UPSC के पास शिकायतों का अंबार, पूजा खेडकर विवाद के बाद खुलने लगे पुराने मामले

1 week ago

नई दिल्ली (Pooja Khedkar Case). संघ लोक सेवा आयोग को काफी सख्त माना जाता है. यूपीएससी हर साल कई बड़े पदों पर भर्ती की घोषणा करता है. देश की टॉप सरकारी नौकरी के लिए कठिन परीक्षा ली जाती है और उसके बाद ही सबसे योग्य उम्मीदवारों का चयन आईएएस, आईपीएस, आईआरएस, आईएफएस आदि के लिए किया जाता है. पूजा खेडकर विवाद के बाद यूपीएससी को 30 अन्य ऐसे अफसरों की शिकायत मिली है, जिन्होंने अपने डॉक्यूमेंट्स के साथ छेड़छाड़ की थी.

महाराष्ट्र की पूर्व ट्रेनी अफसर पूजा खेडकर लंबे समय से चर्चा में हैं (Pooja Khedkar Controversy). उन्होंने केंद्र सरकार में अफसर की नौकरी के लिए यूपीएससी को गुमराह करने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी. यूपीएससी परीक्षा फॉर्म में कई तरह की धांधली करने के बाद ही उन्हें आईएएस की सरकारी नौकरी मिल सकी थी. हालांकि उनकी एक गलती से दूसरी गलती की कड़ी जुड़ती गई और आखिरकार केंद्र सरकार ने उन्हें आईएएस से मुक्त करने का फैसला किया (Puja Khedkar News).

शिकायतों पर एक्शन लेगा यूपीएससी
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) को सरकारी नौकरी में फर्जीवाड़े की 30 से ज्यादा शिकायतें मिली हैं. दावा किया गया है कि चयनित उम्मीदवारों ने अपने सर्टिफिकेट और अन्य विवरणों की गलत जानकारी दी है. ये मामले पूर्व प्रशिक्षित IAS अधिकारी पूजा खेडकर केस में विवाद के 2 महीने बाद सामने आए हैं. UPSC ने इन शिकायतों को कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (DoPT) को सौंप दिया है. अगर ये सभी आरोप सच पाए जाते हैं तो अफसरों पर सख्त कार्रवाई की जा सकती है.

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यूपीएससी परीक्षा नियमों में होगा बड़ा बदलाव
केंद्र सरकार विकलांगता मानदंड और कोटे के दुरुपयोग को रोकने की तैयारी में है. इस मुद्दे पर लगातार मीटिंग चल रही है. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन एकेडमी (LBSNAA) में पूजा खेडकर के कई बैचमेट्स को उसके विकलांग कोटे के कथित दुरुपयोग के बारे में पता था. अब DoPT और LBSNAA (IAS Training Academy) ऐसे प्रोटोकॉल पर काम कर रहे हैं, जो इस तरह की कमियों को दूर करेगा.

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यूपीएससी को धोखा देना नहीं होगा आसान
UPSC ने नाम में बदलाव जैसे धोखे को रिपीट करने से रोकने के लिए अपने सॉफ्टवेयर और प्रोटोकॉल में बदलाव कर लिया है. इसका आवेदन-लिंक सॉफ्टवेयर अब यह पता लगा लेगा कि क्या किसी उम्मीदवार का नाम और जन्म तिथि एक अटेंप्ट से दूसरे अटेंप्ट में बदल जाता है. इकोनॉमिक टाइम्स में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, आयोग ने एक समान ऑपरेटिंग मोड के जरिए उम्मीदवारों को अटेंप्ट लिमिट का उल्लंघन करने से रोकने के लिए अपनी लॉ बुक को भी सख्त कर दिया है.

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Tags: IAS Officer, UPSC, Upsc exam

FIRST PUBLISHED :

September 8, 2024, 09:46 IST

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