PM मोदी का पॉडकास्ट देख चीन खुश, पर चेला पाक क्यों हुआ दुखी? फिर बकबक करने लगा

9 hours ago

Last Updated:March 18, 2025, 06:58 IST

PM Modi Podcast With Lex Fridman: पीएम मोदी ने लेक्स फ्रिडमैन के पॉडकास्ट में ग्लोबल पॉलिटिक्स पर चर्चा की. चीन ने उनकी टिप्पणियों की सराहना की, जबकि पाकिस्तान ने निंदा की. पीएम मोदी ने शांति प्रयासों पर जोर दि...और पढ़ें

PM मोदी का पॉडकास्ट देख चीन खुश, पर चेला पाक क्यों हुआ दुखी? फिर बकबक करने लगा

पीएम मोदी के पॉडकास्ट पर चीन गदगद, पाकिस्तान को लगी मिर्ची

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी पॉडकास्टर लेक्स फ्रिडमैन के साथ एक पॉडकास्ट किया. इस पॉडकास्ट में पीएम मोदी ने बचपन से लेकर ग्लोबल पॉलिटिक्स पर बातचीत की. रूस-यूक्रेन जंग हो या चीन और पाकिस्तान का मसला, सब पर पीएम मोदी ने खुलकर बातें कीं. पीएम मोदी की बात से तो चीन तक गदगद हो गया. उसने पीएम मोदी के पॉडकास्ट पर बकायदा बयान जारी किया. चीन ने यहां तक कह दिया कि पीएम मोदी का नजर‍िया भारत-चीन के रिश्तों की नई ऊंचाई है.’ ड्रैगन-हाथी की दोस्‍ती’ अब टूटने वाली नहीं. मगर उसी चीन के चेले पाकिस्तान को पीएम मोदी की बात नागवार गुजरी. उसे पीएम मोदी की बातों से मिर्ची लगी. सच सुनकर बिलबिला उठे पाकिस्तान ने आनन-फानन में पीएम मोदी की बयान की निंदा कर दी.

दरअसल, पाकिस्तान ने पीएम मोदी की क्षेत्रीय शांति को लेकर की गई टिप्पणी की निंदा और खंडन किया है. पाकिस्तान विदेश मंत्रालय के कार्यालय ने एक बयान जारी किया और पीएम मोदी की टिप्पमी को ‘भ्रामक और एकतरफा’ बताया. पाकिस्तान से सच सुना न गया. पीएम मोदी ने दुनिया के सामने जो बातें कहीं, उससे पाकिस्तान बिलबिला उठा. उसने अपनी पुरानी हरकतों को ही दोहराया. पाक ने पीएम मोदी की टिप्पणी पर भी कश्मीर राग अलापा. विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘टिप्पणियां गुमराह करने वाली और एकतरफा हैं. वे जम्मू-कश्मीर विवाद को आसानी से छोड़ देते हैं, जो संयुक्त राष्ट्र, पाकिस्तान और कश्मीरी लोगों को भारत के गंभीर आश्वासन के बावजूद पिछले सात दशकों से अनसुलझा है.’

पाक पर पीएम मोदी ने क्या कहा था
अब जानते हैं कि आखिर पीएम मोदी ने कहा क्या था. दरअसल, पाकिस्तान को लेकर रविवार को मशहूर अमेरिकी पॉडकास्टर लेक्स फ्रिडमैन के साथ एक पॉडकास्ट में पीएम मोदी ने एक टिप्पणी की थी. पीएम मोदी ने पॉडकास्ट में कहा था कि पाकिस्तान के साथ शांति को बढ़ावा देने के हर प्रयास का जवाब दुश्मनी और विश्वासघात से मिला और उन्हें उम्मीद है कि द्विपक्षीय संबंधों को बेहतर बनाने के लिए इस्लामाबाद में नेतृत्व पर समझदारी हावी होगी.’ पीएम मोदी ने पाकिस्तान के साथ शांति स्थापित करने के अपने प्रयासों पर कहा कि उन्होंने अपने शपथ ग्रहण समारोह में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री को आमंत्रित किया था, लेकिन शांति के प्रयासों को विश्वासघात का सामना करना पड़ा. पीएम मोदी ने कहा कि पाकिस्तान के लोग भी शांति चाहते हैं, लेकिन उनकी सरकार आतंकवाद का समर्थन करती है. उन्होंने यह भी कहा कि भारत हमेशा शांति के पक्ष में रहा है.

अब जानते हैं कि चीन ने पीएम मोदी की टिप्पणी पर क्या कहा?
चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्‍ता माओ निंग ने कहा, ‘हमने चीन-भारत संबंधों पर पीए मोदी की हालिया सकारात्मक ट‍िप्‍पण‍ियां देखी. हम इसकी तारीफ करते हैं. अक्टूबर में रूस के कजान में प्रधानमंत्री मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच हुई सफल बैठक ने द्विपक्षीय संबंधों के सुधार का नया रास्‍ता खोला है. दोनों पक्ष हर समझौते पर गंभीरता से अमल कर रहे हैं. हमने सकारात्‍मक पर‍िणाम भी देखे हैं. मैं इस बात पर जोर देना चाहती हूं कि 2000 से अधिक वर्षों भारत-चीन के बीच रिश्ते दोस्‍ती भरे रहे हैं. हमारी सभ्‍यताएं, मानव प्रगत‍ि के ल‍िए हैं. दो सबसे बड़े विकासशील देशों के रूप में, चीन और भारत ने अपने विकास और पुनरोद्धार में तेजी लाने के कार्य को साझा किया है तथा एक-दूसरे की सफलताओं को समझते हैं और उनका समर्थन करते हैं. यह 2.8 अरब से अधिक लोगों के मौलिक हितों को पूरा करता है. क्षेत्रीय देशों की साझा आकांक्षाओं को पूरा करता है. साथ ही दुन‍िया की जो हमसे डिमांड है, उसे पूरा करता है. दोनों देशों को ऐसे साझेदार बनना चाहिए जो एक-दूसरे की सफलता में योगदान दें और “सहकारी पा डे दो”, अर्थात ड्रैगन और हाथी के बीच बैले डांस जैसे रिश्ते होने चाहिए. यह दोस्‍ती टूटने वाली नहीं है.’

चीन पर पीएम मोदी ने क्या कहा
पीएम मोदी ने कहा था, ‘भारत और चीन 2020 में बॉर्डर पर बने तनाव से पहले की स्थिति को बहाल करने के लिए काम कर रहे हैं. धीरे-धीरे मगर निश्चित रूप से, विश्वास, उत्साह और ऊर्जा वापस आएगा. निश्चित रूप से इसमें कुछ समय लगेगा, क्योंकि पांच साल का वक्‍त रहा है. हम मिलककर काम कर रहे हैं और यह वैश्विक स्थिरता और समृद्धि के लिए भी आवश्यक है. चूंकि 21वीं सदी एशिया की सदी है, हम चाहते हैं कि भारत और चीन स्वस्थ और स्वाभाविक तरीके से प्रतिस्पर्धा करें. प्रतिस्पर्धा कोई बुरी बात नहीं है, लेकिन यह कभी भी संघर्ष में नहीं बदलनी चाहिए.’

Location :

Delhi,Delhi,Delhi

First Published :

March 18, 2025, 06:58 IST

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