Last Updated:May 14, 2025, 14:55 IST
Cyclone Shakti Updates: भारत में एक और साइक्लोन की दस्तक होने वाली है. भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) की मानें तो अंडमान सागर के ऊपर एक सर्कुलेशन देखा गया है जो 23-28 मई तक चक्रवात शक्ति में बदल सकता है.

मौसम विभाग की मानें तो साइक्लोन शक्ति के आने की पूरी संभावना है.
हाइलाइट्स
बंगाल की खाड़ी में चक्रवात 'शक्ति' की संभावना.आईएमडी ने 16-22 मई के बीच कम दबाव का क्षेत्र बनने की चेतावनी दी.23-28 मई के बीच चक्रवात 'शक्ति' बनने की संभावना.Cyclone Shakti Updates: भारत में भीषण गर्मी के बीच समंदर में हलचल बढ़ गई है. देश में एक और साइक्लोन की दस्तक होने वाली है. आईएमडी यानी मौसम विभाग की मानें तो बंगाल की खाड़ी में साइक्लोन ‘शक्ति’ के बनने की संभावना है. भारतीय मौसम विभाग के मुताबिक, बंगाल की खाड़ी में ‘शक्ति’ नाम का एक चक्रवात आ सकता है. दक्षिण अंडमान सागर, निकोबार द्वीप समूह, दक्षिण बंगाल की खाड़ी और उत्तरी अंडमान सागर के कुछ हिस्सों में दक्षिण-पश्चिम मानसून ने दस्तक दे दी है.
एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, आईएमडी ने अंडमान सागर के ऊपर एक अपर एयर साइक्लोनिक सर्कुलेशन देखा है. इससे 16 मई से 22 मई के बीच एक कम दबाव का क्षेत्र बन सकता है. अनुमान है कि 23 मई से 28 मई के बीच यह सिस्टम और भी ताकतवर होकर चक्रवात में बदल सकता है. इसका नाम ‘शक्ति’ रखा जा सकता है. इस बाबत आईएमडी ने एक बयान भी बुधवार को जारी किया. अगर यह ताकतवर साइक्लोन होता है तो यह डरा सकता है.
आईएमडी ने क्या कहा
आईएमडी के बयान के मुताबिक, आज यानी 14 मई 2025 कोतड़के 03:00 UTC पर तमिलनाडु के तट से लगे दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी में समुद्र तल से 1.5 किलोमीटर ऊपर एक अपर एयर साइक्लोनिक सर्कुलेशन बना हुआ है. मौसम विभाग ने यह भी कहा कि 16 और 17 मई को दक्षिण अरब सागर, मालदीव और कोंकण क्षेत्र, बंगाल की खाड़ी के कुछ हिस्सों और पूरे अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में दक्षिण-पश्चिम मानसून के और आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियां अनुकूल हैं. अगर यह साइक्लोन आता है तो ओडिशा से लेकर बंगाल तक असर दिख सकता है.
साइक्लोन की कितनी संभावना
एक्सपर्ट्स की की मानें तो 23 मई से 28 मई के बीच बंगाल की खाड़ी में चक्रवात ‘शक्ति’ बनने की प्रबल संभावना है. हालांकि, आईएमडी ने अभी तक चक्रवात बनने की पुष्टि नहीं की है. अभी यह अनुमान लगाना मुश्किल है कि यह सिस्टम वाकई में साइक्लोन यानी चक्रवात में तब्दील होगा या नहीं. इस बीच भारतीय मौसम विज्ञान विभाग का कहना है कि दक्षिण-पश्चिम मानसून के 27 मई को केरल पहुंचने की संभावना है, जो आमतौर पर एक जून को दस्तक देता है.
कब दस्तक देता है मानसून
आईएमडी के आंकड़े के अनुसार, अगर मानसून केरल में उम्मीद के अनुरूप पहुंचता है, तो यह 2009 के बाद से भारतीय मुख्य भूमि पर मानसून का समय से पहले आगमन होगा. तब मानसून 23 मई को आया था. आमतौर पर, दक्षिण-पश्चिम मानसून एक जून तक केरल में दस्तक देता है और 8 जुलाई तक पूरे देश में छा जाता है. यह 17 सितंबर के आसपास उत्तर-पश्चिम भारत से पीछे हटना शुरू कर देता है और 15 अक्टूबर तक पूरी तरह से वापस चला जाता है.
कब से कम अधिक वर्षा
आईएमडी ने अप्रैल में 2025 के मानसून में सामान्य से अधिक कुल वर्षा का पूर्वानुमान जताया था और अल नीनो परिस्थितियों की संभावना को खारिज कर दिया था, जो भारतीय उपमहाद्वीप में सामान्य से कम वर्षा से जुड़ी है. पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय में सचिव एम रविचंद्रन ने कहा था कि भारत में चार महीने के मानसून (जून से सितंबर) में सामान्य से अधिक वर्षा होने की संभावना है.
Shankar Pandit has more than 10 years of experience in journalism. Before News18 (Network18 Group), he had worked with Hindustan times (Live Hindustan), NDTV, India News Aand Scoop Whoop. Currently he handle ho...और पढ़ें
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