नई दिल्ली. विधानसभा चुनाव से ठीक पहले अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी को तगड़ा झटका लगा है. नजफगढ़ से विधायक और आतिशी सरकार में मंत्री कैलाश गहलोत ने आम आदमी पार्टी की सदस्यता छोड़ दी है. उन्होंने मंत्री पद से भी इस्तीफा दे दिया है. मुख्यमंत्री आतिशी मर्लेना ने उनके त्यागपत्र को स्वीकार भी कर लिया है. कैलाश गहलोत का अगला राजनीतिक कदम क्या होगा, इसके बारे में भी किसी तरह की पुष्ट जानकारी सामने नहीं आई है. हालांकि, उनके इस्तीफे के बाद दिल्ली की सियासत गर्मा गई है. आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी शुरू हो गया है. साथ ही यह भी कहा जा रह है कि केंद्रीय एजेंसियों जैसे ED और CBI के बढ़ते दबाव के चलते उन्होंने पार्टी की सदस्यता छोड़ने के साथ ही मंत्री पद भी त्याग दिया.
आम आदमी पार्टी के सीनियर लीडर और राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने कैलाश गहलोत के इस्तीफे के बाद कड़ी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा, ‘यह बीजेपी की घिनौनी राजनीति और षडयंत्र का हिस्सा है. बीजेपी की सरकार ने उनपर ईडी के छापे मरवाए. ईडी के दफ्तर में बिठाकर उनसे घंटों पूछताछ की गई और उन्हें (कैलाश गहलोत) मानसिक तौर से प्रताड़ित किया गया. उनके घर पर इनकम टैक्स का छापा कई दिनों तक चला था. उनपर 112 करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार का आरोप तक लगाया गया. उनपर दबाव बनाया गया, जिसके चलते उन्होंने यह फैसला लिया.’ संजय सिंह के इन आरोपों के बाद यह समझना और जानना जरूरी है कि कैलश गहलोत के खिलाफ कितने और कैसे आरोप लगे हैं?
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FIRST PUBLISHED :
November 17, 2024, 18:21 IST