Last Updated:May 26, 2025, 19:14 IST
सेंट्रल अप्रेंटिसशिप काउंसिल की बैठक में अप्रेंटिसशिप स्टाइपेंड 12,300 रुपये तक बढ़ाने का प्रस्ताव आया. कौशल विकास मंत्री जयंत चौधरी ने बैठक की अध्यक्षता की. प्रस्ताव को कैबिनेट में भेजा जाएगा.

सेंट्रल अप्रेंटिसशिप काउंसिल की बैठक में शामिल केन्द्रीय मंत्री जयंत चौधरी व अधिकारी.
नई दिल्ली. विज्ञान भवन में सेंट्रल अप्रेंटिसशिप काउंसिल (सीएसी) की 38वीं बैठक हुई. इस बैठक की अध्यक्षता कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री श्री जयंत चौधरी ने की. बैठक में नेशनल अप्रेंटिसशिप प्रमोशन स्कीम (एनएपीएस) और नेशनल अप्रेंटिसशिप ट्रेनिंग स्कीम (एनएटीएस) के तहत दी जाने वाली शिक्षुता स्टाइपेंड में 30% बढ़ोतरी की सिफारिश की गई. मौजूदा स्टाइपेंड 5,000-9,000 रुपये से बढ़ाकर 6,800-12,300 रुपये करने का प्रस्ताव है. इससे युवाओं का शिक्षुता छोड़ने का दर कम होगा और ज्यादा लोग इसमें हिस्सा लेंगे.
यह स्टाइपेंड हर दो साल में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) के आधार पर स्वतः समायोजित होगा. यह प्रक्रिया कौशल विकास मंत्रालय के तहत होगी और बाद में इसे अप्रेंटिसशिप नियम, 1992 के तहत समिति को बताया जाएगा. इस प्रस्ताव को अंतिम मंजूरी के लिए कैबिनेट में भेजा जाएगा.
जयंत चौधरी ने कहा कि शिक्षुता सिर्फ कौशल विकास का साधन नहीं, बल्कि शिक्षा, उद्योग और रोजगार को जोड़ने का सेतु है. एनएपीएस और एनएटीएस के जरिए इसे और बेहतर, जवाबदेह और आकर्षक बनाया जा रहा है. माइक्रो-एप्रेंटिसशिप, वैकल्पिक ट्रेड और उच्च शिक्षा संस्थानों को अधिक स्वायत्तता जैसे कदमों से इसका प्रभाव बढ़ेगा.
बैठक में शिक्षुता को शिक्षा के साथ जोड़ने पर जोर दिया गया. इसमें “डिग्री अप्रेंटिसशिप”, “संस्थान”, “यूजीसी” और “संविदा कर्मचारी” जैसे नए शब्दों को परिभाषित करने का प्रस्ताव है, जिससे शिक्षा और नौकरी प्रशिक्षण को बेहतर जोड़ा जा सके. नियोक्ताओं को ऑनलाइन, वर्चुअल या मिश्रित तरीके से बुनियादी और व्यावहारिक प्रशिक्षण देने की सुविधा भी दी जाएगी.
इसके अलावा, क्षेत्रीय बोर्ड बनाने का प्रस्ताव है, जिससे एनएटीएस और शिक्षुता डिग्री प्रोग्राम को बेहतर ढंग से संचालित किया जा सके. समावेशिता के लिए “बेंचमार्क दिव्यांगता” की परिभाषा जोड़ी जाएगी, जिससे दिव्यांग व्यक्तियों के लिए उपयुक्त ट्रेड और प्रशिक्षण स्थान आरक्षित किए जा सके.
बैठक में स्टाइपेंड को स्थान के आधार पर अलग-अलग करने, उद्योगों की सूची को 2008 एनआईसी कोड के अनुसार अपडेट करने और नए क्षेत्रों जैसे आईटी, टेलीकॉम, बायोटेक्नोलॉजी और नवीकरणीय ऊर्जा को शामिल करने की बात हुई.
19 मई 2025 तक एनएपीएस के तहत 43.47 लाख ट्रेनिंग करने वाले 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 51,000 से अधिक प्रतिष्ठानों में शामिल हुए हैं. इसमें 20% महिलाएं हैं. एनएटीएस में 2024-25 में 5.23 लाख शिक्षु शामिल हुए.
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