Indonesia News: इंडोनेशिया के फ्लोरेस द्वीप में ज्वालामुखी विस्फोट के कारण कम से कम नौ लोगों की मौत हो गई है. ज्वालामुखी विस्फोट के कारण गुरुवार से रोजाना 2,000 मीटर (6,500 फुट) की ऊंचाई तक राख उठ रही है. इंडोनेशिया की आपदा प्रबंधन एजेंसी ने सोमवार को यह जानकारी दी. प्राधिकारियों ने पिछले सप्ताह हुए ज्वालामुखी विस्फोटों के बाद सोमवार को माउंट लेवोटोबी लाकी लाकी के लिए खतरे का स्तर तथा जोखिम संभावित क्षेत्र का आकार बढ़ा दिया.
देश की ज्वालामुखी विज्ञान एजेंसी ने ज्वालामुखी विस्फोट बढ़ने के साथ ही चेतावनी की स्थिति को उच्चतम स्तर तक बढ़ा दिया है और निषिद्ध क्षेत्र के दायरे को सोमवार को आधी रात के बाद दोगुना से अधिक बढ़ाकर सात किलोमीटर (4.3 मील) कर दिया.
हवा में सैकड़ों मीटर ऊपर तक फैली राख
माउंट लेवोटोबी लाकी लाकी के एक अधिकारी फिरमान योसेफ ने बताया कि सोमवार को आधी रात के बाद हुए विस्फोट के कारण 2,000 मीटर ऊंचाई तक राख हवा में फैल गई और गर्म राख ने पास के एक गांव को अपनी चपेट में ले लिया, जिससे कैथोलिक नन के एक कॉन्वेंट सहित कई मकान जल गए और कम से कम नौ लोगों की मौत हो गई.
ज्वालामुखी विज्ञान और भूगर्भीय खतरा न्यूनीकरण केंद्र (PVMBG) के प्रवक्ता हादी विजया ने कहा, 'विस्फोट के बाद बिजली गुल हो गई, जिसके बाद भारी बारिश और तीव्र बिजली गिरी, जिससे निवासियों में दहशत फैल गई.' अधिकारियों ने ज्वालामुखी की स्थिति को स्तर IV तक बढ़ा दिया है, जो उच्चतम चेतावनी स्तर है.
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हादी ने कहा कि ज्वालामुखी से निकले लावा और चट्टानों ने क्रेटर से लगभग चार किलोमीटर (दो मील) दूर नजदीकी बस्तियों को प्रभावित किया. घर जल गए और क्षतिग्रस्त हो गए. हादी ने कहा, 'हमने आज सुबह से ही निवासियों को क्रेटर से लगभग 20 किलोमीटर (13 मील) दूर स्थित अन्य गांवों में पहुंचाना शुरू कर दिया है.'
इंडोनेशिया 'प्रशांत रिंग ऑफ फायर' पर स्थित है, जो तीव्र भूकंपीय गतिविधि वाला क्षेत्र है, जहां अनेक टेक्टोनिक प्लेटें एक दूसरे से मिलती हैं. (भाषा इनपुट्स)