क्या CJI को रिटायरमेंट के बाद निजी घर में जाना होता है,क्या सुविधाएं मिलती है

3 hours ago

भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ के सरकारी आवास खाली नहीं करने का मामला इस समय खबरों में है. इस बीच ये खबरें भी आ गईं कि वो इसे खाली कर रहे हैं. क्या देश के रिटायर मुख्य न्यायाधीश को कोई सरकारी आवास नहीं मिलता, जिस तरह राष्ट्रपति को मिलता है, तो इसका जवाब यही है कि नहीं मिलता है. अलबत्ता उन्हें रिटायरमेंट के बाद कई सुविधाएं सरकार की ओर से जरूर मिलती हैं.

भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) को रिटायरमेंट के बाद सरकारी बंगला स्थायी रूप से रहने के लिए नहीं मिलता. नियमों के अनुसार, रिटायरमेंट के बाद पूर्व CJI को अधिकतम छह महीने तक सरकारी आवास (आमतौर पर टाइप-VII श्रेणी) में रहने की अनुमति होती है. इस अवधि के बाद उन्हें वह बंगला खाली करना होता है.

विशेष परिस्थितियों में, यदि मौजूदा CJI या सुप्रीम कोर्ट प्रशासन की अनुमति मिले तो इस समय को कुछ बढ़ाया जा सकता है, वो भी सीमित समय के लिए ही. पूर्व CJI डीवाई चंद्रचूड़ को पारिवारिक कारणों के चलते कुछ अतिरिक्त समय दिया गया था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट प्रशासन ने स्पष्ट कर दिया कि अब और विस्तार नहीं दिया जा सकता. बंगला तत्काल खाली करना होगा. उन्हें दूसरा सरकारी बंगला स्थायी रूप से रहने के लिए नहीं मिलता.

मतलब रिटायरमेंट के बाद प्राइवेट घर में रहना होता है

जी हां, रिटायरमेंट के छह महीने बाद भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) को सरकारी बंगला खाली करना होता है. इसके बाद उन्हें अपने प्राइवेट घर या किसी अन्य निजी व्यवस्था में ही रहना पड़ता है.

क्या उन्हें इसका किराया देना होता है

नियमों के अनुसार, रिटायरमेंट के बाद भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) को छह महीने तक सरकारी आवास (टाइप VII बंगला) में बिना किराया दिए रहने की अनुमति है. इस अवधि में उनसे कोई किराया नहीं वसूला जाता. बस लाइसेंस फीस ली जाती है.

यदि कोई पूर्व CJI निर्धारित छह महीने की अवधि के बाद भी सरकारी आवास में रहते हैं, तो उन्हें सरकारी नियमों के अनुसार किराया देना होता है. उदाहरण के लिए, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ को 11 दिसंबर 2024 से 30 अप्रैल 2025 तक टाइप VIII बंगले में रहने के लिए ₹5,430 प्रति माह की मामूली लाइसेंस फीस पर अनुमति दी गई थी. यह राशि सामान्य किराए से काफी कम होती है. इसे “लाइसेंस फीस” कहा जाता है.

क्या रिटायर सीजेआई चंद्रचूड़ के पास अपना कोई प्राइवेट घर है

उपलब्ध जानकारी के अनुसार, रिटायरमेंट के बाद पूर्व CJI डीवाई चंद्रचूड़ के पास अपना कोई स्थायी प्राइवेट घर नहीं था जिसमें वे तुरंत शिफ्ट हो सकते. उन्होंने खुद बताया कि उनकी दोनों बेटियों को विशेष देखभाल की जरूरत है. उनके परिवार के लिए उपयुक्त घर ढूंढने या तैयार करने में समय लग रहा है.

रिटायरमेंट के समय उनके पास तुरंत रहने लायक प्राइवेट घर उपलब्ध नहीं था; वे या तो सरकारी आवास में रह रहे थे या फिर सरकार द्वारा अलॉट किए गए दूसरे घर के तैयार होने का इंतजार कर रहे थे.

रिटायरमेंट के बाद कितनी पेंशन

रिटायरमेंट के बाद भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) को पेंशन और सुविधाएं मिलती हैं

पेंशन – ₹16,80,000 प्रति वर्ष (यानी लगभग ₹1,40,000 प्रति माह) पेंशन मिलती है.
– इसके अलावा, महंगाई राहत (Dearness Relief) अलग से दी जाती है.
– ग्रेच्युटी के रूप में ₹20 लाख रुपये मिलते हैं.

रिटायर के बाद क्या सुविधाएं

– छह महीने तक दिल्ली में टाइप-VII रेंट-फ्री सरकारी आवास (बंगला) मिलता है.
– रिटायरमेंट के बाद 5 वर्षों तक आवास पर चौबीसों घंटे निजी सुरक्षा गार्ड की सुविधा रहती है।
– घरेलू सहायक और ड्राइवर: जीवन भर के लिए घरेलू सहायक और ड्राइवर की सुविधा मिलती है।
– फ्री टेलीफोन, मोबाइल, ब्रॉडबैंड: आवास पर टेलीफोन, मोबाइल, ब्रॉडबैंड आदि के लिए ₹4,200 प्रति माह
– हमेशा के लिए एक दफ्तरी सहायक (सेक्रेटेरियल असिस्टेंट) मिलता है।
– हवाई अड्डों पर सेरेमोनियल लाउंज का लाभ मिलता है

इस समय भारत में कितने रिटायर सीजेआई

जुलाई 2025 तक भारत में जीवित सुप्रीम कोर्ट के रिटायर मुख्य न्यायाधीशों की संख्या 7 है.

रिटायर होने के बाद क्यों वकालत नहीं कर सकते सीजेआई

रिटायर होने के बाद सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश (CJI) वकालत नहीं कर सकते, क्योंकि भारतीय संविधान का अनुच्छेद 124(7) स्पष्ट रूप से यह प्रतिबंध लगाता है. इस अनुच्छेद के अनुसार, कोई भी व्यक्ति जिसने सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में पद धारण किया है, वह भारत की सीमा के भीतर किसी भी न्यायालय या प्राधिकरण के समक्ष वकालत या पेशेवर कानूनी कार्य नहीं कर सकता.
– रिटायर जज अगर वकालत करें तो उनके प्रभाव, प्रतिष्ठा या पूर्व निर्णयों का असर अन्य जजों पर पड़ सकता है, जिससे निष्पक्षता पर सवाल उठ सकते हैं.
– जिस कोर्ट में उन्होंने फैसले दिए, वहां वकील के रूप में पेश होना हितों के टकराव की स्थिति पैदा कर सकता है.
– सुप्रीम कोर्ट के जजों की संवैधानिक गरिमा बनाए रखने के लिए यह जरूरी समझा गया है।
– CJI के पास संवेदनशील और गोपनीय सूचनाएं होती हैं, जिनका दुरुपयोग न हो, इसलिए भी यह रोक लगाई गई है.
हालांकि, रिटायरमेंट के बाद पूर्व CJI मध्यस्थता, आयोगों, ट्रिब्यूनल या अन्य सार्वजनिक सेवाओं में नियुक्त हो सकते हैं.

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