Last Updated:May 23, 2025, 16:11 IST
Supreme Court POCSO Verdict: सुप्रीम कोर्ट ने POCSO केस में दोषी को सजा नहीं दी क्योंकि पीड़िता ने घटना को अपराध नहीं माना. कोर्ट ने अनुच्छेद 142 के तहत विशेष शक्ति का प्रयोग किया और हाईकोर्ट की टिप्पणी को रूढ़...और पढ़ें

सुप्रीम कोर्ट ने POCSO मामले में एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया है. (फाइल फोटो PTI)
हाइलाइट्स
सुप्रीम कोर्ट ने POCSO केस में आरोपी को सजा नहीं दी.पीड़िता ने घटना को अपराध नहीं माना, कोर्ट ने विशेष शक्ति का प्रयोग किया.कलकत्ता हाईकोर्ट की टिप्पणियों को सुप्रीम कोर्ट ने रूढ़िवादी बताया.नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया. इस फैसले ने पूरे देश में बाल यौन अपराध कानून (POCSO) की समझ को झकझोर कर रख दिया. कोर्ट ने एक ऐसे व्यक्ति को सजा से राहत दी जिसे POCSO एक्ट के तहत दोषी ठहराया गया था. क्योंकि पीड़िता ने खुद इस घटना को कभी ‘अपराध’ के तौर पर नहीं देखा.
2012 में एक 14 साल की लड़की ने अपनी मर्जी से 25 साल के युवक से शादी की थी. बाद में लड़की की मां ने अपहरण और बलात्कार का केस दर्ज कराया और युवक को 2022 में 20 साल की सजा मिली. लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने कह पीड़िता को सबसे ज्यादा चोट खुद कानून, समाज और अपने परिवार से मिली.
पीड़िता ने खुद लड़ी आरोपी को बचाने की लड़ाई
कोर्ट ने इस बात पर जोर दिया कि पीड़िता आरोपी को सजा से बचाने के लिए खुद पुलिस और कोर्ट से लगातार संघर्ष करती रही. पीठ ने कहा, “ये मामला सिर्फ एक कानूनी बहस नहीं एक सामाजिक आईना है जो हमारी न्याय प्रणाली की खामियों को उजागर करता है.”
सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत विशेष शक्ति का प्रयोग कर आरोपी को सजा नहीं दी. कोर्ट ने कहा कि जब घटना हुई तब लड़की को स्वतंत्र निर्णय का कोई मौका नहीं मिला क्योंकि उसे परिवार, समाज और कानून ने पहले ही दोषी ठहरा दिया था.
कलकत्ता हाईकोर्ट की टिप्पणियों पर भी कड़ी फटकार
इस मामले से जुड़ी एक और बड़ी बात सामने आई जब सुप्रीम कोर्ट ने कलकत्ता हाईकोर्ट की उन टिप्पणियों की आलोचना की जिसमें किशोरियों को “यौन इच्छाओं पर नियंत्रण” की नसीहत दी गई थी. सुप्रीम कोर्ट ने इन्हें “पीड़िता को शर्मिंदा करने वाला और रूढ़िवादी” बताया और साफ किया कि ऐसे विचार संविधान की भावना के खिलाफ हैं.
क्या कहता है POCSO एक्ट?
POCSO एक्ट 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को किसी भी तरह के यौन शोषण से सुरक्षा देता है — यहां तक कि अगर संबंध सहमति से भी हुआ हो, तब भी यह कानूनन अपराध है. लेकिन इस मामले में कोर्ट ने संकेत दिया कि POCSO एक्ट में अपवादों के लिए कोई जगह नहीं है, जबकि जमीनी सच्चाई कई बार अधिक जटिल होती है.
Sumit Kumar is working as Senior Sub Editor in News18 Hindi. He has been associated with the Central Desk team here for the last 3 years. He has a Master's degree in Journalism. Before working in News18 Hindi, ...और पढ़ें
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