Last Updated:March 12, 2025, 01:20 IST
Waqf Amendment Bill: वक्फ संशोधन बिल पर एआईएमपीएलबी की धमकी के बाद सियासी बयानबाजी तेज हो गई है. शिवसेना नेता संजय निरुपम ने कहा कि अगर देश शाहीन बाग बन सकता है तो जलियांवाला बाग भी बन सकता है.

सरकार मौजूदा सत्र (बजट सत्र का दूसरा चरण) में वक्फ संशोधन विधेयक संसद में पेश कर सकती है. (फाइल फोटो)
नई दिल्ली. वक्फ संशोधन बिल वापस नहीं लेने पर पूरे देश को शाहीन बाग बना देने वाले ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) के नेताओं की धमकी पर सियासी बयानबाजी तेज हो गई है. शिवसेना नेता संजय निरुपम ने इस पर पलटवार करते हुए कहा कि अगर देश शाहीन बाग बन सकता है तो जलियांवाला बाग भी बन सकता है.
दरअसल, ‘एआईएमपीएलबी’ वक्फ संशोधन बिल के खिलाफ है. बोर्ड के नेताओं ने पत्रकारों से बात करते हुए धमकी दी है कि अगर सरकार वक्फ संशोधन बिल को वापस नहीं लेगी तो पूरे देश में शाहीन बाग जैसा आंदोलन करेंगे. इस धमकी पर भाजपा और एनडीए के नेता हमलावर हैं. इसी कड़ी में शिवसेना नेता संजय निरुपम ने न्यूज एजेंसी आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “अगर पूरा देश शाहीन बाग बन सकता है, तो पूरा देश जलियांवाला बाग भी बन सकता है.”
उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में होली नहीं मनाने के यूनिवर्सिटी के आदेश पर शिवसेना नेता ने कहा, “मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी हिंदुस्तान में ही ना? ऐसे में अगर हिंदुस्तान के लोग होली नहीं मनाएंगे तो कहां के लोग होली मनाएंगे? अगर होली से इतनी परेशानी है, तो वे लोग घर में रहें.”
तीन भाषाओं को लेकर चल रहे विवाद पर निरुपम ने कहा, तीन भाषा की व्यवस्था आज की नहीं बल्कि जवाहरलाल नेहरू के समय का है. हमने महाराष्ट्र में भी इसे लागू करने में सफलता हासिल की है. ऐसे में दक्षिण के राज्यों को महाराष्ट्र से सीखना चाहिए कि किस तरीके से वहां पर तीन भाषाओं का प्रयोग हो रहा है. लेकिन कुछ नेता अपनी राजनीतिक रोटी सेकने के लिए इसे मुद्दा बना रहे हैं.
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने मंगलवार को कहा कि उसने वक्फ (संशोधन) विधेयक के खिलाफ 17 मार्च को यहां जंतर-मंतर पर धरने का आयोजन किया है, जिसमें विभिन्न मुस्लिम संगठनों और सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ ही विपक्ष के कई सांसदों को आमंत्रित किया गया है.
बोर्ड के प्रवक्ता सैयद कासिम रसूल इलियास ने यहां संवाददाताओं को बताया कि इस धरने में तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) और जनता दल (यू) जैसे भाजपा के सहयोगी दलों को न्योता नहीं दिया गया है. उन्होंने कहा, “यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि भाजपा की सांप्रदायिक राजनीति में उसकी सहयोगी पार्टियां भी साथ दे रही हैं.”
Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
March 11, 2025, 23:56 IST