Last Updated:November 27, 2025, 12:36 IST
ट्रेनों में चार्ट आठ घंटे पहले बनता है, लेकिन उन ट्रेनों का चार्ट एक दिन पहले बन जाता है, जो अगले दिन दोपहर दो बजे से पहले चलती हैं. लेकिन अगर आपको इमरजेंसी में सफर करना हो तो क्या आप रिजर्वेशन करा सकते हैं. क्या है आसान तरीका, जिससे आप सुविधाजनक तरीके से सफर कर सकते हैं. भारतीय रेलवे के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर ने बताया.
कई ट्रेनों में आधे पहले यानी स्टेशन पहुंचकर भी टिकट करा सकते हैं बुक.नई दिल्ली. अगर अगले दिन जाने ( 2 बजे से पहले) वाली ट्रेन का चार्ट अगर एक दिन पहले ही बन जाए और ऐसे में अगर आपको इमरजेंसी में कहीं जाना हो तो रिजर्वेशन कराने का कोई तरीका है, किसी तरह की कोई संभावना कंफर्म टिकट है, जिससे आप सुविधाजनक तरीके से सफर कर सकें. जी हां, इसका एक तरीका है, जिसमें काफी संभावना रहती है कि आपको कंफर्म टिकट मिल जाए. जानें
भारतीय रेलवे के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर दिलीप कुमार बताते हैं कि सभी ट्रेनों में आठ घंटे पहले चार्ट बनना शुरू हो गया है. इसमें ऐसे ट्रेनों का चार्ट एक दिन पहले बन जाता है, जो अगले दिन दोपहर दो बजे से पहले छूटती हैं. चार्ट बनने के बाद अगर आपको इमरजेंसी में कहीं जाना हो तो इन ट्रेनों में रिजर्वेशन मिल सकता है.
दो बार बनता है चार्ट
एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर ने बताया कि ट्रेनों का चार्ट दो बार बनता है. पहला चार्ट 8 घंटे पहले बनता है और दूसरा कुछ ट्रेनों में छूटने से आधा घंटे पहले बनता है.
इन ट्रेनों का चार्ट आधे घंटे पहले बनता है
दिलीप कुमार के अनुसार आधे घंटे पहले चार्ट उन ट्रेनों का बनता है, जिस ट्रेनों में अंतिम समय तक सीटें खाली रहती थीं. ऐसी ट्रेनों में रिजर्वेशन कराया जा सकता है. खास बात यह है कि इनमें प्रीमियम ट्रेनों से लेकर मेल एक्सप्रेस कोई भी ट्रेन हो सकती है. यानी शताब्दी राजधानी जैसी ट्रेनों में भी आधे पहले रिजर्वेशन कराया जा सकता है.
प्रीमियम और तत्काल कोटे में कोई फर्क नहीं
ट्रेनों में तत्काल या प्रीमियम तत्काल कोटे में कोई बदलाव नहीं किया गया है. इस तरह अगर चार्ट बन भी गया है और उस ट्रेन में तत्काल कोटे में सीटें खाली हैं तो सीटें बुक की जा सकती हैं. चौबीस घंटे पहले बनने वाले चार्ट से यात्रियों को फायदा हो रहा है. अगर उनका रिजर्वेशन कंफर्म नहीं होता है तो वे वैकल्पिक व्यवस्था कर सफर कर सकते हैं. पहले अंतिम समय में चार्ट बनता था, ऐसे में जिन लोगों के घर से स्टेशन दूरी होता था, उन्हें ट्रेन पकड़ने पहले निकलना पड़ता था. इस तरह टिकट कंफर्म न होने की वजह से आधे रास्ते से वापस आना पड़ता था.
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Location :
New Delhi,New Delhi,Delhi
First Published :
November 27, 2025, 12:36 IST

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