आकाशदीप ने क्यों छोड़ दी थी क्रिकेट? फिर संघर्ष का सफर तय कर बने चमकता सितारा

3 hours ago

Last Updated:July 07, 2025, 08:47 IST

Akash Deep Cricketer: बिहार के सासाराम के छोटे से गांव बड्डी से निकलकर आकाशदीप ने क्रिकेट की दुनिया में भारत का नाम ऊंचा किया है. इंग्लैंड की धरती पर 39 साल बाद एक भारतीय गेंदबाज ने जो कमाल किया वह आकाशदीप है. ...और पढ़ें

आकाशदीप ने क्यों छोड़ दी थी क्रिकेट? फिर संघर्ष का सफर तय कर बने चमकता सितारा

सासाराम के आकाशदीप ने इंग्लैंड के खिलाफ 10 विकेट लेकर इतिहास रच दिया.

हाइलाइट्स

आकाशदीप ने इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट मैच में 10 विकेट लेकर 39 साल बाद चेतन शर्मा का रिकॉर्ड दोहराया. पिता और भाई के निधन के बाद निराश आकाशदीप ने हिम्मत जुटाकर भारतीय टीम में अपनी जगह पक्की की. सासाराम के बड्डी गांव में खुशी का माहौल, आकाशदीप की अकादमी सैकड़ों बच्चों के लिए प्रेरणा का केंद्र बनी.

पटना/साराराम. बिहार के सासाराम के बड्डी गांव के आकाशदीप ने क्रिकेट की दुनिया में वह कर दिखाया, जो 39 साल बाद किसी भारतीय गेंदबाज ने इंग्लैंड की धरती पर किया. इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट मैच में 10 विकेट लेकर आकाशदीप ने न केवल भारत को ऐतिहासिक जीत दिलाई, बल्कि अपने गांव और देश का नाम भी रोशन किया. पहली पारी में चार और दूसरी पारी में छह विकेट लेकर उन्होंने 1986 में चेतन शर्मा के बाद यह कारनामा दोहराया. उनकी इस उपलब्धि से सासाराम में खुशी की लहर है और गांववाले इसे गर्व का पल मान रहे हैं. लेकिन, आकाशदीप की सफलता का यह सफर आसान नहीं था.संघर्ष के रास्ते वह आज क्रिकेट का सितारा बनने में सफल हुए हैं. बता दें कि एक समय ऐसा भी था जब वह बेहद मायूस थे और अपने भविष्य को लेकर निराश हो चुके थे. लेकिन, खुद को हौसला दिया, स्वयं को तैयार किया और इंडियन टीम में शमिल होने में कामयाब रहे. अब अंग्रेजों को उसी की धरती पर धूल चटाने में अपनी बड़ी भूमिका निभाई.

बिहार के रोहतास जिले के एक साधारण परिवार में जन्मे आकाशदीप के पिता रामजी सिंह एक शारीरिक शिक्षक थे, लेकिन क्रिकेट को लेकर उनका रवैया सख्त था. आकाशदीप को क्रिकेट खेलने की इजाजत नहीं थी, लेकिन उनकी जिद और जुनून ने उन्हें सासाराम से दुर्गापुर और फिर कोलकाता पहुंचाया. वर्ष 2015 में उनके जीवन में त्रासदी आई जब पहले उनके पिता का निधन हुआ और दो महीने बाद बड़े भाई भी चल बसे. परिवार की जिम्मेदारी और आर्थिक तंगी ने उन्हें तीन साल तक क्रिकेट से दूर रखा. इस दौरान वह अपनी मां लड्डूमा देवी और भतीजियों की देखभाल में जुटे रहे. निराशा के दौर में भी आकाशदीप ने हार नहीं मानी और क्रिकेट के सफर को आगे बढ़ाते गए. खराब समय में भी उन्होंने अपने हौसला को बरकरार रखा और पश्चिम बंगाल की तरफ से खेलते हुए आज सासाराम का नाम रोशन कर दिया है. यह कहानी एक साधारण लड़के की असाधारण उपलब्धि की है जिसने अंग्रेजों को उसी की जमीन पर धूल चटाई.

इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट मैच में 10 विकेट लेकर आकाशदीप ने 39 साल बाद भारत को एक बार फिर बड़ी सफलता दिलाई है. चेतन शर्मा के बाद आकाशदीप ने यह कारनामा कर दिखाया है.

संघर्ष से शिखर तक का सफर

अपने चचेरे भाई वैभव कुमार के सहयोग से वे दुबई में टूर्नामेंट खेलने गए और फिर कोलकाता में बंगाल की अंडर-23 टीम में जगह बनाई. 2017-18 में कोलकाता मैदान में 42 विकेट लेकर उन्होंने सबका ध्यान खींचा. रणजी ट्रॉफी में शानदार प्रदर्शन के बाद 2022 में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर ने उन्हें आईपीएल के लिए चुना. इसके बाद इंडिया-ए और फिर भारतीय टीम तक का उनका सफर प्रेरणादायी रहा. रांची में 2024 में इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट डेब्यू के दौरान उनकी मां स्टेडियम में मौजूद थीं जो उनके लिए भावुक पल था. आज आकाशदीप सासाराम में अपनी क्रिकेट अकादमी के जरिए सैकड़ों बच्चों को प्रेरित कर रहे हैं. इनकी कहानी साबित करती है कि कठिनाइयों के बावजूद हौसले और मेहनत से असंभव को भी संभव बनाया जा सकता है.

सासाराम का गौरव आकाशदीप

बता दें कि एजबेस्टन टेस्ट मैच में आकाशदीप ने 10 विकेट झटके जिससे भारत की जीत पक्की हो सकी. पहली पारी में 4 और दूसरी पारी मं 6 विकेट लिये. यहां यह भी बता दें कि वर्ष 1986 के बाद इंग्लैंड की धरती पर कोई भारतीय ने यह कमाल दिखाया है.39 साल पहले चेतन शर्मा ने यह कर दिखाया था. अब आकाशदीप ने 10 विकेट लेकर सबको आज आश्चर्यचकित कर दिया है. आकाशदीप की सफलता पर गांव के लोग काफी खुश हैं. चूंकि आकाशदीप के घर पर फिलहाल उनकी माता जी लड्डूमा देवी नहीं है. वह अभी लखनऊ में हैं. लेकिन फिर भी सासाराम में खुशी का माहौल है. उनके चाचा गुरु प्रसाद, श्यामलाल कहते हैं कि आकाशदीप ने अंग्रेजों की धरती पर जाकर धूल चटाने का काम किया है इससे वे लोग काफी खुश हैं. आकाशदीप उनके गांव का नाम रोशन किया है. अब आकाशदीप का भारतीय क्रिकेट टीम में स्थान हमेशा के लिए पक्का हो गया है. आकाशदीप की सफलता से गांव के लोग काफी खुश हैं और उन्हें बधाई दे रहे हैं.

Vijay jha

पत्रकारिता क्षेत्र में 22 वर्षों से कार्यरत. प्रिंट, इलेट्रॉनिक एवं डिजिटल मीडिया में महत्वपूर्ण दायित्वों का निर्वहन. नेटवर्क 18, ईटीवी, मौर्य टीवी, फोकस टीवी, न्यूज वर्ल्ड इंडिया, हमार टीवी, ब्लूक्राफ्ट डिजिट...और पढ़ें

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