरा है. इससे पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों में घबराहट फैल गई और इसी वजह से DG ISPR द्वारा जल्दबाजी में प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की गई.
सूत्रों ने यह भी जानकारी दी कि भारत ने पाकिस्तानी नागरिकों और सैन्य-प्रशिक्षित आतंकवादियों के इस हमले में शामिल होने के अचूक सबूत पाकिस्तान के साथ साझा किए हैं, लेकिन इस्लामाबाद ने कभी भी इस पर कोई कार्रवाई नहीं की है.
Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
April 30, 2025, 20:18 IST