रूस की राजधानी मास्को का रेड स्क्वायर आमतौर पर अपनी ऐतिहासिक इमारतों और सख्त माहौल के लिए जाना जाता है, लेकिन हाल ही में यहां एक बिल्कुल अलग नजारा देखने को मिला. सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो में भारतीयों का खुलेआम डांस करते हुए नजर आ रहे हैं. वीडियो देखकर लोग हैरान भी हैं और खुश भी. कोई इसे भारतीय संस्कृति की जीवंतता बता रहा है, तो कोई सवाल उठा रहा है कि ये लोग आखिर कौन हैं. इसी वीडियो ने सोशल मीडिया पर बहस, मीम्स और प्रतिक्रियाओं की बाढ़ ला दी है.
लेबर कॉन्टिंजेंट से जुड़ा है मामला
वायरल वीडियो में दिख रहे भारतीयों के बारे में दावा किया गया है कि वे रूस पहुंचे भारतीय लेबर कॉन्टिंजेंट का हिस्सा हैं. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर वीडियो शेयर करने वाले यूजर ने लिखा कि ये भारतीय मजदूरों का पहला समूह है, जो हाल ही में मास्को पहुंचा है. बताया गया कि यह समूह रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के भारत दौरे के बाद पहुंचा. वीडियो में ये लोग रेड स्क्वायर पर संगीत के साथ जश्न मनाते नजर आ रहे हैं, जिसे राहगीर भी रुककर देख रहे हैं. WION सहित कई मीडिया रिपोर्ट्स में इस दावे का जिक्र किया गया है.
Reportedly, these are Indians that have arrived in Moscow as part of the labor contingent, dancing on the Red Square. https://t.co/Ntpf03LJy1 pic.twitter.com/4LqQob2ujE
— Anton Gerashchenko (@Gerashchenko_en) December 21, 2025
सोशल मीडिया पर मीम्स की बाढ़
वीडियो वायरल होते ही सोशल मीडिया पर यूजर्स की तीखी और मिली-जुली प्रतिक्रियाएं सामने आईं. कुछ लोगों ने भारतीयों की तारीफ करते हुए लिखा कि “भारतीय जहां जाते हैं, माहौल बना देते हैं.” एक यूजर ने कहा, “हम भारतीय रूस और यूक्रेन दोनों को फिर से खड़ा कर देंगे.” वहीं कुछ यूजर्स ने चिंता जताई कि इन मजदूरों को यूक्रेन युद्ध में इस्तेमाल किया जा सकता है. कुछ कमेंट्स रूस और भारत की साझेदारी पर सवाल उठाते नजर आए, तो कई मीम्स में इन भारतीयों को ‘रॉकस्टार’ तक कहा गया.
Russian media report that approximately 10,000 individuals, a labor contingent from India, have arrived in Moscow. It is reported that this is the first group of Indians who arrived in Russia following Putin's recent visit to New Delhi.
I wonder how many of them will be deployed… https://t.co/JicqKJMjTQ pic.twitter.com/zwYzE1znZv
— Anton Gerashchenko (@Gerashchenko_en) December 18, 2025
मजदूरी या युद्ध की आहट?
एक दूसरे पोस्ट में उसी यूजर ने दावा किया कि रूसी मीडिया के मुताबिक करीब 10,000 भारतीय मजदूर मास्को पहुंचे हैं. उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि इनमें से कितने लोगों को फ्रंट लाइन पर भेजा जा सकता है. इस पर कई यूजर्स ने कड़ी प्रतिक्रिया दी. कुछ ने लिखा कि “इंसान सबसे कीमती संसाधन होते हैं, और युद्ध में उन्हें झोंकना गलत है.” वहीं कुछ लोगों ने भारतीयों को अनुशासित और कानून मानने वाला प्रवासी बताते हुए सराहना की.

2 hours ago
