Pakistan Independence Day: बाज नहीं आ रहा अमेरिका, पाकिस्तान के स्वतंत्रता दिवस पर किया ये काम

1 week ago

US-Pakistan Relations: पाकिस्तान आज यानी 14 अगस्त को अपना 69वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है, इस मौके पर अमेरिका ने एक बार फिर दोस्ती का हाथ बढ़ाया है. अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने पाकिस्तान को बधाई देते हुए कहा कि अमेरिका आतंकवाद-रोधी प्रयासों और व्यापार में पाकिस्तान की भागीदारी की सराहना करते हुए कहा कि दोनों देशों के बीच आर्थिक सहयोग के नए क्षेत्रों, जैसे कि खनिज और हाइड्रोकार्बन सेक्टर में साझेदारी बढ़ाने की उम्मीद है. उन्होंने कहा कि इससे अमेरिकी और पाकिस्तानी नागरिकों के लिए एक समृद्ध भविष्य तैयार होगा.

1947 से हर साल 14 अगस्त को आजादी का जश्न

पाकिस्तान हर साल 14 अगस्त को आजादी का जश्न मनाता है जो 1947 में ब्रिटिश भारत के विभाजन के बाद मुस्लिमों के लिए अलग देश के रूप में उसकी स्थापना की याद दिलाता है. इस मौके पर पाकिस्तान में बड़े पैमाने पर कार्यक्रम और परेड का आयोजन होता है. इस बार अमेरिका की ओर से आया संदेश, दोनों देशों के बीच हाल के दिनों में बढ़ते रिश्तों का संकेत माना जा रहा है.

US Secretary of State Marco Rubio congratulates Pakistan on its Independence Day pic.twitter.com/z3BCn60eQ0

— ANI (@ANI) August 14, 2025

आतंकवाद और व्यापार में साझेदारी

हाल ही में अमेरिका ने बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) और उसके संगठन मजीद ब्रिगेड को विदेशी आतंकी संगठन घोषित किया है. यह कदम पाकिस्तानी सेना प्रमुख असीम मुनीर की अमेरिका यात्रा के दौरान आया. इसके साथ ही अमेरिका ने पाकिस्तान के ऊर्जा और खनन सेक्टर में निवेश करने की भी घोषणा की है. दोनों देशों के बीच हुए समझौते में पाकिस्तान के तेल भंडार के विकास और टैरिफ में कमी का प्रावधान है. इस बीच इस्लामाबाद में आतंकवाद-रोधी वार्ता भी हुई, जबकि भारत ने पहलगाम आतंकी हमले में पाकिस्तान के सबूत पेश किए थे.

भारत की नाराजगी और अमेरिकी चुप्पी

अमेरिका और पाकिस्तान की नजदीकी पर भारत में चिंता जताई जा रही है.खासकर तब जब असीम मुनीर ने हाल में परमाणु हमले की धमकी देते हुए कहा कि पाकिस्तान "दुनिया का आधा हिस्सा खत्म कर देगा" और अमेरिकी विदेश मंत्री ने इस बयान पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी. इससे पहले, पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया था कि उन्होंने भारत-पाकिस्तान के बीच युद्धविराम कराने में भूमिका निभाई थी, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में साफ कहा था कि किसी तीसरे पक्ष की दखलअंदाजी नहीं हुई थी.

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