Last Updated:June 18, 2025, 21:14 IST
Dengue First Vaccine Update: ICMR की पुणे स्थित NIV लैब ने डेंगू की पहली स्वदेशी वैक्सीन को अंतिम ट्रायल तक पहुंचाया. सुपरकंप्यूटर ‘नक्षत्र’ वायरस की तेज़ पहचान कर वैक्सीन डेवलपमेंट में क्रांति ला रहा है.

डेंगू वायरस के चार अलग-अलग सीरोटाइप होते हैं. (सांकेतिक फोटो)
हाइलाइट्स
डेंगू की पहली स्वदेशी वैक्सीन अंतिम ट्रायल में पहुंची.सुपरकंप्यूटर 'नक्षत्र' वायरस की तेज पहचान में मददगार.भारत अब बायोलॉजिकल खतरों से लड़ने में आत्मनिर्भर.Dengue First Vaccine Update: हर बरस गर्मी और बारिश का मौसम आते ही एक डर चुपचाप हमारे बीच पनपने लगता है—डेंगू का डर. ये वही बीमारी है जो हर साल लाखों भारतीयों को अस्पताल पहुंचाती है और सैकड़ों की जान ले लेती है. लेकिन अब इस जानी-पहचानी बीमारी के खिलाफ भारत एक निर्णायक मोड़ पर है. डेंगू वैक्सीन अब अपने अंतिम ट्रायल स्टेज में है—और यह पूरी तरह भारत में बनी है.
इस सफलता के पीछे है इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के तहत काम कर रहा नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (NIV), पुणे, जिसकी वैज्ञानिक टीम ने वर्षों की मेहनत के बाद इस वैक्सीन को इंसानी परीक्षण तक पहुंचा दिया है.
जल्द ही डेंगू के खिलाफ पहली स्वदेशी वैक्सीन
डेंगू वायरस के चार अलग-अलग सीरोटाइप होते हैं. इनके कारण वैक्सीन बनाना बेहद जटिल रहा है. लेकिन NIV की लैब्स में आधुनिक बायोटेक्नोलॉजी के सहारे जो फॉर्मूला तैयार हुआ है, वह इन सभी सीरोटाइप्स के खिलाफ असरदार साबित होने की उम्मीद जगा रहा है. अगर अंतिम चरण का यह ट्रायल सफल रह तो भारत को जल्द ही डेंगू के खिलाफ पहली स्वदेशी और सुरक्षित वैक्सीन मिल जाएगी.
भारत को जल्द ही डेंगू के खिलाफ पहली स्वदेशी और सुरक्षित वैक्सीन मिल जाएगी.
निपाह से लेकर KFD तक: भारत अब खतरनाक वायरसों के खिलाफ खुद बना रहा कवच
भारत सिर्फ डेंगू ही नहीं, बल्कि उन तमाम वायरसों से लड़ने की तैयारी में जुट गया है, जिनकी वजह से अब तक हम सिर्फ आयातित टेक्नोलॉजी या विदेशी वैक्सीन पर निर्भर थे.
KFD वायरस:
कर्नाटक और आसपास के जंगलों में पाया जाने वाला क्यासनूर फॉरेस्ट डिज़ीज (KFD) घातक बुखार फैलाता है. इसकी वैक्सीन अब एडवांस स्टेज पर है.
चांदीपुरा वायरस:
यह बच्चों को तेज बुखार देकर जान ले लेता है. इसके खिलाफ भी NIV की लैब में वैक्सीन पर काम चल रहा है.
निपाह वायरस:
मौत की दर के लिहाज से बेहद खतरनाक इस वायरस पर भारत ने अब मोनोक्लोनल एंटीबॉडी तकनीक से वैक्सीन विकसित करने में सफलता पाई है.
CCHF वायरस:
जानवरों से इंसानों में फैलने वाला यह वायरस भी NIV के रडार पर है. इसके लिए वैक्सीन और डायग्नोस्टिक किट पर काम शुरू हो चुका है.
इन सबका मतलब एक ही है—भारत अब बायोलॉजिकल खतरों से लड़ने में आत्मनिर्भर बन रहा है.
नक्षत्र का आना भारत के वायरोलॉजी मिशन में एक क्रांतिकारी कदम माना जा रहा है.
‘नक्षत्र’ से वायरस की होगी तुरंत पहचान—NIV की सुपरकंप्यूटिंग ताकत बनी गेमचेंजर
कोविड-19 के वक्त जब वायरस अपने रूप बदलता गया तब उसकी पहचान करने में समय लगना सबसे बड़ी चुनौती बन गया. लेकिन अब पुणे के NIV में ‘नक्षत्र’ नाम का सुपरकंप्यूटर इस चुनौती का जवाब बन गया है. यह हाई परफॉर्मेंस कंप्यूटिंग सिस्टम (HPC) लाखों वायरस सीक्वेंस को महज कुछ घंटों में पढ़ और विश्लेषण कर सकता है—जो पहले कई दिन लेता था.
नक्षत्र का आना भारत के वायरोलॉजी मिशन में एक क्रांतिकारी कदम माना जा रहा है.
Sumit Kumar is working as Senior Sub Editor in News18 Hindi. He has been associated with the Central Desk team here for the last 3 years. He has a Master's degree in Journalism. Before working in News18 Hindi, ...और पढ़ें
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