Last Updated:August 26, 2025, 18:59 IST
RSS@100: तीन दिवसीय आयोजन में संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि 'पिछले 40,000 सालों से भारत में रहने वाले लोगों का डीएनए एक है. मिलजुल कर रहना हमारी संस्कृति है.'

RSS@100: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने सौ साल पूरे कर लिए हैं. इस मौके पर विज्ञान भवन में कार्यक्रम हुआ. कार्यक्रम का नाम है ‘100 वर्ष की संघ यात्रा – नए क्षितिज’. तीन दिन का यह आयोजन 26 से 28 अगस्त तक चलेगा. संघ प्रमुख मोहन भागवत हर दिन शाम 5:30 बजे व्याख्यान देंगे. मंगलवार को पहले दिन, भागवत ने कहा कि ‘पिछले 40,000 सालों से भारत में रहने वाले लोगों का डीएनए एक है. मिलजुल कर रहना हमारी संस्कृति है.’ उन्होंने कहा कि हम एकता के लिए एकरूपता को जरूरी नहीं मानते; विविधता में भी एकता है. विविधता एकता की उपज है.
भागवत ने कहा कि संघ का निर्माण भारत के लिए हुआ. संघ की यात्रा भारत को विश्वगुरु बनाने के लिए है. भागवत ने कहा, ‘हम रोज प्रार्थना में कहते हैं भारत माता की जय. यह सिर्फ नारा नहीं है. यह हमारी तपस्या है. भारत नंबर 1 बनेगा. समय आ गया है कि भारत दुनिया को योगदान दे.’ उन्होंने कहा कि 1857 का युद्ध असफल रहा, लेकिन उसने नई चेतना जगाई. लोगों ने सवाल किया कि हम दूर से आए आक्रांताओं से क्यों हार गए. उसी असंतोष से नई धाराएं निकलीं. किसी ने चरखा चलाया. किसी ने हथियार उठाए. यही स्वतंत्रता आंदोलन की ताकत बनी.
भागवत ने कहा कि एक धारा यह भी थी कि हमें अपनी जड़ों की ओर लौटना चाहिए. स्वामी विवेकानंद और स्वामी दयानंद ने समाज को उसकी मूल शक्ति से जोड़ने का प्रयास किया. उनका असर आज भी भारत की सोच में दिखाई देता है. उन्होंने कहा कि अब दुनिया करीब आ गई है. इसलिए हमें भी वैश्विक दृष्टि अपनानी होगी. हर राष्ट्र का एक मिशन होता है. भारत का मिशन है मानवता को नई दिशा देना. कोई भी देश केवल अपने लिए नेतृत्व नहीं करता. उसका नेतृत्व दुनिया में नया संतुलन लाता है.
सुधार की निरंतरता
भागवत ने कहा कि समाज अंधविश्वासों से भरा था. सुधार आंदोलन चले और उनका असर भी हुआ. लेकिन सब कुछ पूरी तरह ठीक नहीं हुआ. विवेकानंद ने समाज को मूल पर लौटाने का प्रयास किया. उनका प्रभाव आज भी भारत की हर गतिविधि में दिखता है.
उन्होंने कहा कि डॉ. हेडगेवार ने भी चारों धाराओं में काम किया. उनके भीतर बचपन से ही देशभक्ति की भावना थी. यही वजह है कि उन्होंने संघ की स्थापना की.
संवाद और संघ की छवि
भागवत ने कहा कि संघ को लेकर बहुत चर्चाएं होती हैं. अक्सर ये चर्चाएं धारणाओं पर आधारित होती हैं, तथ्यों पर नहीं. 2018 में इसी सभागार में संवाद हुआ था. उद्देश्य किसी को कन्विंस करना नहीं, बल्कि तथ्य सामने रखना था. वही प्रयास अब फिर से हो रहा है.
उन्होंने कहा कि संघ की 100 साल की यात्रा सिर्फ संघ को चलाने के लिए नहीं है. यह यात्रा भारत को अग्रगण्य स्थान दिलाने के लिए है.
भारत का वैश्विक योगदान
भागवत ने कहा कि दुनिया अब एक-दूसरे के करीब आ गई है. वैश्विक दृष्टि से सोचना जरूरी है. हर देश का अपना योगदान है. भारत का योगदान मानवता को दिशा देना है. विवेकानंद का कथन याद करते हुए उन्होंने कहा कि हर राष्ट्र का एक मिशन होता है. भारत का मिशन विश्व को एकता और शांति का मार्ग दिखाना है.
मंगलवार को कार्यक्रम में भाजपा सांसद मनोज तिवारी भी पहुंचे. उन्होंने कहा, मोहन भागवत को सुनना हमारे लिए गर्व की बात है.’ समारोह में बाबा रामदेव मौजूद रहे. केंद्रीय मंत्री एसपी सिंह बघेल भी पहुंचे. अभिनेत्री कंगना रनौत और अनुप्रिया पटेल शामिल हुईं. रेल राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू भी नजर आए. कार्यक्रम में पूर्व सीजेआई रंजन गोगोई की मौजूदगी खास रही. भवन में बड़ी संख्या में कार्यकर्ता और बुद्धिजीवी जुटे.
भाजपा सांसद कंगना रनौत ने कहा, ‘आरएसएस एक बड़ी संस्था है जो देश के विकास और लोगों की प्रगति के लिए काम कर रही है. आज मोहन भागवत से मिलना और इस समारोह में शामिल होना हमारे लिए गर्व की बात है.’
Deepak Verma is a journalist currently employed as Deputy News Editor in News18 Hindi (Digital). Born and brought up in Lucknow, Deepak's journey began with print media and soon transitioned towards digital. He...और पढ़ें
Deepak Verma is a journalist currently employed as Deputy News Editor in News18 Hindi (Digital). Born and brought up in Lucknow, Deepak's journey began with print media and soon transitioned towards digital. He...
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Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
August 26, 2025, 17:50 IST