Russia Ukraine war: युद्ध में लगभग तबाह हो चुके यूक्रेन में कब शांति आएगी कोई नहीं जानता. इस बीच यूक्रेन पीस प्लान को लेकर एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. इस कथित पीस प्लान के बारे में कहा जा रहा है कि अक्टूबर 2025 के अंत में मियामी के एक होटल में हुई एक सीक्रेट बैठक ने अमेरिकी विदेश नीति और यूक्रेन युद्ध को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. दावा किया जा रहा है कि उस मीटिंग में राष्ट्रपति पुतिन का एक बेहद करीबी शख्स मौजूद था. सूत्रों से हवाले से आई रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि मियामी की मीटिंग में मौजूद वो शख्स कोई और नहीं बल्कि 'रशियन डायरेक्ट इंवेस्टमेंट फंड' के प्रमुख किरिल दिमित्रिव थे.
अमेरिका ने लगाया था बैन
दिमित्रिव वही शख्स हैं जिन पर अमेरिका ने फरवरी 2022 में रूस के यूक्रेन पर हमले के फौरन बाद तमाम आर्थिक प्रतिबंध जड़ दिए थे. 2022 में यूक्रेन पर रूस के बड़े पैमाने पर हमले के बाद अमेरिकी सरकार ने दिमित्रीव और उनके फंड को ब्लैकलिस्ट कर दिया था. ये बैन असल में अमेरिकी नागरिकों और कंपनियों को उनके साथ डील करने से रोकते हैं.
किसने दी इजाजत?
बैन के बावजूद उन्हें अमेरिका में दाखिल होने के लिए खास मंजूरी दी गई, ये खुलासा होते ही पीस प्लान को लेकर विवाद गहरा गया है. न्यूज़ एजेंसी रॉयटर्स ने अमेरिकी अधिकारी के हवाले से लिखा, 'मीटिंग में स्टीव विटकॉफ, ट्रंप के दामाद जेरेड कुशनर और दिमित्रीव शामिल थे.
आपको बताते चलें दिमित्रिव की पहचान रूस के उन प्रभावशाली व्यवसायिक और राजनीतिक चेहरों में होती है जो क्रेमलिन के बेहद करीबी माने जाते हैं. अमेरिकी प्रतिबंधों के बाद भी उनकी मौजूदगी न केवल आश्चर्य का विषय बनी बल्कि यह बताती है कि रूस-अमेरिका के बीच युद्ध और प्रतिबंधों की परतों में भी पर्दे के पीछे संवाद के रास्ते खुले हुए हैं.
पुतिन के करीबी माने जाने वाले दिमित्रिव ने अमेरिका पहुंचने की जानकारी अपने एक्स पोस्ट पर दी थी. 24 अक्टूबर की पोस्ट में कहा, “अमेरिका-रूस बातचीत जारी रखने के लिए अमेरिका पहुंचा हूं. अमेरिका की तरफ से न्योता मिला. फिर कुछ समय पहले इस दौरे का प्लान बनाया गया था. ऐसी बातचीत दुनिया के लिए बहुत जरूरी है और इसे रूस की स्थिति को पूरी तरह समझते हुए और उसके राष्ट्रीय हितों का सम्मान करते हुए जारी रखना चाहिए.'
इस मुलाकात की सबसे खास बात यह रही कि इसी के बाद यूक्रेन-रूस युद्ध खत्म करने के लिए एक 28-बिंदुओं वाला शांति प्रस्ताव तैयार किया गया, जिसे लेकर पश्चिमी देशों और खुद यूक्रेन ने गंभीर आपत्तियां जताई हैं. उनका कहना है कि यह प्लान यूक्रेन से अपनी भूमि छोड़ने, सैन्य क्षमता सीमित करने, और नाटो से दूर रहने जैसी मांगें करता है. यह ऐसा है जो रूस की इच्छा-सूची जैसा है, न कि यूक्रेन के हितों के अनुरूप. (IANS)

1 hour ago
