आज है भारत बंद, 25 करोड़ कर्मचारी हड़ताल पर, जानें क्या खुला-क्या बंद?

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Last Updated:July 09, 2025, 06:08 IST

Bharat Bandh Today Live Updates देशभर में 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों और किसान संगठनों ने केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ 'भारत बंद' बुलाया है. इस हड़ताल में 25 करोड़ से अधिक कर्मचारियों और ग्रामीण मजदूरों के श...और पढ़ें

आज है भारत बंद, 25 करोड़ कर्मचारी हड़ताल पर, जानें क्या खुला-क्या बंद?

देशभर के 10 ट्रेड यूनियनों और किसानों संगठनों ने आज भारत बंद बुलाया है.

देशभर के 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों और किसान संगठनों के संयुक्त मंच ने आज ‘भारत बंद’ बुलाया है. यह हड़ताल केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ बुलाई गई है, जिसमें बैंकिंग, परिवहन, डाक सेवाएं, खनन, और निर्माण जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों के 25 करोड़ से अधिक कर्मचारियों और ग्रामीण मजदूरों के शामिल होने की उम्मीद है. यह हड़ताल केंद्र सरकार की कथित ‘मजदूर विरोधी, किसान विरोधी और कॉर्पोरेट समर्थक’ नीतियों के खिलाफ एकजुटता का प्रदर्शन है. हालांकि, स्कूल, कॉलेज और प्राइवेट ऑफिसों के खुले रहने की संभावना है, लेकिन परिवहन और अन्य सेवाओं में रुकावट से रोजमर्रा की जिंदगी पर असर पड़ सकता है.

Bharat Bandh Today Live Updates: आज भारत बंद में कौन-कौन शामिल है?

भारत बंद लाइव अपडेट्स: इस हड़ताल को 10 प्रमुख केंद्रीय ट्रेड यूनियनों का समर्थन प्राप्त है, जिनमें शामिल हैं…
ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस (AITUC)
इंडियन नेशनल ट्रेड यूनियन कांग्रेस (INTUC)
सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन्स (CITU)
हिंद मजदूर सभा (HMS)
सेल्फ एम्प्लॉयड वीमेन्स एसोसिएशन (SEWA)
लेबर प्रोग्रेसिव फेडरेशन (LPF)
यूनाइटेड ट्रेड यूनियन कांग्रेस (UTUC)
ऑल इंडिया सेंट्रल काउंसिल ऑफ ट्रेड यूनियन्स (AICCTU)
ट्रेड यूनियन कोऑर्डिनेशन सेंटर (TUCC)
ऑल इंडिया यूनाइटेड ट्रेड यूनियन सेंटर (AIUTUC)

इसके अलावा, संयुक्त किसान मोर्चा और रेलवे, NMDC लिमिटेड, स्टील उद्योग, और उत्तर प्रदेश में बिजली वितरण कंपनियों के 27 लाख कर्मचारी भी इस हड़ताल में शामिल हो रहे हैं. ऑल इंडिया बैंक एम्प्लॉइज एसोसिएशन (AIBEA) और बंगाल प्रोविंशियल बैंक एम्प्लॉइज एसोसिएशन ने भी बैंकिंग और बीमा क्षेत्रों के कर्मचारियों की भागीदारी की बात कही है.

Bharat Bandh Today Live Updates: भारत बंद का मकसद और मांगें

ट्रेड यूनियनों और किसान संगठनों ने केंद्र सरकार की नई श्रम संहिताओं, सरकारी संपत्तियों के निजीकरण, और बढ़ती बेरोजगारी के खिलाफ यह हड़ताल बुलाई है. यूनियनों का कहना है कि सरकार की नीतियां कर्मचारियों और किसानों के हितों को नजरअंदाज कर कॉर्पोरेट्स को फायदा पहुंचा रही हैं. इस हड़ताल को 1991 में उदारीकरण नीतियों की शुरुआत के बाद से 22वां सामान्य हड़ताल माना जा रहा है. यूनियनों ने श्रम मंत्री मनसुख मंडाविया को पिछले साल 17 सूत्री मांगों का एक चार्टर सौंपा था, जिसका कोई जवाब नहीं मिला.

ये प्रमुख मांगें इस प्रकार हैं…

चार नई श्रम संहिताओं को वापस लेना
युवाओं के लिए रोजगार सृजन और सरकारी रिक्तियों को भरना
26,000 रुपये न्यूनतम वेतन की गारंटी
पुरानी पेंशन योजना की बहाली
8 घंटे के कार्यदिवस की गारंटी
MGNREGA का शहरी क्षेत्रों में विस्तार
अग्निपथ योजना को रद्द करना
हड़ताल और यूनियन बनाने के अधिकार की रक्षा
सार्वजनिक सेवाओं जैसे स्वास्थ्य और शिक्षा को मजबूत करना

Location :

New Delhi,Delhi

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