नई दिल्ली. एआई इंजीनियर अतुल सुभाष की खुदकुशी के मामले में एक नया मोड़ आ गया है. बताया जा रहा है कि हादसे से पहले पीड़ित ने जो सुसाइट नोट और लेटर छोड़ा था, वो घटना के करीब एक हफ्ते बाद उस गूगल ड्राइव लिंक से गायब हो गया है, जहां से उसे शेयर किया गया था. दरअसल, बेंगलुरु के 34 वर्षीय टेक एक्सपर्ट अतुल सुभाष ने बेंगलुरु में दुखद रूप से आत्महत्या कर ली थी. अतुल सुभाष ने पत्नी निकिता सिंघानिया के साथ ही सास निशा सिघांनिया और साले अनुराग सिंघानिया पर उत्पीड़न का आरोप लगाया था. तीनों पर आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप है.
अतुल ने आत्महत्या से पहले 1 घंटे 23 मिनट का वीडियो और 24 पेज का सुसाइड नोट जारी किया था, जो सोशल मीडिया पर उपलब्ध था. इन डॉक्यूमेंट्स में एक लेटर “टू मिलॉर्ड्स” टाइटल से था, जिसमें न्याय प्रणाली की कड़ी आलोचना की गई थी. अतुल ने अपने आरोप में कहा था कि जज रीता कौशिक ने मामले को निपटाने के लिए उनसे 5 लाख रुपए मांगे थे. अतुल मूल रूप से बिहार के रहने वाले थे और उनके ससुराल वाले मूल रूप से जौनपुर के. इस मामले की सुनवाई जौनपुर फैमिली कोर्ट में चल रही थी.
कहा जा रहा है कि जिस ड्राइव में अतुल सुभाष के लेटर थे, वो वहां से गायब हो चुके हैं. टीओआई के मुताबिक उस ड्राइव में अब निम्नलिखित चीजें शामिल हैं – एक कविता जिसका शीर्षक है ‘मौत को डर नहीं लगता’, राष्ट्रपति को संबोधित एक पत्र, और एक घोषणा जिसमें अतुल ने निकिता द्वारा लगाए गए आरोपों को ‘गलत’ बताया है और ‘यादें’ नामक फोल्डर में उनकी निजी तस्वीरें हैं.
गायब फाइलों ने सोशल मीडिया पर मचाया हंगामा
अधिकारियों की ओर से अभी तक कोई टिप्पणी नहीं आई है, लेकिन सोशल मीडिया यूजर्स ने इस मामले में पर्दा डालने का आरोप लगाया है, जिसने पूरे देश का ध्यान अपनी ओर खींच लिया है. इस घटना ने बड़े पैमाने पर आक्रोश पैदा किया है. कई लोग सबूत मिटाने के लिए “सफाई अभियान” चलाने का आरोप लगा रहे हैं और बेंगलुरु पुलिस से जांच की मांग कर रहे हैं. कुछ यूजर्स ने, जिन्होंने पहले गायब फाइलों को सेव कर लिया था, उन्हें विभिन्न प्लेटफार्मों पर फिर से अपलोड कर दिया है ताकि जनता को उनकी पहुंच बनी रहे. आरोप यह भी लगाए जा रहे हैं कि कानून एजेंसियों ने गूगल के साथ मिलकर फाइलों को हटाने का काम किया है.
जौनपुर की फैमिली कोर्ट में चल रहा था केस
अतुल ने निकिता के पर कई तरह के फर्जी मुकदमे दर्ज कराने के आरोप लगाए थे. बाद में निकिता सिंघानिया ने तलाक का मुकदमा और सीजेएम कोर्ट में हत्या, मारपीट और अप्राकृतिक यौन संबंध के मुकदमे को बाद में वापस ले लिया था. जौनपुर की अदालत में सुभाष पर तीन मुकदमे चल रहे हैं. इसमें एक मुकदमा दहेज प्रथा और मारपीट को लेकर है जिस पर अगली सुनवाई 12 जनवरी 2025 को तय है.
Tags: Bengaluru News, Bengaluru police
FIRST PUBLISHED :
December 17, 2024, 17:09 IST