आसिम मुनीर का प्रमोशन, क्‍या होता है आर्मी चीफ और फील्ड मार्शल में अंतर?

14 hours ago

Last Updated:May 21, 2025, 09:59 IST

India Pakistan, Operation Sindoor, Asim Munir News: ऑपरेशन सिंदूर में भारत से हार के बावजूद पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल आसिम मुनीर को फील्ड मार्शल का तमगा मिला. उनकी इस्लामिक कट्टरता और कुरान के हवाले देने की आ...और पढ़ें

आसिम मुनीर का प्रमोशन, क्‍या होता है आर्मी चीफ और फील्ड मार्शल में अंतर?

Trending GK News, Pakistan Army: आसिम मुनीर बने फील्‍ड मार्शल.

हाइलाइट्स

आसिम मुनीर को फील्ड मार्शल का तमगा मिला.ऑपरेशन सिंदूर में हार के बावजूद प्रमोशन.फील्ड मार्शल रैंक पांच-सितारा और आजीवन होता है.

India Pakistan, Operation Sindoor, Asim Munir News: पाकिस्तान की सेना में एक बार फिर हलचल मची है.ऑपरेशन सिंदूर में भारत से करारी शिकस्त खाने के बावजूद पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल सैयद आसिम मुनीर को फील्ड मार्शल का तमगा दे दिया गया. ये वही आसिम मुनीर हैं,जिनकी इस्लामिक कट्टरता और कुरान के हवाले देने की आदत ने उन्हें पहले से ही चर्चा में रखा है.लेकिन सवाल ये है कि हार के बाद भी ये प्रमोशन क्यों? और आर्मी चीफ और फील्ड मार्शल में आखिर फर्क क्या है?

आर्मी चीफ और फील्ड मार्शल में अंतर क्‍या है?

आर्मी चीफ: ये पाकिस्तान की सेना का सबसे बड़ा बॉस होता है,जिसे चार-सितारा जनरल कहते हैं. ये सेना की कमान संभालता है. जंग की रणनीति बनाता है और सुरक्षा से जुड़े फैसले लेता है.ये पद आमतौर पर तीन साल के लिए होता है और सरकार-प्रधानमंत्री मिलकर इसकी नियुक्ति करते हैं.
फील्ड मार्शल: ये पांच-सितारा रैंक है,जो सेना में सबसे ऊंचा और बेहद खास होता है. ये कोई रोज़ का काम करने वाला पद नहीं. ये आजीवन रहता है और सिर्फ खास मौकों पर दिया जाता है, लेकिन सच कहें तो ये बस एक चमकता हुआ तमगा है,जिसका कोई बड़ा काम नहीं. हालांकि ये बात अलग है कि पाकिस्‍तान में एक बार 1959 में अयूब खान ने इसी तगमे के लेकर तख्‍तापलट तक कर दिया था, हो सकता है कि आसिम मुनीर के मन में भी वही ख्‍वाब पल रहे हों.

ऑपरेशन सिंदूर: पाकिस्तान की शर्मिंदगी

ऑपरेशन सिंदूर में भारत ने पाकिस्तान को ऐसा सबक सिखाया कि उनकी सैन्य ताकत की पोल खुल गई. खबरों के मुताबिक भारतीय सेना ने रावलपिंडी के नूर खान एयरबेस पर सर्जिकल स्ट्राइक की, जिसमें पाकिस्तान के कई आतंकी कैंप और एयर डिफेंस सिस्टम तबाह हो गए. इस दौरान आसिम मुनीर के बंकर में छिपने की खबरें भी आईं,जिसने उनकी साख को और ठेस पहुंचाई. फिर भी, पाकिस्तान की शहबाज शरीफ सरकार ने उन्हें 20 मई 2025 को फील्ड मार्शल बना दिया.ये प्रमोशन तब हुआ,जब ऑपरेशन सिंदूर में हार के बाद पाकिस्तान की सेना और सरकार की किरकिरी हो रही थी. कुछ लोग इसे हार के बाद भी सेना का मनोबल बढ़ाने की कोशिश मानते हैं, तो कुछ इसे सियासी खेल कह रहे हैं.

अयूब खान: खुद को घोषित कर दिया फील्ड मार्शल

1958 से 1969 तक पाकिस्तान के राष्ट्रपति रहे जनरल अयूब खान ने 1959 में खुद को फील्ड मार्शल घोषित कर लिया था. ये कदम तब विवादास्पद रहा,क्योंकि इसे उनका प्रचार माना गया. उस वक्त वह सैन्य शासक थे और 1965 के भारत-पाक युद्ध में उनकी रणनीति की खूब चर्चा हुई,लेकिन उनकी नीतियों ने देश में अस्थिरता भी पैदा की. अयूब का फील्ड मार्शल बनना बिना औपचारिक प्रक्रिया के हुआ,जिसे लोग उनकी सत्ता की भूख से जोड़ते हैं.

आसिम मुनीर: हार के बाद भी ताज!

20 मई 2025 को शहबाज शरीफ सरकार ने आसिम मुनीर को फील्ड मार्शल बनाया. ये दूसरा मौका है,जब पाकिस्तान में किसी को ये रैंक दी गई.ऑपरेशन सिंदूर में भारत से मिली शिकस्त के बाद ये प्रमोशन हास्यास्पद लगता है. मुनीर की इस्लामिक कट्टरता और कुरान के हवाले देने की आदत ने उन्हें पहले से चर्चा में रखा था, लेकिन इस प्रमोशन ने सवाल खड़े किए हैं. कुछ का मानना है कि ये सेना का प्रभाव बढ़ाने की कोशिश है,तो कुछ इसे मार्शल लॉ की ओर बढ़ता कदम मान रहे हैं.

authorimg

Dhiraj Raiअसिस्टेंट एडिटर

न्यूज़18 हिंदी (Network 18) डिजिटल में असिस्टेंट एडिटर के तौर पर कार्यरत. करीब 13 वर्ष से अधिक समय से मीडिया में सक्रिय. हिन्दुस्तान, दैनिक भास्कर के प्रिंट व डिजिटल संस्करण के अलावा कई अन्य संस्थानों में कार्य...और पढ़ें

न्यूज़18 हिंदी (Network 18) डिजिटल में असिस्टेंट एडिटर के तौर पर कार्यरत. करीब 13 वर्ष से अधिक समय से मीडिया में सक्रिय. हिन्दुस्तान, दैनिक भास्कर के प्रिंट व डिजिटल संस्करण के अलावा कई अन्य संस्थानों में कार्य...

और पढ़ें

भारत पाकिस्तान की ताज़ा खबरें News18 India पर देखें

homecareer

आसिम मुनीर का प्रमोशन, क्‍या होता है आर्मी चीफ और फील्ड मार्शल में अंतर?

Read Full Article at Source