Last Updated:May 11, 2025, 07:54 IST
भारत-पाकिस्तान के बीच 3 दिन की गोलाबारी के बाद सीजफायर हुआ. अमेरिका ने मध्यस्थता की, जबकि भारत ने इसे सीधा समझौता बताया. पाकिस्तान ने सीजफायर के बाद भी कश्मीर में ड्रोन हमला किया.

भारत पाकिस्तान सीजफायर के लिए कैसे हुए तैयार?
हाइलाइट्स
भारत-पाकिस्तान के बीच 3 दिन की गोलाबारी के बाद सीजफायर हुआ.अमेरिका ने मध्यस्थता कर सीजफायर कराया.सीजफायर के बाद भी पाकिस्तान ने कश्मीर में ड्रोन हमला किया.India-Pakistan Ceasefire: भारत और पाकिस्तान के बीच 3 दिन की गोलाबारी, मिसाइल और ड्रोन अटैक होता रहा. अब दोनों देशों के बीच जंग पर विराम लग चुका है. दरअसल दोनों देशों के बीच सीजफायर का पूरा क्रेडिट अमेरिका ले रहा है, मगर एक बार तो अमेरिका ने दोनों देशों के बीच जंग पर कह दिया था- None of My Business. मगर, शनिवार को अमेरिका के हाथ ऐसा क्या लगा था कि वह सीजफायर के लिए पूरा एक्टिव हो गया. अमेरिका का कहना है उनको इंटेलिजेंस से खबर मिली थी कि वीकेंड पर दोनों देशों के बीच भीषण जंग हो सकता था.
अमेरिका का कहना है कि इंटेलिजेंस से खबर मिली थी कि वीकेंड पर दोनों के बीच भीषण युद्ध हो सकता है. उपराष्ट्रपति जेडी वेंस और विदेश मंत्री मार्को रुबियो (Marco Rubio) ने दोनों देशों के बीच जारी जंग पर नजर बनाए हुए थे. वेंस ने कहा कि विकेंड पर इंटेंश युद्ध के खतरा को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर बातचीत कर दोनों देशों को तनाव कम करने और युद्धविराम की दिशा में कदम बढ़ने के लिए राजी किया.
पल्ला झाड़ने वाला अमेरिका क्यों किया हस्तक्षेप
अमेरिकी अधिकारियों ने बताया कि खुफिया से वीकेंड पर दोनों देशों के बीच जंग की भीषण रूप ले सकती है. खासकर, जब पाकिस्तान के रावलपिंडी में नूर खान हवाई अड्डे पर भारतीय ड्रोन ने हमला किया. यह सैन्य ठिकाना पाकिस्तान के परमाणु हथियारों की रक्षा करने वाली स्ट्रैटेजिक प्लान्स डिवीजन के मुख्यालय के करीब है. एक पूर्व अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि यह हमला पाकिस्तान की परमाणु कमांड अथॉरिटी को निशाना बनाने की चेतावनी के रूप में देखा जा सकता है, जिससे परमाणु युद्ध का खतरा बढ़ गया.
वांस-मोदी की कूटनीति
वांस ने शुक्रवार दोपहर (Eastern time) मोदी से बात की. भारत को पाकिस्तान से सीधा बात करने के लिए राजी किया. उन्होंने एक “ऑफ-रैंप” (तनाव कम करने का रास्ता) का प्रस्ताव भी रखा. इसे (अमेरिका के अनुसार) पाकिस्तान स्वीकार करने को तैयार था. वांस के नेतृत्व में, विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने दोनों देशों के समकक्षों के साथ रातभर बातचीत की. ट्रंप प्रशासन ने समझौते का मसौदा तैयार करने में हिस्सा नहीं लिया, लेकिन उसकी मुख्य भूमिका दोनों पक्षों को बातचीत की मेज पर लाने की थी.
युद्धविराम की घोषणा
शनिवार को भारत और पाकिस्तान ने पूर्ण और तत्काल युद्धविराम की घोषणा की. डोनाल्ड ट्रंप ने खुद को क्रेडिट देने लगे कि उनकी मध्यस्थता की वजह से ही ये संभव हो पाया. हालांकि, भारत ने सीधे तौर पर तो नहीं मगर, इस दावे को खारिज कर दिया है. भारत के अनुसार, यह दोनों देशों के बीच “सीधा समझौता” था. वहीं, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री युद्ध विराम के बाद अमेरिका को धन्यवाद देते नहीं थक रहे थे. मगर, सीजफायर होने के बाद भी पाकिस्तान ने दोबारा अपनी नापाक हरकत दिखा दी. युद्धविराम के 3 घंटे के बाद ही कश्मीर में खास कर वैष्णों देवी पर ड्रोन हमला कर दिया. हालांकि, भारत ने इसका मुंहतोड़ जवाब दिया.
अमेरिकी रुख में बदलाव
वांस ने गुरुवार को फॉक्स न्यूज़ से कहा था कि यह संघर्ष ‘मूल रूप से हमारा मसला नहीं है.’ अमेरिका दोनों देशों को हथियार डालने के लिए मजबूर नहीं कर सकता. लेकिन खुफिया जानकारी और परमाणु युद्ध की आशंका ने ट्रंप प्रशासन को सक्रिय भूमिका निभाने के लिए मजबूर किया. वांस ने पिछले महीने भारत की यात्रा के दौरान मोदी से मुलाकात की थी. ट्रंप प्रशासन का मानना था कि यह रिश्ता इस संकट में मददगार साबित होगा.
दीप राज दीपक 2022 में न्यूज़18 से जुड़े. वर्तमान में होम पेज पर कार्यरत. राजनीति और समसामयिक मामलों, सामाजिक, विज्ञान, शोध और वायरल खबरों में रुचि. क्रिकेट और मनोरंजन जगत की खबरों में भी दिलचस्पी. बनारस हिंदू व...और पढ़ें
दीप राज दीपक 2022 में न्यूज़18 से जुड़े. वर्तमान में होम पेज पर कार्यरत. राजनीति और समसामयिक मामलों, सामाजिक, विज्ञान, शोध और वायरल खबरों में रुचि. क्रिकेट और मनोरंजन जगत की खबरों में भी दिलचस्पी. बनारस हिंदू व...
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