SC में आमने-सामने थे मेहता और सिब्बल, फिर जज से किसने कहा- मेरे हाथ में नहीं..

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सुप्रीम कोर्ट में आज कपिल सिब्बल और तुषार मेहता आमने-सामने थे.सुप्रीम कोर्ट में आज कपिल सिब्बल और तुषार मेहता आमने-सामने थे.

Supreme Court News: सुप्रीम कोर्ट यानी उच्चतम न्यायालय ने पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा दाखिल एक मुकदमे पर सुनवाई बुधवार को ...अधिक पढ़ें

पीटीआईLast Updated : April 24, 2024, 14:06 IST

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और सीनियर वकील कपिल सिब्बल आमने-सामने आ गए. सुप्रीम कोर्ट में यह वाकया तब, हुआ जब पश्चिम बंगाल की ममता सरकार द्वारा एक मामले की सुनवाई हो रही थी. ममता सरकार ने अपनी याचिका में सीबीआई की आलोचना की है. दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा दाखिल एक मुकदमे पर सुनवाई बुधवार को एक मई तक के लिए स्थगित कर दी.

दरअसल, बंगाल सरकार ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) पर राज्य से बिना मंजूरी प्राप्त किए चुनाव के बाद हिंसा मामलों में जांच को आगे बढ़ाने का आरोप लगाया है. सुप्रीम कोर्ट में न्यायमूर्ति बी. आर. गवई और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ ने मामले की सुनवाई को स्थगित करने के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता के अनुरोध के बाद मामले को स्थगित कर दिया. हालांकि, इससे पहले तुषार मेहता ने अपनी दलील पेश की.

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सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस संदीप मेहता की पीठ से कहा कि उन्हें नौ न्यायाधीशों की संविधान पीठ के सामने पेश होना है, जिस कारण सुनवाई को स्थगित कर दिया जाये. तुषार मेहता ने पीठ से कहा, ‘मैं जानता हूं कि मैंने कई मौकों पर स्थगन का अनुरोध किया है लेकिन आज संविधान पीठ के समक्ष मेरे पेश होने की बारी है. यह मेरे नियंत्रण में नहीं है.’

पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल पेश हुए थे. पश्चिम बंगाल सरकार ने संविधान के अनुच्छेद 131 के तहत केंद्र सरकार के खिलाफ शीर्ष अदालत में एक मुकदमा दाखिल किया है. बंगाल सरकार का आरोप है कि राज्य सरकार के क्षेत्राधिकार में आने वाले मामलों की जांच के लिए संघीय एजेंसी को दी गई मंजूरी वापस ले ली गयी, जिसके बावजूद सीबीआई प्राथमिकियां दर्ज कर रही है और अपनी जांच आगे बढ़ा रही है.

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अनुच्छेद 131 एक राज्य को केंद्र सरकार और राज्य सरकार के बीच विवाद की स्थिति में सीधे उच्चतम न्यायालय में जाने का अधिकार देता है. पश्चिम बंगाल सरकार ने 16 नवंबर, 2018 को राज्य में जांच और छापेमारी करने के लिए सीबीआई को दी गई आम सहमति वापस ले ली थी.

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Tags: Kapil sibal, Mamata banerjee, Supreme Court, Tushar mehta, West bengal

FIRST PUBLISHED :

April 24, 2024, 14:06 IST

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